- 1998 से 2009 तक आम चुनावों तक 12 फीसदी से अधिक कम हो गया पोलिंग परसेंटेज
- 10 अप्रैल को है चुनाव, अधिकारियों को छूट रहे हैं पसीने
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Meerut : ये बात बताने की जरुरत नहीं है कि दो साल पहले विधानसभा चुनावों में मेरठ में रिकॉर्ड पोलिंग हुई थी, जिसका नतीजा भी सभी ने देखा। लेकिन विधानसभा और लोकसभा दोनों ही अलग-अलग समर हैं। प्रत्याशी अलग हैं। मुद्दे अलग हैं। अगर इतिहास की बात करें तो करीब 16 वर्ष पहले लोगों ने लोकसभा के चुनावों में पोलिंग के मामले में सारे रिकॉर्ड्स धराशाई कर दिए थे। उसके बाद से इस जिले को पता नहीं किसकी नजर लगी कि वर्ष 2009 तक पोलिंग परसेंटेज कम होता रहा। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर इन चुनावों में पोलिंग का परसेंटेज कितना रहा और लगातार घटने का क्या कारण रहा
1998 में टूटे थे रिकॉर्ड
अगर बात अब से 16 साल पुरानी करें तो उस वर्ष मेरठ में लोकसभा चुनावों में पोलिंग 60.36 फीसदी हुई थी। जबकि टोटल 12 लाख 63 हजार 086 वोटर थे और करीब 7 लाख 62 हजार 399 लोगों ने अपने मत का इस्तेमाल किया था। पब्लिक ने दिल खोलकर अपने मत का इस्तेमाल किया था, लेकिन उसके बाद मेरठ में इस तरह की स्थिति दो वर्ष पूर्व विधानसभा के चुनावों में आ पाई। जब लोगों ने 60 फीसदी से ऊपर लोगों को मत दिया।
12 फीसदी की गिरावट
अब हम आपके सामने जो आंकड़े दिखाने जा रहे हैं, उसे देखकर आप भी चौंक जाएंगे। 1998 के बाद से जितने भी आम चुनाव हुए उनमें से घटतेक्रम से वोटिंग परसेंटेज सामने आया। जो वर्ष 2009 के चुनाव में 12 फीसदी से भी ज्यादा घट गया। 1999 के आम चुनाव जब हुए तो वोट फीसदी 60 फीसदी से कम यानि 59.57 फीसदी रह गया। 2004 के चुनावों में फीसदी मामला और भी ज्यादा घटते हुए मत प्रतिशत 52.44 फीसदी पर आ गया। वर्ष 2009 में हालत और भी खराब हो गई। बहुत कम लोगों 48.73 फीसदी लोगों ने अपने मतों का इस्तेमाल किया।
आखिर क्यों खराब हुई परफोर्मेस?
निर्वाचन कार्यालय के अधिकारियों की मानें तो अब से पहले वोटिंग को लेकर लोगों में उदासीनता इसलिए थी कि सुविधाओं का काफी अभाव था। लोगों को काफी दूर-दूर तक लोगों को वोट डालने के लिए जाना पड़ता था। जागरुक करने के साधन काफी कम थे। बाद में शहरों में लोगों ने भी थोड़ी कम दिलचस्पी दिखानी शुरू कर दी। जिससे वोटिंग में काफी कमी आई।
इस बार बढ़ने की उम्मीद
जिला निर्वाचन अधिकारियों को इस बार उम्मीद है कि वोटिंग परसेंटेंज में बढ़ोतरी जरूर होगी। उप जिला निर्वाचन अधिकारी दीप चंद्र की मानें तो वर्ष 2012 और उसके बाद से निर्वाचन कार्यलय द्वारा कई तरह के प्रोग्राम चलाए हैं, जिनमें से स्वीप प्रोग्राम काफी सक्सेस हुआ है। हम घर-घर जाकर लोगों को अवेयरनेस करने में लगे हुए हैं। जहां पहले के चुनावों में फर्स्ट वोटर्स की संख्या सिर्फ 15 से 20 हजार के आसपास रहती थी, इस बार करीब 59 हजार के करीब हो गई है। पोलिंग बूथ में तमाम तरह की सुविधाएं दी जा रही। हमें उम्मीद है लोगों को हम वोटिंग के लिए पोलिंग स्टेशन तक खींचकर लाने में सफल होंगे।
16 सालों में इस तरह से घटा पोल
Year Election Held : 1998
Total voters : 12,63,086
Total Polling : 7,62,399
Polling Percentage : 60.36 %
Year Election Held : 1999
Total voters : 12,69,454
Total Polling : 7,56,214
Polling Percentage : 59.57 %
Year Election Held : 2004
Total voters : 13,29,974
Total Polling : 6,97,484
Polling Percentage : 52.44 %
Year Election Held : 2009
Total voters : 14,93,291
Total Polling : 7,27,711
Polling Percentage : 48.73 %
फैक्ट एंड फिगर
मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट
कुल मतदाता : क्7,ख्क्,07भ्
पुरुष : 9,ब्भ्,क्भ्0
महिला : 7,7क्,8क्8
अन्य मतदाता : क्07
कुल पोलिंग सेंटर्स : 7फ्फ्
कुल पोलिंग स्टेशन : क्म्भ्9
वर्जन
हमें काफी उम्मीदें हैं कि इस बार वोट फीसदी में काफी बड़ा बदलाव देख ने को मिलेगा। हम पिछले दो ढाई सालों से इस काफी मेहनत कर रहे हैं। विधानसभा के चुनावों में इसका रिजल्ट भी देखने को मिला था।
- दीप चंद्र, उपजिला निर्वाचन अधिकारी