मेरठ ब्यूरो । केएमसी मेडिकल एंड एजुकेशन चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में केएमसी चिकित्सा संस्थान की ओर से रविवार को नि:शुल्क हृदय रोग परामर्श शिविर आयोजित किया गया। इसमें मरीजों का रजिस्ट्रेशन कर उनका परीक्षण हार्ट सर्जन एवं हृदय रोग विशेषज्ञ डा। तनय गर्ग ने किया। उन्होंने कैंप में आये सभी रोगियों को हृदय रोग के लक्षणों व उपचार के विषय में विस्तार से बताया।

बढ़ रहे हैं मरीज

उन्होंने कहा कि हृदय रोग तेजी के साथ पूरे विश्व में फैल रहा है। विश्व भर में सबसे ज्यादा दिल के रोगी हिन्दुस्तान में है। पश्चिमी देशों की अपेक्षा भारत में हार्ट अटैक के मरीजों की औसत उम्र 50 वर्ष है। जबकि यह पश्चिमी देशों में 60 वर्ष है। यानी हृदय रोग भारतीयों में 10 वर्ष पूर्व ही आ जाता है। जवान लोगों और औरतों में भी हृदय रोग बढ़ रहा है। कैंप में 86 मरीजों को पंजीकृत कर उनका नि:शुल्क चेकअप किया गया। सभी मरीजों की फ्री ईसीजी व शुगर की जांच की गई और ईको व टी।एम।टी 50 प्रतिशत छूट के साथ की गई। इस कैम्प में आने वाले सभी मरीज मेरठ व आस-पास के क्षेत्रों से आये थे। समय से मिले इलाज आजकल मात्र 30 वर्ष की आयु के लोगों में भी हार्ट अटैक हो जाता है। इसका मुख्य कारण स्मोकिंग, खाने-पीने में अधिक चिकनाई, फास्ट फूड और व्यायाम ना करना आदि है। हार्ट अटैक के बाद पहला घंटा सबसे निर्णायक होता है क्योंकि 50 प्रतिशत मौतें इसी पहले घण्टे में ही हो जाती है। यदि पहले ही घण्टे में सही उपचार मिल जाये तो दिल को क्षतिग्रस्त होने से पूर्णतया रोका जा सकता है। लक्षणों को पहचानना जरुरी हार्ट अटैक के लक्षणों को जानना बहुत जरुरी है। आम धारणा यह है कि हार्ट अटैक का दर्द बाईं तरफ होता है लेकिन वास्तविकता में दर्द छाती के बीचों बीच होता है। यह भारीपन, छाती के बीच में घुटन, चलने पर सांस फूलना, वजन, जलन जैसा हो सकता है। साथ ही मरीज को बहुत पसीना आता है। यह दर्द दोनों या एक बाजू में, गले में या जबड़े में भी जा सकता है।

हृदय रोग के मुख्य लक्षण-

- चलने पर सांस फूलना, तेज चलने पर छाती में दर्द या भारीपन का आना

- डाइबिटिज के मरीजों में अक्सर तेज चलने पर दर्द नहीं होता एवं मरीजों में साँस फूलना ही एंजाइना है

- कई बार शुगर के मरीजों में और वृद्ध लोगों में हार्ट अटैक के समय पर भी छाती में दर्द नहीं होता केवल सांस ही फूलती है