- वेदव्यासपुरी योजना में बिजली दीवार तोड़ने पर एमडीए ने दी समझौता निरस्त करने की चेतावनी

- पूठा के लोगों के विरोध में मलियाना के किसान पहुंचे एमडीए, समझौते का समर्थन

Meerut: वेदव्यासपुरी योजना में अवरोध पैदा कर रहे किसानों को एमडीए ने समझौता निरस्त करने की चेतावनी दी है। योजना के किसानों को एमडीए सचिव कुमार विनीत ने आड़े हाथों लिया। उन्होंने किसानों से स्पष्ट कहा कि अतिरिक्त मुआवजे को लेकर किए गए समझौते में अवरोध उत्पन्न न करना पहली शर्त थी। शुक्रवार को एमडीए कार्यालय पहुंचे मलियाना के किसानों ने एमडीए समझौते का समर्थन किया।

एमडीए को किसानों का समर्थन

शुक्रवार को वेदव्यासपुरी योजना के अंतर्गत मलियाना गांव के किसान एमडीए सचिव कार्यालय पहुंचे। किसान नेता हरविन्द्र सिंह के नेतृत्व में पहुंचे किसानों ने पूठा के लोगों द्वारा तोड़ी गई बिजली घर की दीवार पर खेद व्यक्त किया। किसान रामेश्वर दयाल शर्मा ने कहा कि पूठा के लोग योजना में अवरोध पैदा कर रहे हैं, जबकि मलियाना के लोगों का उनसे कोई लेना देना नहीं है। रामेश्वर ने कहा उन्हें एमडीए द्वारा किए गए समझौते में पूरा विश्वास है। उधर, किसान नेता हरविन्द्र ने कहा कि कुछ लोग व्यक्तिगत हितोपूर्ति के कारण विकास कार्यो में अवरोध पैदा कर रहे हैं। ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

क्या है मामला?

दरअसल, एमडीए की वेदव्यासपुरी योजना में दो दिन पूर्व कुछ लोगों ने निर्माणाधीन बिजलीघर की दीवार तोड़ दी थी। मामले की सूचना पर जब एमडीए तहसीलदार मांगेराम चौहान मौके पर पहुंचे तो लोगों ने समझौता लागू करने में देरी के लिए एमडीए को दोषी ठहराया। इस पर मांगेराम चौहान ने देरी के लिए किसानों द्वारा समझौता फॉर्म भरने में बरती जा रही लेट लतीफी को जिम्मेदार ठहराया। तहसीलदार ने कहा कि जब तक किसान फॉर्म भरकर जमा नहीं कराएंगे तब तक समझौता लागू नहीं किया जा सकता।

समझौते के दौरान विकास कार्यों में अवरोध पैदा न करना पहली शर्त रखी गई थी। यदि किसानों ने कोई अवरोध पैदा किया तो समझौता निरस्त कर दिया जाएगा।

मांगेराम चौहान, तहसीलदार एमडीए