मेरठ ब्यूरो। शहर में स्ट्रीट मार्केट के सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए निगम ने वेडिंग जोन योजना शुरू की थी। मकसद था कि अनियोजित वेंडर्स को नियोजित किया जाए। हालांकि, तीन साल पहले शुरू हुई यह योजना अधर में अटक गई है। अब हालत यह है कि शहर में जगह जगह बनी वेंडिंग जोन में जगह अलॉट होने के बाद भी ठेले और रेहड़ी वाले वेंडिंग जोन के बाहर सडक़ पर ही अपने स्टॉल लगा रहे हैं। इससे सडक़ों पर अतिक्रमण हो गया है। साथ ही जाम की समस्या भी दूर नहीं हो पा रही है।

वेडिंग जोन बनी स्टोर रूम
गौरतलब है कि तीन साल से वेंडिंग जोन की कवायद चल रही है। दो साल पहले वेडिंग जोन में वेंडर्स को बसाने का सिलसिला शुरू किया गया था। इन वेडिंग जोन को प्रमुख सडक़ों के किनारे बनाया गया है ताकि सडक़ पर अतिक्रमण ना हो। इसके साथ ही ट्रैफिक जाम को भी दूर किया जा सके।

आधा दर्जन से अधिक क्षेत्र तय
इसके लिए निगम ने आधादर्जन से अधिक क्षेत्रों में वेडिंग जोन तैयार किए है। वैसे नगर निगम में तकरीबन 62,000 से अधिक स्ट्रीट वेंडर्स रजिस्टर्ड है। इनमें से अभी तक मात्र 5 से 7 प्रतिशत स्ट्रीट वेंडर्स को ही स्ट्रीट वेंडिंग जोन में जगह अलॉट की गई है। लेकिन ये 5 से 7 प्रतिशत वेंडर्स भी वेडिंग जोन में अपना स्टोर रूम बनाकर सडक़ किनारे ही स्टॉल लगाकर कारोबार चला रहे हैं।

इन जगहों पर वेडिंग जोन
सूरजकुंड पार्क के सामने
तेजगढ़ी से मेडिकल
नगलाताशी में सरधना रोड पर नाले किनारे साइड पटरी पर
पल्लवपुरम फेज दो में एनएच-58 से उदय सिंह रोड तक
रूडक़ी रोड पर पीएसी नाले किनारे साइड पटरी पर
पल्लवपुरम फेज एक में भी स्ट्रीट वेंडिंग जोन

वेंडिंग जोन के बाद जाम
सूरजकुंड पार्क के पास स्ट्रीट वेंडिंग जोन बने हुए तीन साल हो चुके हैं। यहां पर वेडिंग जोन का काम 13 अक्टूबर 2020 को शुरु किया गया था। इसके लिए निर्माण अनुभाग ने करीब 17.07 लाख रुपये से पार्क के आसपास करीब 80 स्ट्रीट वेंडर्स को बसाने की योजना बनाई थी। यहां वेडिंग जोन पर दुकानदारों के खोखे रखे रहते हैं तो स्टॉल सडक़ पर रही लगा रहता है। जिस कारण से यहां शाम होते ही जाम लग जाता है। इसके अलावा हंस चौराहे के पास स्ट्रीट वेंडिंग जोन की केवल 11 दुकानें ही बनी। जो दुकाने बनकर तैयार होने के बाद से ही उनमें ताले लटके हुए हैं।

तेजगढ़ी से मेडिकल तक अतिक्रमण
वहीं साल 2020 में तेजगढ़ी से आनंद हॉस्पिटल फिर मेडिकल तक और रोड साइड वेडिंग जोन बनाने का काम शुरू किया था। जो कि 2022 में चालू हो गया था। लेकिन आज तक वेडिंग जोन में 10 से 12 वेंडर्स ही अपने जगह पर दुकानें खोल सके हैं। इसके अलावा वेडिंग जोन खाली पड़ी है या फिर केवल वेडिंग जोन का उपयोग सामान रखने में किया जा रहा है। स्थिति यह है कि वेडिंग जोन के बाद सडक़ तक फड़ व ठेले वालों का अतिक्रमण हुआ पड़ा है।

हर जगह जाम और अतिक्रमण
वहीं नगलाताशी में सरधना रोड पर नाले किनारे साइड पटरी पर पर निर्माण कार्य अभी जारी है। पल्लवपुरम फेज दो में एनएच-58 से उदय सिंह रोड तक वेडिंग जोन बनने के बाद भी जाम और अतिक्रमण की स्थिति बनी रहती है। रूडक़ी रोड पर पीएसी नाले किनारे साइड पटरी पर वेडिंग का काम अधर में है और पल्लवपुरम फेज एक में भी स्ट्रीट वेंडिंग जोन का काम अंतिम चरण में चल रहा है।

इस कारण नहीं चल सका वेडिंग जोन
रोड से दूर होने के कारण ग्राहक वेंडिंग जोन तक नहीं आ पाते हैं। इस कारण कारण से वेंडर्स ने दुकानें ही सडक़ किनारे लगा लेते हैं।

वेंडिंग जोन में बेसिक सुविधाओं का अभाव है यहां लाइट, सार्वजनिक शौचालय नही हैं।

इसके अलावा वेडिंग जोन में चढऩे वाले रैंप में फिसलन है। जिस कारण चोट लगने की संभावना है।

रैंप भी सही नहीं बनाए गए हैं। रैंप पर खुरदरी टाइल्स लगाने के बजाए दीवार की बची हुई टाइल्स ही लगा दी गई है।

जहां वेडिंग जोन बन चुकी है वहां वेंडर्स को जगह अलॉट की जा चुकी है इसके बाद भी वेंडर्स अपनी निर्धारित जगह पर स्टॉल नही लगा रहे हैं तो उनकी जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
बृजपाल सिंह, सहायक नगर आयुक्त