मेरठ (ब्यूरो)। शहर में फॉग चल रहा हैये तो सब जानते हैैं मगर क्या किसी को पता है कि शहर की सड़कों पर अंधेरा क्यों छाया रहता है। नहीं पता है तो बता देता हूं कि नगर निगम ने शहर को रोशन करने की जिम्मेदारी प्राइवेट कंपनी को सौंपी थी। मगर कंपनी की लापरवाही के चलते हर जगह अंधेरा पसरा हुआ है। हालांकि चिंता की कोई बात नहीं हैै क्योंकि अब शहरों की सड़कों से अंधेरा छंटने वाला है। दरअसल, नगर निगम अब सोलर लाइटों के माध्यम से शहर को रोशन करेगा। इसके लिए अंधेरे में डूबे करीब 400 स्पॉट्स को रोशन करने की तैयारी भी शुरू हो गई है।

खराब पड़ी स्ट्रीट लाइट
गौरतलब है कि सड़कों से लेकर बाजारों, पार्क और गलियों तक से अंधेरा दूर करने के लिए नगर निगम ने ईईएसएल कंपनी को जिम्मेदारी दी थी। लेकिन शहर के अधिकतर इलाकों में लंबे समय से एलईडी स्ट्रीट लाइट खराब पड़ी है। कई बार कंपनी और नगर निगम के बीच लाइट्स को ठीक कराने की बात को लेकर तकरार तक हो चुकी है। इतना ही नहीं, भुगतान को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। जिसका खामियाजा अंधेरे के रूप में शहरवासियों को भुगतना पड़ रहा है।

450 से अधिक सोलर लाइट
निगम क्षेत्र की कुल विद्युत खपत का 10 प्रतिशत सौर ऊर्जा के माध्यम से लिया जाएगा। इसके लिए क्षेत्र में 460 सोलर स्ट्रीट लाइट और 18 सोलर हाई मास्ट लाइट लगाई जाएंगी। इसके तहत शहर के उन क्षेत्रों का चयन किया जाएगा, जहां स्ट्रीट लाइट नहीं लगी हैं और अंधेरा परेशानी का सबब बना हुआ है। करीब 300 से अधिक जगह निगम द्वारा चिन्हित की जा चुकी हैं। जानकारी के मुताबिक ये सोलर लाइट्स सरकारी भवनों, बाजारों पार्कों और मुख्य मार्गों पर लगाई जाएंगी।

54 लाख का है अनुबंध
गौरतलब है कि पिछले साल स्ट्रीट लाइट फेल्योर रेट दो फीसद से बढ़कर 12 फीसद तक पहुंच गया था। नगर निगम ने ईईएसएल से स्ट्रीट लाइट संचालन के लिए अनुबंध किया हुआ है। ईईएसएल को स्ट्रीट लाइट का ठेका साल 2024 तक के लिए दिया गया था। अनुबंध की शर्त के अनुसार प्रतिमाह नगर निगम ईईएसएल को 54 लाख रुपये यानी सालाना करीब छह करोड़ 48 लाख का भुगतान करता है।

फैक्ट्स एक नजर में
शहर में स्ट्रीट लाइटों के संचालन से लेकर मेंटिनेंस की ईईएसएल कंपनी की जिम्मेदारी।नगर निगम ने ईईएसएल से स्ट्रीट लाइट संचालन के लिए 2024 तक किया हुआ है अनुबंध।
अनुबंध की शर्त के अनुसार प्रतिमाह नगर निगम ईईएसएल को 54 लाख रुपये का भुगतान करता है।
ईईएसएल की जिम्मेदारी स्ट्रीट लाइट का सेटअप, उसमें नई एलईडी लगाने व उसका मेंटेनेंस, मुख्य लाइन से स्ट्रीट लाइट का कनेक्शन, सीसीएमएस अर्थात लाइट जलाने व बुझाने का सर्किट स्थापित करने की है।

स्ट्रीट लाइट के पोल से लेकर बिजली लाइन तक के ढांचे के रख-रखाव की जिम्मेदारी नगर निगम और ऊर्जा निगम की है।

इन खामियों के कारण पसरा अंधेरा
अधिकतर स्ट्रीट लाइट की लाइन बेहद कमजोर है।
तेज हवा, खराब मौसम और बारिश में पुराने तारों में फाल्ट हो जाते हैं।
स्ट्रीट लाइट के अधिकतर सर्किट खराब हो चुके हैं।
शहर में किसी भी स्ट्रीट लाइट के पोल पर अर्थिग नहीं है।
करंट ज्यादा होने से स्पेशल प्रोटेक्शन डिवाइस खराब हो जाता है।
स्ट्रीट लाइट की लाइन में कहीं-कहीं फेज वायर तक नहीं है।

सोलर लाइटों के माध्यम से शहर को रोशन किया जाएगा। इसके लिए जगह चिन्हित की जा रही है। एलईडी के साथ-साथ सोलर लाइटों का संचालन किया जाएगा।
प्रमोद कुमार, अपर नगर आयुक्त