मेरठ (ब्यूरो)। असौड़ा हाउस मंदिर में शुक्रवार सुबह अभिषेक एवं शांति धारा की गई। इस मौके पर चतुर्मास मंगल कलश स्थापना समारोह प्रारंभ हुआ। जिसके बाद आचार्य श्री वसुनंदी महाराज के शिष्य मुनि, श्री 108 ज्ञानानंद महाराज मुनि, श्री 108 सदानंद महाराज, श्री 105 विवेकानंद महाराज एवं श्री 105 विजयानंद जी महाराज विहार कर सदर जैन मंदिर पहुंचे। जहां आहार चर्या के बाद बजे मुनि संघ ग्रैंड औरा पहुंचे।

कर्म को महत्व देना जरूरी
प्रवचनों में महाराज ने कहा जीवन में उतार-चढ़ाव आता रहता है। पानी में एक छोटा सा कंकड़ डूब जाता है तो हज़ारो क्विंटल वजनी लकड़ी मात्र तैरती है, इसका कारण क्या है? इसका ज्ञान और बोध आवश्यक है। प्रत्येक मनुष्य को पानी में तैरने की इच्छा होती है और कोई पानी में डूबने का इच्छुक नहीं होता, यह मानवीय स्वभाव है। यदि मनुष्य को जीवन में भी अपना लक्ष्य पूर्ण करना हो तो कर्म को महत्व देना जरूरी है। कर्म का उदय होने पर मनुष्य का भविष्य बनता है। जीवन में जिस प्रकार सांस की जरूरत है, उसी प्रकार प्रत्येक व्यक्ति को वाणी और पानी का भी सदुपयोग करना आवश्यक है।

मंगल कलश का मिला सौभाग्य
चार मंगल कलश का सौभाग्य पूनम चंद जैन परिवार, स्वदेश कुमार जैन परिवार, सुषमा धन कुमार जैन परिवार एवं सुनील कुमार-प्रवीण कुमार जैन परिवार को प्राप्त हुआ। इस कार्यक्रम में ध्वजारोहणकर्ता बनने का सौभाग्य हंस जैन को प्राप्त हुआ। चित्र अनावरण करने का सौभाग्य संजय जैन शांतिनगर को प्राप्त हुआ। दीप प्रज्ज्वलन करने का सौभाग्य हेमचंद जैन सचिन जैन एडवोकेट परिवार को मिला एवं रजत स्मृति चिन्ह का सौभाग्य संजय जैन नील वालों को मिला। इसी के साथ भोजन प्रसाद की व्यवस्था का अवसर उमेश जैन-शुभम जैन परिवार को प्राप्त हुआ। कार्यक्रम का संचालन विधानाचार्य मनोज शास्त्री द्वारा किया गया। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण भजन सम्राट रूपेश जैन इंदौर वाले रहे। जिन्होंने अपने भजनों से सभी धर्म प्रेमी बंधुओं का मन मोह लिया। इसी के साथ एक छोटी सी विशेष प्रस्तुति कवि युगल सौरभ जैन सुमन एवं अनामिका अंबर की रही।

ये रहे मौजूद
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में सांसद राजेंद्र अग्रवाल, सांसद लक्ष्मीकांत वाजपेई। राज्य ऊर्जा मंत्री सोमेंद्र तोमर, कैंट विधायक अमित अग्रवाल, महापौर हरिकांत अहलूवालिया, महानगर अध्यक्ष मुकेश सिंघल आदि उपस्थित रहे। मंदिर कमेटी से विनोद, विपिन, कपिल, राकेश, सुनील, अक्षत, अंकुर, प्रिंस, प्रतीक, नमन, मनोज, अमित, पीयूष एवं पूर्ण जैन समाज मेरठ का सहयोग रहा।