- चार माह में तस्करी कर लाए गए 30 से ज्यादा बच्चों की हुई मेरठ से बरामदगी

-कई राज्यों में फैला है मेरठ के मानव तस्करों का जाल

-वेस्ट यूपी में आज भी सबसे ज्यादा मिसिंग हैं मेरठ के बच्चे

<- चार माह में तस्करी कर लाए गए फ्0 से ज्यादा बच्चों की हुई मेरठ से बरामदगी

-कई राज्यों में फैला है मेरठ के मानव तस्करों का जाल

-वेस्ट यूपी में आज भी सबसे ज्यादा मिसिंग हैं मेरठ के बच्चे

sundar.singh@inext.co.in

Meerutsundar.singh@inext.co.in

Meerut: मेरठ में बचपन सुरक्षित नहीं रह गया है। वेस्ट यूपी में मेरठ से जहां एक ओर सबसे ज्यादा बच्चे गायब हो रहें हैं। वहीं मेरठ दूसरे राज्यों से तस्करी कर लाए गए बच्चों का हब भी बन गया है। एक आंकडे़ के अनुसार पिछले चार माह में छापेमारी के दौरान फ्0 से ज्यादा बच्चों को बरामद किया जा चुका है। बच्चों के लिए काम कर रहे संगठनों का मानना है कि मेरठ में कई ऐसे चाइल्ड तस्कर रहते हैं, जिनके तार देश के कई राज्यों मैं फैले हैं।

इन राज्यों में संपर्क

माई होम इंडिया के संस्थापक व महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में सलाहकार बोर्ड में सदस्य सुनील देवधर ने बताया कि वेस्ट बंगाल, महाराष्ट्र, राजस्थान और मध्यप्रदेश के अलावा बिहार सहित कई राज्यों में बाल तस्करी का जाल फैला है, जो विभिन्न राज्यों से बच्चों को बेचने के लिए लाते हैं। ग्राहक पहले से ही तैयार रहते है। इन्हें रेलवे स्टेशन पर ही डिलीवरी दी जाती है।

बच्चे गायब होने का कारण

चाइल्ड सुरक्षा संस्था द्वारा कराए गए सर्वे के अनुसार 8भ् प्रतिशत बच्चे पढ़ाई में असफल होने और परिजनों के सपनों को पूरा न कर पाने के चक्कर में घर छोड़ते हैं। दस प्रतिशत बच्चों का अपहरण होता है, जबकि पांच प्रतिशत किशोर प्यार के चक्कर में भी घर छोड़ देते हैं।

मेरठ जोन की हालात सबसे खराब

वर्ष ख्0क्भ् में एक जनवरी से फ्0 दिसंबर तक पूरे प्रदेश में में 8म्7 बच्चे गायब होने की रिपोर्ट है, जिसमें से ख्98 बच्चे अकेले मेरठ जोन में गायब हुए हैं। वहीं बरेली जोन में सर्वाधिक कम 87 बच्चे गायब हुए हैं। आगरा में क्9क्, वाराणसी में क्भ्ब् बच्चे गायब होने का की रिपोर्ट हैं, जिनमें से फ्9क् बच्चों को खोजकर उनके परिजनों को सौंपा जा चुका है।

वास्तव में मेरठ से इतनी तादाद में बच्चों का मिलना गंभीर विषय है। सभी चाइल्ड होम व अन्य संदिग्ध स्थानों पर एचटीयू टीम की निगरानी बढ़ाई जाएगी।

अशोक कुमार शर्मा, प्रभारी एचटीयू मेरठ