- जिला प्रशासन को ड्रग्स लेने और आईडी यूजर होने का शक

- खुद पेरेंट्स मुहैया करा रहे हैं अपने बच्चों को नशे का सामान

- 116 बच्चों का होगा एलाइजा टेस्ट

Meerut : जुवेनाइल सेल में बाल बंदियों का एचआईवी टेस्ट कराया जाएगा। जिला प्रशासन को जिस तरह के इनपुट सेल से मिले हैं, उसके बाद बच्चों का टेस्ट कराने पर विचार किया जा रहा है। ऐसा पहली बार होगा कि बच्चों का एचआईवी टेस्ट होगा। आज से पहले सिर्फ बच्चों का रुटीन चेकअप ही होता रहा है। ज्ञात हो एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग की टीम द्वारा रेस्क्यू कराए बच्चों में से दो को एचआईवी पॉजिटिव पाए गए थे। जिनमें से एक एमएसएम और एक आईडी यूजर था।

 

क्यों कर रहा है विचार?

जिला प्रशासन के अधिकारियों की मानें जुवेनाइल सेल से जो इनपुट मिले हैं वहां पर कई बच्चे नशे के आदी हैं। नशे की लत को पूरा करने के लिए उन सगे संबंधी ही सभी सामान मुहैया करा रहे हैं। इस बात की पुष्टि वहां के कर्मचारियों ने भी की है। ऐसे में कई बार एक सीरिंज को कई बच्चे इस्तेमाल कर रहे हैं। जिससे एचआईवी होने की संभावना काफी बढ़ जाती है। अधिकारियों की मानें तो बच्चों से मिलने आने वाले लोगों और उनके द्वारा लाए गए सामान की चेकिंग नहीं की जाती है। ऐसे में आसानी से ड्रग्स का सामान बाल बंदियों के पास पहुंच जाता है।

 

कराया जाएगा एलाइजा टेस्ट

अधिकारियों के अनुसार अभी कोई दिन तय नहीं किया गया है। ये टेस्ट बाकी दिनों में होने वाले टेस्ट की तरह होगा। जिससे किसी को कोई शक न हो। साथ ही उनका टेस्ट भी कर दिया जाए। उनकी रिपोर्ट पढ़ने के बाद ही आगे का निर्णय लिया जाएगा। अधिकारियों के अनुसार हम यही दुआ करेंगे कि किसी को भी यह गंभीर रोग न लगा हुआ फिर भी हम इसे अपनी जिम्मेदारी के तौर पर ही समझ रहे हैं।

 

छोटे बच्चों में बढ़ रहा रोग

हाल ही एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग की टीम द्वारा रेस्क्यू किए 40 बच्चों का जब टेस्ट किया गया तो उनमें से दो बच्चों को एचआईवी था। उनमें से एक एमएसएम के थ्रू एचआईवी था और दूसरा बच्चा आईडी यूजर था। अधिकारियों की मानें तो रेस्क्यू किए जा रहे कुल बच्चों में से 50 फीसदी बच्चे आईडी यूजर हैं। गौरतलब है कि जुवेनाइल सेल में मौजूदा समय में 116 बच्चे रह रहे हैं।

 

 

हमें जुवेनाइल सेल से जो इनपुट मिले हैं वो काफी निराशाजनक और गंभीर हैं। इस बारे में पूरी पड़ताल करने की कोशिश की जा रही है। साथ बच्चों का टेस्ट भी किया जाएगा।

- केशव कुमार, सिटी मजिस्ट्रेट, मेरठ