जबर्दस्त

मेमोरी मास्टर व मेमोरी ग्रांडमास्टर का नाम कमाया

धाक जमा रही पूर्ति की मेमोरी

- 120 टेलेंट्स ऑफ इंडिया 2012 से सम्मानित हो चुकी हैं।

- इंडिया बुक्स ऑफ रिकॉर्ड में मिल चुके हैं कई अवार्ड

Meerut : अगर कोई आपसे पूछे कि 16 दिसंबर 1970 में कौन सा दिन था तो निश्चित रूप से आप चकरा जाएंगे। लेकिन मेरठ की बेटी पूर्ति गर्ग मेमोरी के क्षेत्र में इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड होल्डर रह चुकी हैं तथा भारत के टॉप 120 टेलेंट्स में मेमोरी मास्टर व मेमोरी ग्रांडमास्टर का नाम कमाया है। मेरठ में बाउंड्री रोड पर रहने वाली पूर्ति गर्ग ने 13 वर्ष की ही उम्र में अपनी शार्प मेमोरी की वजह से नाम कमाना शुरू कर दिया था।

स्थापित किए कीर्तिमान

पूर्ति गर्ग ने अपने 2011 में मेमोरी मास्टर का रिकार्ड बनाकर अपने मां-बाप की ही नहीं मेरठ का भी नाम रोशन किया था। पूर्ति को यह अवार्ड इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड के प्रधान संपादक ने 30 अप्रैल को दिया था। उसकी शार्प मेमोरी का चर्चा यहीं तक नहीं रहा, बल्कि इसके बाद उसने 2011 में ग्रांड मास्टर का रिकॉर्ड बनाकर एक बार फिर से इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड से अवार्ड हासिल किया। इसके बाद उसने 2011 में एक बार फिर से इंडिया बुक्स ऑफ रिकॉर्ड की तरफ से मेमोरी विजार्ड का खिताब जीता। पूर्ति 2012 में हुए टॉप 120 टेलेंट ऑफ इंडिया में भी अपना नाम दर्ज करा चुकी हैं। जिसके लिए उन्हें फरवरी 2012 में गुड़गांव में सम्मानित भी किया गया था।

डाइबिटीज एजुकेटर

पूर्ति केवल मेमोरी की ही गुरु नहीं है। बल्कि वह डाइबिटीज एजुकेटर भी है। पूर्ति को इंडो व्यात्नाम मेडिकल बोर्ड की तरफ से 2016 में सर्टिफाइड डाइबिटीज एजुकेटर का अवार्ड दिया गया है। इससे पहले उसे डॉ। विश्वरुप राय चौधरी की लिखी बुक हार्ट माफिया की लॉंचिंग के लिए मेरठ से चयनित किया गया था। उस समय यह बुक 14 राज्यों के 28 शहरों में लॉंच हुई थी। पूर्ति ने बताया कि इस बुक में इसकी पोल खोली गई है कि किस तरह से डॉक्टर्स हार्ट पेशंट को बाइपास सर्जरी करके लूट का काम करते हैं। जबकि वास्तव में हर पेशंट को बाइपास सर्जरी की अवश्यकता नहीं होती।

पूर्ति की सोच

लाइफ में बहुत सारी दिक्कतें आती हैं लेकिन हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए। उसने बताया कि मेरी भी लाइफ में कई दिक्कतें आई लेकिन मेरी मम्मी पापा, टीचर्स, फ्रेंडस व अपनों ने सपोर्ट व मोटिवेशन दिया। इसी सपोर्ट व ईश्वर की कृपा से मैनें अपनी सारी दिक्कतों को भूल अपने लक्ष्य पर ही फोकस किया। अब मैं दूसरों की मेमोरी को शार्प करने के लिए देश व विदेशों में क्लास देती हूं। जब भी मेरे सामने हार आई तो मैनें अपनी कमियों को सहेजने का प्रयास किया और उनको दूर किया। मेरी हार से मुझे अनुभव मिला और कांफिडेंस बढ़ा।

नाम- पूर्ति गर्ग

डेट ऑफ बर्थ- 26 सितंबर 1992

पिता का नाम- भूषण गर्ग

सफलता के पीछे- मेमोरी गुरु विश्वरूप राय चौधरी

हाईस्कूल- 2008, सोफिया ग‌र्ल्स स्कूल से 83.6 प्रतिशत

इंटर- 2010, गुरुतेग बहादुर रिसोर्स सेंटर से 84.6 प्रतिशत

एजुकेशन- एमटेक ऑनर्स, एमआईईटी

भाग्य को और दूसरों को दोष नहीं देना चाहिए। जब सपने हमारे हैं तो प्रयास भी हमारे ही होनी चाहिए। मंजिल उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है। पंखों से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है।

-पूर्ति गर्ग