-मेला बूढ़ा बाबू में किया गया रात गंगा-जुमनी मुशायरा व कवि सम्मेलन का आयोजन

Sardhana : कस्बा में चल रहे मेला बूढ़ा बाबू में बुधवार देर रात गंगा-जुमनी मुशायरा व कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में मशहूर शायरों ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत कर समां बांधा। कार्यक्रम में समाजवादी पार्टी के विधानसभा प्रत्याशी अतुल प्रधान मुख्य अतिथि रहे। अध्यक्षता समाजसेवी ऐमी शाह ने की। उद्घाटन इस्लाम मलिक पहलवान ने की। शमां रोशन सपा नेता पंकज जैन ने की।

कलाम पेश कर बांधा समां

सईद कुरैशी ने अपना कलाम सुनाया कि 'न आते हशर तक तुमको नजर हम, सुपुर्दे-ए-खाक हो जाते अगर हम, जहां बिछड़ेंगे एक दिन अपने और पराये, करेंगे एक दिन वो भी सब्र हम'। शफीक अहमद शफीक ने सुनाया कि 'लिखा था जिस पे मुहब्बत का फलसफा, वो पन्ना मिट चुका हैं जहां की किताब से'। अलीम नजर ने अपनी रचना कुछ यूं पेश की 'दिये जलाओ अंधेरों को खत्म करना है तमाम शहर के झूठों को खत्म करना है, जो खुशगवार हवाओं में जहर घोलते हैं, हमें अब ऐसे शरीफों को खत्म करना है'।

गणमान्य लोग रहे मौजूद

शाहिद मिर्जा शाहिद ने अपना कलाम कुछ यूं सुनाया 'वो थोड़ा सख्त सा दिखता है जिसको बाप कहते हैं, इसी पत्थर के सीने से कई झरने भी बहते हैं'। अब्दुल सलाम फरीदी ने सुनाया कि 'फिर दिये हैं आंधियों के दरमियां, फिर सदाकत झूठ से टकराएगी, फिर लबे दरिया जलेंगी कश्तियां, फिर नई तारीख लिखी जाएगी। विशिष्ट अतिथि के रूप में ठाकुर प्रीतीश सिंह, इरफान जावेद सिद्दीकी, महमूद शाह, सपा नेता मंजूर मलिक, मीरू पहलवान, हाजी जाहिद अंसारी, हाजी फईमुद्दीन, चेयरमैन असद गालिब, सय्यद मुमताज अली आदि मौजूद रहे।