-बीते 5 अप्रैल को सांस लेने में तकलीफ हुई तो परिवार ने समझी मामूली बात

- संतोष हॉस्पिटल को किया गया सेनेटाइज,

- मृतक के परिवार समेत आठ लोगों को किया क्वारंटाइन

- हॉस्पिटल के समस्त स्टाफ और भर्ती सभी मरीज भी हुए क्वारंटाइन

Meerut । कोरोना से बचाव और उसके लक्षणों की जानकारी टीवी, अखबार समेत सोशल मीडिया के तमाम प्लेटफार्म पर लगातार दी जा रही है। बावजूद इसके एक परिवार द्वारा घर के मुखिया के कोरोना संक्रमित होने की जानकारी छिपाई गई। इसका खामियाजा परिवार के मुखिया ने अपनी जान देकर चुकाना पड़ा। मगर कोरोना की जानकारी छिपाना मेरठ शहर को कितना भारी पड़ेगा ये वक्त ही बताएगा।

ये है मामला

दरअसल, गढ़ रोड स्थित राजनगर कॉलोनी निवासी मृतक कोरोना पॉजिटिव मरीज शास्त्रीनगर के एल-ब्लॉक स्थित संतोष हॉस्पिटल में अकाउंटेंट पद पर कार्यरत था। जब बीती 5 अप्रैल को उसे सांस लेने में तकलीफ हुई और कुछ घंटों बाद खांसी-जुकाम भी हो गया। मगर पूरे परिवार ने इसे मामूली बात समझा और संतोष हॉस्पिटल से दवाई लेता रहा। मगर बीते बुधवार को उसकी तबियत ज्यादा खराब हुई तो परिवार ने उसे संतोष हॉस्पिटल में ही एडिमट करा दिया। गुरुवार को अस्पताल से डिस्चार्ज होकर वह घर वापस आ गया मगर शुक्रवार को ज्यादा तबीयत खराब होने पर परिवार ने उसे मेडिकल कॉलेज के न्यू इमरजेंसी में एडमिट करा दिया।

परिजनों ने छुपाई बात

मेडिकल कॉलेज के कोरोना हॉस्पिटल के नोडल अधिकारी डॉ। टीवीएस आर्या ने बताया कि मरीज जब वार्ड में आया तो उसकी हालत बेहद गंभीर थी। नॉर्मल में उसका ऑक्सीजन लेवल बहुत कम हो गया था। शुाक्रवार शाम को मरीज को वेंटीलेटर पर रखा गया। उसकी हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी। फेफड़े सफेद हो चुके थे। निमोनिया का स्तर काफी बढ़ गया था। देर रात उसकी स्थिति काफी बिगड़ चुकी थी। हमने बहुत कोशिश की लेकिन मरीज को बचाया नहीं जा सका। उन्होंने बताया कि चूंकि उन्हें अंत तक पता नहीं नहीं था मरीज कोरोना पॉजिटिव है या नहीं मगर हमने मरीज का उपचार पॉजिटिव मानकर ही किया था। सैंपल जांच के लिए भेजा चुका था लेकिन उससे पहले ही मरीज की मौत हो गई। इसके बाद शनिवार दोपहर को हमने मरीज के परिजनों से काफी जोर देकर उसकी हालत के बारे में पूछा था। जिसके बाद परिजनों ने सारी बातें बताई थी। उन्होंने बताया कि मृतक मरीज के परिवार समेत आठ लोगों को हाई रिस्क जोन में रखते हुए क्वारंटाइन किया गया है। इसमें मृतक की पत्नी, तीन बच्चे व एक दूधवाला शामिल है, जबकि तीन किरायेदार हैं। सभी के सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिए गए हैं।

जांच का विषय

कोरोना हॉस्पिटल के नोडल अधिकारी डॉ। टीवीएस आर्या ने बताया कि उक्त मृतक मरीज मेडिकल कॉलेज आते ही न्यू इमरजेंसी एडिमट हुआ था। जहां 4 से 5 घंटे तक उसका इलाज चला। इस दौरान ड्यूटी पर मौजूद रेजिडेंट्स ने जब उसका एक्सरे करवाया और रिपोर्ट संदिग्ध मिली तो मरीज को कोरोना संदिग्ध मानते हुए उसे कोरोना हॉस्पिटल में भेजा गया। हालांकि स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस बात की भी जांच की जा रही है कि सांस की बीमारी का मरीज इमरजेंसी में आखिर कैसे पहुंचा। उन्होंने बताया कि मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी को भी सेनेटाइज करवाया गया है।

रोजाना 200 से 250 मरीज

सीएमओ डॉ। राजकुमार ने बताया कि मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में हर दिन 200 से 250 लोग आते-जाते हैं। ऐसे में ये भी जांच का विषय है कि उस दौरान मरीज किसी व्यक्ति के संपर्क में तो नहीं आया। उन्होंने बताया है कि मामला सामने आने पर फिलहाल न्यू इमरजेंसी को सेनेटाइज कराया जा रहा है। इसके अलावा हाई रिस्क पर आए समस्त स्टाफ और सभी भर्ती मरीजों को भी एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी में बने क्वरंटाइन सेंटर में एडिमट किया गया है। सीएमओ ने बताया कि मरीज की हिस्ट्री सामने आने के बाद संतोष अस्पताल को सेनेटाइज किया गया है। सभी के सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिए गए हैं।

सोर्स ढूंढ रहा विभाग

सीएमओ ने बताया कि मृतक मरीज की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद विभाग गढ़ रोड स्थित राजनगर कालोनी का सर्वे करवाएगा। इसके साथ ही इलाका भी सील करवाया जाएगा। उन्होंने बताया कि मृतक मरीज कैसे संक्रमित हुआ इसका सोर्स ढूंढा जा रहा है। हालांकि विभाग के सामने अभी दो बातें आई हैं। पहले मरीज जिस अस्पताल में काम करता था, वह शास्त्रीनगर सेक्टर-13 के पास है। यहीं पर एक ही परिवार के 17 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। वहीं सबसे पहला मरीज जो अमरावती से आया था वह भी इसी इलाके और इसी परिवार से संबंधित है। ऐसे में संभावना है कि उक्त मरीज वहीं से किसी के संपर्क में आया हो। वहीं मृतक के घर में किराए पर तीन लैब टेक्निशियन जो मेडिकल कॉलेज की माइक्त्रोबॉयोलॉजी लैब में काम करते हैं। लैब में ही कोरोना सैंपल की जांच की जाती हैं। संभावना हैं कि उनमें से कोई कोरोना का कैरियर रहा हो। हालांकि विभाग मृतक मरीज की ट्रेवल हिस्ट्री खंगालने के साथ ही उसकी कांटेक्ट हिस्ट्री भी खंगाल रहा है।