मेरठ । बाल रोग विशेषज्ञ डॉ। अमित उपध्याय ने बताया कि प्री मेच्योरिटी न केवल नवजात मृत्यु दर का सबसे सामान्य कारण है बल्कि पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मौत का प्रमुख कारण है। हालत यह है कि 10 गर्भधारण में से एक बच्चा प्री मेच्योरिटी में खत्म हो जाता है।

इससे बचाव के लिए जरुरी है कि गर्भवती महिलाओं में जागरुकता बढे। उन्होंने बताया कि महिलाएं 34 सप्ताह से पहले अपने डॉक्टर की सलाह से प्रसव पूर्व स्टेराइड दें। 38 सप्ताह से पहले बच्चे की डिलीवरी ना कराई जाए।
अनावश्यक दवाओं से बचें
महिला को बीपी शुगर थाइराइड से बचें, यूएसजी में कमी होने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें। शिशुओं को अनावश्यक एंटी बायोटिक दवा देने से बचें। पहले दिन समय से मां का दूध बच्चे को पिलाना बहुत जरुरी है।