डेढ़ लाख ई-चालान पेंडिंग, अब ट्रैफिक पुलिस ने रजिस्ट्री से भेजने का लिया निर्णय

चालान का भुगतान नहीं करने वालों के खिलाफ की जाएगी वाहन सीज की कार्रवाई

Meerut। मेरठ में पेंडिंग चल रहे ट्रैफिक पुलिस के डेढ़ लाख ई-चालान का अभी तक निस्तारण नहीं हो सका है। इसलिए अब ट्रैफिक पुलिस ने चालान के निस्तारण के लिए नई हथकंडा अपनाया है। दरअसल, अब ट्रैफिक पुलिस ई-चालान का प्रिंट निकालकर संबंधित व्यक्तिओं के घरों पर उसकी रजिस्ट्री करेगी। इसके बावजूद यदि ई-चालान का निस्तारण नहीं कराया जाता तो पुलिस द्वारा उक्त वाहन को सीज करने की कार्रवाई की जाएगी।

एक साल से व्यवस्था

यातायात निदेशालय द्वारा एक साल पहले सभी ट्रैफिक सिपाहियों, टीएसआई और टीआई को एप के जरिए ऑनलाइन चालान करने के आदेश दिए गए थे। जिसके बाद ट्रैफिक पुलिस ने जुलाई से ई-चालान करने शुरू कर दिए थे। इतना ही नहीं थानेदारों और दारोगाओं को भी इस एप को इंस्टॉल कराकर ऑनलाइन चालान करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। एक साल से पुलिस ई-चालान की प्रक्रिया को अपनाते हुए चालान कर रही है। मगर अब तक लाखों लोग ऐसे हैं जिन्होंने अपने चालान का भुगतान नहीं किया है। इनमें कई लोग ऐसे हैं, जिनके कई-कई बार ई-चालान हो चुके हैं लेकिन उन्होंने भुगतान नहीं किया है।

पुलिस को होगी परेशानी

टीआई दीन दयाल दीक्षित ने बताया कि डेढ़ लाख के करीब चालान पेंडिंग चल रहे है, जिनके जरिए करोड़ों ती वसूली होनी बाकी है। इसलिए अब चालान लोगों के घर तक पहुंचाने का इंतजाम किया जा रहा है। वहीं ई-चालान होने वाले वाहन चालकों में कुछ ऐसे होंगे, जिन्होंने अपना वाहन सेकेंड हैंड खरीदा हुआ होगा। ऐसे में यदि उन्होंने वाहन अपने नाम नहीं कराया होगा तो पुलिस को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। कारण, ई-चालान तो वाहन स्वामी के पते पर पहुंच जाएगा, जबकि वह अपना वाहन दूसरे को बेच चुका है। हालांकि इसके लिए भी ट्रैफिक अधिकारी कोई विकल्प खोजने में जुटे हुए है।

ये है नियम

ट्रैफिक पुलिस के नियमानुसार कोई भी व्यक्ति जितनी बार यातायात के नियम तोड़ता है, उसके खिलाफ उतनी ही बार ई-चालान की कार्रवाई की जा सकती है।

अभी न्यायिक आईडी नहीं

दरअसल, ऑनलाइन चालान और ऑफलाइन चालान में काफी अंतर है। ऑफलाइन चालान में पुलिस वाहन से संबंधित कागजात, आरसी, डीएल या फिर अन्य कागजात जमा कर लेती है। जब वाहन स्वामी चालान का भुगतान करने के लिए आता है, तब पुलिस उसके कागजात देती है। जबकि ई-चालान में इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं है। केवल ई-चालान किया जाता है, जिसके बाद एसएमएस और डाक से ई-चालान की कॉपी भेज दी जाती है। लोग ई-चालान का भुगतान नहीं कर रहे है। डेढ़ लाख पेंडिंग है। दरअसल, अभी न्यायिक अधिकारी की आईडी नहीं बनी है, जिसके चलते अभी तक पेंडिंग चालान ट्रैफिक पुलिस के पास ही सेव हैं, जिनको कोर्ट नहीं भेजा गया है। न्यायिक अधिकारी की आईडी बनने के बाद चालान को न्यायिक अधिकारी की आईडी पर भेज दिया जाएगा। फिर वाहन स्वामी चालान का कोर्ट से समाधान करा सकता है। यदि वाहन स्वामी कोर्ट से भी अपने चालान का भुगतान नहीं करता तो कोर्ट सम्मन जारी करती है।

सीट बेल्ट, ओवर स्पीड

ट्रैफिक पुलिस ने यूं तो कोई आंकड़ा नहीं बनाया है कि किस धारा में कितने चालान हुए हैं। मगर अनुमान के आधार पर सबसे ज्यादा चालान सीट बेल्ट, ओवर स्पीड, हेलमेट न लगाने और स्टाइलिस्ट नंबर प्लेट का यूज करने वालों के किए गए है। डेढ़ लाख चालान का जुर्माना करोड़ों में है। इन्हें वसूला जाएगा तो इसे ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार पर खर्च किया जाएगा। ट्रैफिक पुलिस नोटिस जारी नहीं कर रही है। ट्रैफिक पुलिस का कहना है कि इतनी बड़ी संख्या में नोटिस जारी करना भी आसान नहीं है। इसलिए रजिस्ट्री से ई-चालान लोगों के घर भेजने की तैयारी की जा रही है।