मेरठ (ब्यूरो)। मोटापा आज के समय की तेजी से बढ़ती एक ऐसी समस्या है। इससे शरीर बीमारियों का घर बनता जा रहा है। इसकी शुरुआत की कोई उम्र निश्चित नही है। ऐसे में बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक आज मोटापे और उससे जुडी गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हो रहे है। ऐसे में यदि समय से मोटापे की पहचान कर उसका इलाज आधुनिक विधियों से किया जाए तो काफी हद तक कई गंभीर बीमारियों से बचाव संभव है।

बैरिएट्रिक सर्जरी शुरू
मोटापे की ऐसी ही आधुनिक चिकित्सा बैरिएट्रिक सर्जरी की मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल द्वारा मेरठ में बेरिएट्रिक ओपीडी सेवा शुरू की है। इस ओपीडी के जरिए लोगों को सर्जरी के क्षेत्र में हुई एडवांस तकनीक के बारे में भी बताया जाएगा।

800 मिलियन लोगों पर असर
इस संबंध में बुधवार को प्रेस वार्ता की गई। मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल पटपडग़ंज में लेप्रोस्कोपिक एंड रोबोटिक सर्जरी विभाग के डायरेक्टर डॉ। अशीष गौतम ने मोटापे के कारण हो रही गंभीर स्वास्थ्य चुनौतियों के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि मोटापे का असर ग्लोबल लेवल पर 800 मिलियन लोगों पर पड़ रहा है और इनमें से लाखों लोग जोखिम में हैं। डॉक्टर आशीष ने बताया, हृदय रोग, डायबिटीज, कैंसर, पुराना ऑस्टियोआर्थराइटिस, लीवर और गुर्दे की बीमारियां, स्लीप एपनिया और डिप्रेशन जैसी बीमारियों का एक बहुत बड़ा कारण मोटापा होता है। जिन लोगों का बॉडी मास इंडेक्स हाई होता है उनको मोटापे के खतरे से बचाने के लिए मैक्स हॉस्पिटल पटपडग़ंज में रोबोटिक बेरिएट्रिक सर्जरी की जाती है। बेरिएट्रिक सर्जरी से डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया की समस्या भी हल हो रही है। जिन मरीजों को अपना ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करने में बहुत कठिनाई होती है, यहां तक कि इंसुलिन की हाई डोज लेने से भी उन पर असर नहीं होता बेरिएट्रिक सर्जरी के बाद वैसे लोगों का ब्लड शुगर लेवल नॉर्मल हो जाता है और वो बिना की मेडिसिन के डायबिटीज से रिकवरी कर लेते हैं। मैक्स हॉस्पिटल ने मेरठ में ओपीडी सेवा शुरू की है और अस्पताल का फोकस बेरिएट्रिक, गॉल ब्लैडर और हर्निया के लिए रोबोटिक सर्जरी की सुविधा देना है ताकि मरीजों को बेहतर ढंग से लाभ मिल सके। एक्सपर्ट और स्किल्स को साथ मिलाकर मैक्स हॉस्पिटल मरीजों की बेहतरी के लिए काम कर रहा है और उन्हें क्वलिटी लाइफ प्रदान करने में प्रयासरत है।