एक साल पहले शुरू हुई थी ई-चालान की व्यवस्था, नोटिस भी जारी नहीं कर पा रही ट्रैफिक पुलिस

एक चालान होने के बावजूद भी नहीं भुगत रहे है वाहन स्वामी चालान, एक वाहन पर कई बार चालान

ऑफलाइन चालान कोर्ट में जाते थे लेकिन ई-चालान फिलहाल नहीं जा रहे कोर्ट

न्यायिक अधिकारी की आईडी बनेगी, इसके बाद कोर्ट जाने शुरू होंगे ई-चालान

Meerut। भले ही यातायात के नियम तोड़ने वालों का पुलिस चालान कर रही हो, लेकिन इनका कोई फायदा ट्रैफिक पुलिस को नहीं मिल रहा है। यातायात के नियमों की धज्जियां उड़ाने वाले डेढ़ लाख वाहन स्वामी ऐसे हैं, जिन्होंने अभी तक अपने चालान का भुगतान नहीं किया है। करोड़ों रूपये की वसूली अभी बाकी है। जब से ई-चालान की व्यवस्था लागू की गई है, तब से अब तक मेरठ में डेढ़ लाख चालान ह चुके हैं, लेकिन बहुत कम भुगतान के लिए आ रहे है। चालानों को अभी कोर्ट भी नहीं भेजा जा रहा है। केवल ऑफलाइन चालान ही कोर्ट जा रहे हैं। ई-चालान न भेजने की वजह यह बताई जा रही है कि अभी न्यायिक अधिकारी की आईडी नहीं बनी है। जब आईडी बनेगी तब आनलाइन चालान भेजा जाएगा। इसके बाद वाहन स्वामी के खिलाफ सम्मन जारी करके कार्रवाई की जा सकेगी।

एक साल से व्यवस्था

यातायात निदेशालय के आदेशानुसार एक साल पहले सभी ट्रैफिक सिपाहियों टीएसआई और टीआई को ऑनलाइन चालान करने के लिए एप दिया गया था। ट्रैफिक पुलिस ने जुलाई 2018 से ई-चालान करने शुरू कर दिए थे। बाद में ई-चालान का विस्तार किया गया। थानेदारों और दारोगा को भी ऑनलाइन चालान करने की जिम्मेदारी मिल गई। एक साल से पुलिस ई-चालान की प्रक्रिया को अपनाते हुए चालान कर रही है। अब तक लाखों लोग ऐसे भी हैं, जिन्होंने अपने चालान का भुगतान नहीं किया। कुछ वाहन स्वामी ऐसे भी हैं जिनके वाहन के कई बार चालान हो गए हैं, लेकिन उन्होंने चालान का भुगतान नहीं किया है। यातायात नियम तोड़ने वाले वाहन स्वामी के खिलाफ कई बार चालान हो सकता है।

अभी न्यायिक आईडी नहीं

ऑनलाइन चालान और ऑफलाइन चालान में काफी अंतर है। ऑफलाइन चालान में पुलिस वाहन से संबंधित कागजात, आरसी, डीएल या फिर अन्य कागजात जमा कर लेती है। जब वाहन स्वामी चालान का भुगतान करने के लिए आता है, तब पुलिस उसके कागजात देती है। जबकि ई-चालान में इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं है। केवल ई-चालान किया जाता है, जिसके बाद एसएमएस और डाक से ई-चालान की कॉपी भेज दी जाती है। लोग ई-चालान का भुगतान नहीं कर रहे है। डेढ़ लाख पेंडिंग है। दरअसल अभी न्यायिक अधिकारी की आईडी नहीं बनी है, जिसके चलते कोर्ट में अभी तक पेंडिंग चालान ट्रैफिक पुलिस के पास ही सेव हैं, जिनको कोर्ट नहीं भेजा जा रहा है। न्यायिक अधिकारी की आईडी बनने के बाद चालान को न्यायिक अधिकारी की आईडी पर भेज दिया जाएगा। फिर वाहन स्वामी चालान का कोर्ट से समाधान करा सकता है। यदि वाहन स्वामी कोर्ट से भी अपने चालान का भुगतान नहीं करता तो कोर्ट सम्मन जारी करती है।

सीट बेल्ट, ओवर स्पीड

ट्रैफिक पुलिस ने यूं तो कोई आंकड़ा नहीं बनाया है कि किस धारा में कितने चालान हुए हैं, लेकिन अनुमान के आधार पर सबसे ज्यादा चालान सीट बेल्ट, ओवर स्पीड, हेलमेट न लगाने और स्टाइलिस्ट नंबर प्लेट का यूज करने वालों के किए गए है। डेढ़ लाख चालान का जुर्माना करोड़ों में है। इन्हें वसूला जाएगा तो इसे ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार पर खर्च किया जाएगा। ट्रैफिक पुलिस नोटिस जारी नहीं कर रही है। ट्रैफिक पुलिस का कहना है कि इतनी बड़ी संख्या में नोटिस जारी करना भी आसान नहीं है।

जो ई-चालान पेंडिंग चल रहे हैं, उनका निस्तारण जल्द कराया जाएगा। न्यायिक प्रक्रिया के लिए चालान को भेजा जाएगा। चालान का भुगतान न करने वालों पर कार्रवाई होगी।

जितेंद्र श्रीवास्तव, एसपी ट्रैफिक