नहीं लाया था परिचय पत्र

गत 21 जनवरी से सर छोटू राम में आईआईएमटी के छात्रों की बीसीए, बीबीए, बीजेएमसी व बीएएलएलबी की थर्ड सेमेस्टर की एग्जाम चल रहे हैं। इस केन्द्र पर इस संस्थान के करीब 500 स्टूडेंट्स का सेंटर है। शुक्रवार को अर्जुन देव नामक स्टूडेंट अपना परिचय पत्र नहीं लेकर आया था। एग्जाम कंट्रोलर अमरजीत सिंह व अन्य सचल दल के सदस्यों ने उसे परिसर के डुप्लीकेट परिचय पत्र बनवाकर लाने को कहा, लेकिन वह इस समय बिना परिचय पत्र के ही एग्जाम देने पर अड़ गया।

किया हंगामा

इसी बीच अर्जुन के दोस्त पुष्कर कटियार, शुभम त्यागी व अमित कुमार ने बदसलूकी करनी शुरू कर दी। इस दौरान स्टाफ से भी हाथा-पाई हुई। करीब आधे घंटे तक चले हंगामे के बाद डूप्लीकेट परिचय पत्र पर अर्जुन एग्जाम में बैठ गया। इसी बीच पुष्कर व अमित ने कुछ दोस्तों को इंस्टीट्यूट में बुला लिया। सूचना पर स्टाफ ने भी बीटेक छात्रावास से सैकड़ों छात्रों को एग्जाम भवन के बाहर बुला लिया।

हिरासत में लिया

जैसे ही एग्जाम छूटा दो गुट भिड़ गए। दोनों ओर से जमकर लाठी-डंडों चले। इस दौरान एग्जाम के आए बेकसूर छात्रों की भी पिटाई हो गई। बीस मिनट तक सर छोटू राम जंग का मैदान बन गया। मारपीट से पूरे परिसर में भगदड़ मच गई। सूचना पर सिविल व मेडिकल पुलिस समेत भारी फोर्स मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने तीन आईआईएमटी छात्रों को हिरासत में ले लिया। हालांकि बाद में अमित व पुष्कर द्वारा माफी नामा लिखने के बाद समझौता हो गया।

अफसरशाही का रौब

सोनीपत निवासी अमित व रोहिणी दिल्ली निवासी पुष्कर पर अफसरशाही का असर है। अमित के पिता बीएसएफ में डीआईजी व पुष्कर के पिता पीसीएस अधिकारी बताए जाते हैं। रोजाना दोनों हूटर लगी गाड़ी लगाकर इंस्टीट्यूट आते हैं। छोटू राम स्टाफ का आरोप है कि हूटर बजाकर लड़कियों को तंग किया करते थे। बताया जाता है कि आईआईएमटी में भी ये छात्र खूब दबंगई करते हैं और इससे हॉस्टल के छात्रा भी काफी परेशान करते हैं। लेकिन सिफारिश होने के चलते पुलिस से हर बार बच जाते हैं।

वरना होती बड़ी घटना

पुलिस की लापरवाही व इंस्टीट्यूट की नासमझी शुक्रवार को बड़ी घटना करा सकती थी। सुबह से ही बाहरी छात्रों व स्टाफ में विवाद चल रहा था। इसके बावजूद भी पर्याप्त संख्या में पुलिस बल नहीं पहुंचा। रही सही कसर इंस्टीट्यूट के स्टाफ ने निकाल दी। शुरूआत में ही छात्रा का डुप्टीकेट एडमिट कार्ड देने की बजाय विवाद बढ़ाते रहे। इतना ही नहीं अफसरों को सूचना देने की बजाय बाहरी छात्रों को सबक सिखाने के लिए छात्रावास से छात्रों को बुला लिया और मारपीट की खुली इजाजत दे दी गई। स्टाफ के सामने ही खुलकर दबंगई हुई।

'बाहरी छात्रों के साथ कालेज के छात्रों की कहा-सुनी हो गई थी। पुलिस को बुलाकर छात्रों को उनके हवाले कर दिया गया। बाद में उन लोगों के माफीनामा लिखकर देने पर छोड़ दिया गया.'

- डॉ। सोहन गर्ग, निदेशक, सर छोटू राम इंजीनियरिंग कॉलेज

'एडमिट कार्ड के बिना एग्जाम में बैठने को लेकर मारपीट हो गई थी। विवाद बढ़ाने के जिम्मेदार दोनों छात्रों द्वारा माफी मांगने पर दोनों पक्षों में समझौता हो गया.'

- संजीव यादव, एसओ मेडिकल

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