लखनऊ (ब्यूरो)। इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहे पर 'ट्रैफिक इंजीनियरिंग सुधारने के लिए लखनऊ पुलिस ने कई काम किए, लेकिन जाम की समस्या खत्म नहीं हुई। आखिर किन कारणों से यहां जाम की समस्या खत्म नहीं हो रही है, यह जानने की कोशिश की गई तो पता चला कि यहां जाम लगने के पीछे एक-दो नहीं पूरे पांच कारण हैं। जब तक इन्हें दूर नहीं किया जाएगा, तब तक जाम की समस्या यहां खत्म करना मुश्किल है।

पार्किंग की व्यवस्था नहीं
इंजीनियर कॉलेज के आस-पास के एरिया में कोई स्थायी पार्किंग नहीं है। जहां पार्किंग है भी तो वहां दुकानदारों ने अवैध कब्जा कर रखा है। फुटपाथ पर भी कब्जा है। ऐसे में बड़ी संख्या में लोग रोड पर ही वाहन खड़े कर देते हैं और जाम की स्थिति बनती है।

चौराहे के पास अवैध अतिक्रमण
चौराहों के चारों तरफ मेन रोड से लेक रिंग रोड तक सभी चौड़ी हैं लेकिन हर जगह अवैध कब्जे रोड को सकरा कर देते हैं। जिसके चलते ट्रैफिक बाधित होता है और पीक आवर में जाम की समस्या सामने आती है।

ई रिक्शा व टैैंपो का कब्जा
चौराहे के आस-पास ई रिक्शा व टैैंपो का कब्जा रहता है। सवारियां भरने के चलते वह रोड के बीचों बीच खड़े हो जाते हैं। चौराहों से करीब पांच मीटर दूर ई रिक्शा व ऑटो टैैंपो के स्टैैंड होना चाहिए, ताकि चौराहे खाली रहे।

कट बन रहे मुसीबत
इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहे पर चारों तरफ से ट्रैफिक मूव करता है। यहीं नहीं रिंग रोड से भी ट्रैफिक आता है। जानकीपुरम जाने के लिए एक कट दिया गया, जिसमें सबसे ज्यादा दिक्कत आती है। ट्रैफिक सिग्नल को अनदेखा कर के लोग कट से क्रास करते हैं और जाम लग जाता है।

फ्लाईओवर न होना भी अहम वजह
इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहा शहर का सबसे व्यस्त चौराहा है। जाम से मुक्त दिलाने के लिए इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहे पर सर्वे भी कराया गया था। सर्वे में चार लेन का फ्लाईओवर जरूरत की बात सामने आई थी। 112 करोड़ से फ्लाई ओवर के प्रस्ताव पर भी मोहर लग गई थी लेकिन इस प्रस्ताव के कैंसल होने के चलते हालत आज भी नहीं सुधर पा रहे।

लोग क्या कहते हैं
व्हीकल पार्क करने की भी जगह नहीं मिलती है। जिसके चलते कई बार लोग अपने व्हीकल रोड पर ही पार्क कर देते है और जाम की स्थिति को फेस करना पड़ता है।
-एसके श्रीवास्तव

ओïवरब्रिज के बाद भी यहां जाम से लोगों को मुक्त नहीं मिल रही है। इसके लिए ई रिक्शा पर बैन लगाना चाहिए और साथ ही रोड व रिंग रोड पर बने अवैध अतिक्रमण को भी साफ कराने की जरूरत है।
-ममता त्रिपाठी

इससे जगरानी हॉस्पिटल के आस-पास लोगों को हर दिन जाम से जूझना पड़ता था। हर शाम को इस रूट से निकलने के लिए कई बार सोचना पड़ता है। इस ओर ध्यान देने की जरूरत है।
-रमेश चंद्र अवस्थी

इंजीनियरिंग कॉलेज हो या फिर कोई भी व्यवस्था चौराहा, जब तक उसके आस-पास पार्किंग की पुख्ता व्यवस्था नहीं की जाएगी तब तक वहां लोगों को जाम से तो जूझना ही पड़ेगा।
-शिवेंद्र मिश्रा