- माधवकुंज में दो दिनों से चल रही है प्रथम वर्ष ओटीसी
- 20 दिनों तक चाहरदीवारी के अंदर ही चलती है ट्रेनिंग
-कैंप में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे 460 स्वयंसेवक
- टाइम की पंक्चवलटी आर्मी की तरह सख्त
Meerut : कहा जाता है कि आरएसएस का प्रशिक्षण व्यक्ति के जीवन में अनूठा अनुभव लेकर आता है। ट्रेनिंग के नियम ऐसे हैं कि जैसे स्वयंसेवक को बॉर्डर पर लड़ने के लिए तैयार किया जा रहा हो। ट्रेनिंग कैंप में लाठी चलाने से लेकर हर वो विद्या दी जाती है जिससे व्यक्ति स्वयं रक्षक बन जाए। माधव कुंज में चल रही ओटीसी में ट्रेनिंग ले रहे एक प्रशिक्षु ने बताया कि उन्हे अगले 20 दिनों तक चहारदीवारी में कैद ही रहना है। साथ ही नियम अधिकारियों द्वारा बताए गए नियमों को फॉलो करना है।
ये रहती है दिनचर्या
- 5 बजे जागरण
-6 से 7 बजे तक शाखा
-7 से 8 बजे तक स्नान
-8 से 9:30 तक जलपान
-9:30 से 12:30 तक दो बोद्धिक
सत्र
-12:30 से 1:30 तक भोजन
- 2 बजे से 4 बजे तक गठ चर्चा
-6 से 7 बजे तक शाखा
-7 से 8 बजे तक बोद्धिक सत्र
-8 से 9 भोजन
-9 से 10 गठचर्चा
-10 बजे रात्रि विश्राम
दस हजार स्वयं सेवक लेंगे भाग
माधवकुंज में चल रही ओटीसी का समापन सत्र 26 जून को है, जिसमें प्रदेश के दर्जनों जिलों से 10 हजार स्वयं सेवक भाग लेने वाले हैं। साथ ही सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस सत्र में केन्द्र से भी बड़े पदाधिकारी आएंगे। साथ ही बीजेपी के भी केन्द्रीय नेताओं के भाग लेने की चर्चा है।