- घरेलू गैस की सब्सिडी छोड़ने के लिए प्रधानमंत्री ने की थी अपील

Meerut : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील भी मेरठियों पर बेअसर साबित हो रही है। यही वजह है कि मेरठ में 450 दिलदार अमीर भी नहीं निकले, जिन्होंने रसोई गैस पर सब्सिडी छोड़ने का फैसला लिया हो। राष्ट्रहित के मसले पर कुछ हद तक राजनीति का भी असर दिख रहा है।

450 ने भी छोड़ी सब्सिडी

'पहल' योजना दिसम्बर 2014 में शुरू की गई थी, लेकिन 30 जून तक मात्र 437 लोगों की अपनी गैस सब्सिडी छोड़ी है। जबकि, एलपीजी कंपनियों ने मेरठ डिस्ट्रिक्ट में आठ हजार का टारगेट मान कर चल रही थी। लास्ट जून तक ग्रेस और पॉर्किग पीरियड बीत जाने के बाद भी सब्सिडी छोड़ने वालों का ग्राफ बढ़ नहीं रहा है। जबकि डिस्ट्रिक्ट में तीनों एलपीजी कंपनियों से 4.5 लाख उपभोक्ता जुड़े हुए हैं।

बैनर, पोस्टर भी बेकार

निर्धारित टारगेट को पूरा करने के लिए कंपनियों का बैनर, पोस्टर और होर्डिग भी काम नहीं कर रहा है। कंपनियों ने बाकायदा पंफ्लेट और पोस्टर के जरिए अवेयरनेस अभियान भी चला चुकी हैं। डिस्ट्रिक्ट में वर्क कर रही 50 एजेंसियों ने भी लोगों के बीच जाकर प्रचार-प्रसार किया। पीएम नरेंद्र मोदी ने तो गैस सब्सिडी छोड़ने वालों को 'स्क्रॉल ऑफ ओनर' से सम्मानित करने की भी बात कही थी। बावजूद इसके मेरठी सब्सिडी छोड़ने को रेडी नहीं है।

बस मोदी के समर्थक

यहां भी बस मोदी समर्थकों की ही सहभागिता है। यदि हम नेताओं की बात करें तो, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेई, सांसद राजेंद्र अग्रवाल, विधायक रविंद्र भड़ाना, विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल, मेयर हरिकांत आहलुवालिया आदि बीजेपी या यूं कहें मोदी समर्थक ही आगे आए हैं। जबकि, बाकी पार्टी के नेता सब्सिडी छोड़ने के मूड में बिल्कुल नहीं है। वहीं दूसरी ओर इस क्रम में एलपीजी कंपनियों के अधिकारी शामिल है, लेकिन बाकी के आर्थिक संपन्न लोग भी सहभागिता निभाना नहीं चाहते हैं।

अब तो और है चुनौती

30 जून तक डीबीटीएल से जुड़ने का काम पूरा हो चुका है। 90 परसेंट लोग इस योजना से जुड़ चुके हैं। बाकी 10 परसेंट लोगों को कंपनियां उपभोक्ता नहीं मान रही हैं। कंपनियों का कहना है कि बचे हुए लोग दोहरे कनेक्शन वाले और शहर छोड़ चुके लोग हैं। इन्हें अब लिस्ट से हटाने का काम किया जा रहा है। ऐसे में एक सबसे बड़ी प्रॉब्लम्स यह है कि जो लोग सब्सिडी लेने के अप्लाई कर चुके हैं क्या वह अब दोबारा सब्सिडी न लेने के लिए आगे आएंगे।

वर्जन

सब्सिडी छोड़ना या न छोड़ना, लोगों की मर्जी पर ही डिपेंड करता है। जितने लोगों ने अपनी सब्सिडी छोड़ी है, वो या तो राजनेता हैं या फिर संपन्न घरों के मोदी समर्थक हैं।

- नमो जैन, अध्यक्ष, डिस्ट्रिक्ट एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर एसोसिएशन

मैं सभी लोगों से अपील करता हूं कि जो लोग अपनी सब्सिडी छोड़ सकते हैं उन्हें कर देनी चाहिए। इससे उन लोगों को फायदा होगा जिनके घरों में गैस कनेक्शन नहीं है।

- राजेंद्र अग्रवाल, सांसद

वैसे सब्सिडी छोड़ने के लिए किसी पर जोर जबरदस्ती नहीं है, लेकिन मेरठ में कई ऐसे लोग हैं जो अपनी गैस पर सब्सिडी छोड़ सकते हैं। लोगों को उनके बारे में सोचना चाहिए, जिनके घरों में गैस नहीं है।

- रविंद्र भड़ाना, विधायक, मेरठ दक्षिण