ड्रगिस्ट एंड केमिस्ट एसोसिएशन ऑफ यूपी के पदाधिकारियों ने किया ऐलान

- एक फरवरी को सीएम को सौंपेंगे ज्ञापन, पहले सप्ताह में सेंट्रल हेल्थ मिनिस्टर से करेंगे मुलाकात

- राज्य में एक लाख दुकानें हैं केमिस्ट सिर्फ 35 हजार फार्मासिस्ट

- एक दुकानों की यूपी में और भी जरुरत

Meerut : मेडिकल स्टोर्स पर फार्मासिस्ट की उपयोगिता और 1948 में बने कास्ॅमेटिक एक्ट और औषधि अधिनियम में बदलाव के लिए आंदोलन करने का मूड बना लिया है। एक फरवरी को पीएम को संबोधित डीएम को ज्ञापन सौंपा जाएगा। जो प्रत्येक जनपद में होगा। उसके बाद 3 फरवरी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से इन मुद्दों पर बात की जाएगी। उसके बाद आले वाले संसद सत्र में बिल पेश कराया जाएगा। अगर इस बिल में कोई बदलाव नहीं होता है पूरे प्रदेश ही नहीं देशव्यापी आंदोलन चलाया जाएगा। ये बातें द केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन यूपी के संरक्षक गोपाल अग्रवाल ने प्रेसवार्ता के दौरान कहीं।

नियमों हो बदलाव

पत्रकारों को उन्होंने संबोधित करते हुए कहा कि 1948 में बने कास्ॅमेटिक एक्ट और औषधि अधिनियम में बदलाव की काफी आवश्यकता है। आज के दौर में व्यवहारिकता नहीं रह गई है। वहीं 1948 में देश की आबादी 25 करोड़ थी। वहीं आज के समय में देश ही आबादी 125 करोड़ हो गई है। ऐसे में खुदरा बाजार में हर मेडिकल स्ट्रोर में फार्मासिस्ट अनिवार्यता होना मुमकिन नहीं है। ऐसे में इस कानून को हट जाना चाहिए।

अभी एक लाख और जरुरत

अगर बात मेरठ में मेडिकल स्टोरों की करें तो पूरी यूपी में एक लाख मेडिकल स्टोर हैं। वहीं फार्मासिस्ट की संख्या सिर्फ 35 हजार ही हैं। वहीं वेस्ट यूपी की बात करें तो वेस्ट यूपी मेडिकल स्टोर की संख्या 35 हजार हैं। जबकि सिर्फ 10 हजार ही फार्मासिस्ट ही मौजूद हैं। वहीं मेरठ में मेडिकल स्टोर की संख्या 3500 हैं। गोपाल अग्रवाल का कहना है कि यूपी में जनसंख्या के हिसाब से बात करें तो एक लाख मेडिकल स्टोर की जरुरत है। इस मौके पर मेरठ संगठन के महामंत्री रजनीश कौशल, अध्यक्ष विनेश जैन, इंदरपाल सिंह आदि लोग मौजूद थे।