- व्यापारी और नेता बोले यहीं घोषित करो मदद, परिजन ले गए शव

- पुलिस अधिकारियों और पब्लिक के बीच हुई गाली गलौज, हाथापाई

Meerut : पोस्टमार्टम के बाद शवों को दोबारा सदर घंटाघर पर लाया गया। मृतकों के परिजनों को मुआवजा घोषित करने और सरकारी नौकरी की मांग तूल पकड़ गई। हंगामा बढ़ता गया और लोगों ने शवों को बेगमपुल चौराहे पर रखकर जाम लगा दिया। पुलिस अधिकारियों से गाली गलौज व हाथापाई तक हुई। विरोध बढ़ता देखकर पुलिस ने मृतकों के परिजनों को ही सामने किया और शवों को हटवाया।

लगा दिया सड़क पर जाम

व्यापारियों और कुछ स्थानीय लोगों ने शवों को शाम करीब 6.45 बजे सदर घंटाघर से बेगमपुल चौराहे पर लाकर रख दिया। सारा यातायात रोक दिया गया और कुछ ई-रिक्शा चालकों व बाइक सवार युवकों से मारपीट की गई। बस लेकर निकल रहे रोडवेज चालक को भी नीचे खींचने का प्रयास किया। भीड़ में शामिल युवकों में से कुछ ने ई-रिक्शा में सवार महिलाओं से अभद्रता की। व्यापारी मुआवजा बढ़ाने, मृतकों के परिजनों में से एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। भीड़ ने पुलिसकर्मियों को धकिया दिया और नारेबाजी कर दी। इसी बात को लेकर सीओ कोतवाली रणविजय सिंह व एक अन्य सीओ की भीड़ में शामिल लोगों से झड़प हो गई। पुलिस से धक्कामुक्की भी की गई। इस दौरान पुलिस ने दीपक शर्मा के चचेरे भाई पप्पू राणा निवासी मुक्तेश्वरा, बाबूगढ़ छावनी को सामने कर दिया और शवों को एक ओर हटवा दिया। करीब 45 मिनट लगा जाम तब कहीं जाकर खुलवाया गया।