बैडमिंटन खिलाडि़यों को एक और हॉल की जरूरत

प्लेयर्स के लिए कम पड़ जाता है हॉल

- इसी हॉल में खेलकर मनु अत्री ने किया है मेरठ का नाम रोशन

Meerut। कैलाश प्रकाश स्टेडियम में खिलाडि़यों के लिए बैडमिंटन हॉल कम पड़ जाता है। खिलाड़ी इतने अधिक हैं कि उनको एक और हॉल की जरूरत है। मनु अत्री भी इसी हॉल से खेलकर मेरठ का नाम रोशन किया है।

हॉल में हैं तीन कोट

कैलाश प्रकाश स्टेडियम में बैडमिंटन के तीन कोट हैं। वह खिलाडि़यों के लिए कम पड़ते हैं। इसीलिए शिफ्टों में खिलाडि़यों को बुलाना पड़ता है। हालात यह हो जाती है कि बैडमिंटन खिलाडि़यों को कभी-कभी बाहर भी खेलना पड़ता है।

तीन का सलेक्शन

प्रदेश में बैडमिंटन खिलाडि़यों के लिए पहली बार सरकारी हॉस्टल खुला है। पहली ही बार में मेरठ की तीन लड़कियों का सलेक्शन हुआ है।

खिलाडि़यों ने किया नाम रोशन

कैलाश प्रकाश स्टेडियम के बैडमिंटन हॉल से अनेक खिलाड़ी ऐसे निकले हैं जिन्होंने नेशनल व इंटरनेशनल स्तर पर मेरठ का नाम रोशन किया है। इसमें मनु अत्री, विवेक बंसल, आरूषी हैं।

बैडमिंटन के लिए स्टेडियम में सारी सुविधाएं हैं। यदि एक हॉल और मिल जाए तो और भी अच्छा हो जाएगा। क्योंकि खिलाड़ी अधिक हो जाने के कारण हॉल थोड़ा छोटा पड़ता है।

-प्रभात शर्मा कोच बैडमिंटन

स्टेडियम में खेलने के लिए अच्छा माहौल है। कोच भी अच्छे हैं। खिलाडि़यों को बहुत अच्छे तरीके से बताते हैं। खिलाडि़यों की छोटी सी छोटी बात का ध्यान रखते हैं।

-मनीष बैडमिंटन खिलाड़ी

बैडमिंटन का हॉल बहुत अच्छा है। यदि यहां पर लाइट चली जाए तो इनवर्टर की भी सुविधा यहां पर है। सबसे अच्छी बात यह है कि यहां के खिलाड़ी सब मिलजुलकर हॉल का ख्याल रखते हैं। यदि कोई जरूरत होती है तो सब मिलकर पूरी कर लेते हैं।

-निशा बैडमिंटन खिलाड़ी

खिलाड़ी अधिक हैं इसीलिए यदि एक हॉल और मिल जाए तो अभ्यास ठीक से हो जाएगा। खिलाड़ी अधिक होने के कारण खेलने के लिए कम समय मिलता है। स्टेडियम में अच्छे खिलाडि़यों की कमी नहीं है।

-देव बैडमिंटन खिलाड़ी

खिलाडि़यों में अनुशासन बहुत जरूरी है। हमारे कोच इस बात का विशेष ध्यान रखते हैं। यदि गंभीरता और अनुशासन के बिना खेलेंगे तो कभी कामयाब नहीं हो पाएंगे। इसीलिए कोच किसी खिलाड़ी को ड्रेस के बिना हॉल में आने नहीं देते।

-सार्थक बैडमिंटन खिलाड़ी