- कवि सम्मेलन में दर्शकों को दिया राष्ट्रप्रेम का संदेश

मेरठ। काव्य संध्या जननी जन्मभूमि का आयोजन जेएस एकेडमी में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सुभाष गुर्जर ने की। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के पूजन से हुआ। उसके बाद कवियत्री सुधा शर्मा स्वयंप्रभा द्वारा की गई। इसके बाद मऊ से आए आजे कवि प्रखर ने कविता पढ़ी ''ले जाएगा सब कुछ वो जमाने से कमाकर, जो साथ ले जाएगा ईमान बचाकर'' जिसने सभी दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया।

जमकर झूमे दर्शक

इस बाद गीतों की बयार को ममता वाष्र्णेय ने आगे बढ़ाया। उसके बाद सुमनेश सुमन ने अपने चिर परिचित अंदाज में ओज की पक्तियां ''धरा सी आन रखते हैं, गगन सी शान रखते हैं, दिखा देगा समय क्या, जज्बा ए तूफान रखते हैं, भले हम जाति मजहब धर्म में ही सब अलग लेकिन दिलों में सब धड़कता एक हिन्दुस्तान रखते हैं'' सुनाकर राष्ट्र प्रेम और कौमी एकता का संदेश दिया। इसके बाद दिल्ली से आए हास्य कवि पीके आजाद ने अपने व्यंग से दर्शकों को हंसने के लिए बाध्य कर दिया। उन्होंने कहा कि ''कभी से प्यार बोलेगी, कभी अंगार बोलेगी, मगर जब भी ये बोलेंगी सदा सच यार बोलेगी, यही तलवार है मेरी इसी से जंग लड़नी है, जरूरत जब पडे़गी लेखनी की धर बोलेगी कविता ने वाह वाही लूटी।

राष्ट्रप्रेम का दिया संदेश

कार्यक्रम का संचालन कर रहे सुल्तान सिंह सुल्तान ने राष्ट्रप्रेम की विसंगतियां पर कई गीत छन्द पढ़े उन्होंने पढ़ा कि ''रंगों में आग मेरे देही में भूचाल आता है, वरन् करते हैं मृत्यु वें उन्हें कब काल खाता है'' कार्यक्रम के अंत में स्कूल प्रबंधक सुभाष गुर्जर ने अतिथियों का सम्मान किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में नीलम, डॉ। एनके सिन्हा, राजेश सिसोदिया, संजय सोम, रविंद्र तोमर, अंजलि शर्मा, नेहा पूनिया, आशीष आदि का योगदान रहा।