आरोपी की कार से उसके सत्ताधारी पार्टी से ताल्लुकात होने के संकेत मिले हैं और सबसे बड़ी बात ये है कि इस कत्ल के लिए पुलिस भी कम गुनाहगार नहीं है। रंगदारी मांगने पर डॉक्टर ने आरोपी को पुलिस के हवाले किया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उल्टे आरोपी से तहरीर लेकर डॉक्टर को ही डराया-धमकाया गया

पुलिस बचा सकती थी डॉक्टर की जान

बहसूमा थाना क्षेत्र में एक डॉक्टर को दिन दहाड़े उसके ही क्लीनिक में गोलियों से भून दिया गया। गोली मारने के बाद बदमाश मौके से फरार हो गए। डॉक्टर को गंभीर हालत में सुशीला जसवंत राय अस्पताल लाया गया। जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। परिजनों ने बताया कि डॉक्टर की हत्या रंगदारी नहीं देने और पुलिस की कमी के कारण हुई है।

परिवार का सीन

बहसूमा में कैलाशपुरी मवाना रोड पर डॉ। दिनेशचंद शर्मा (32) का परिवार रहता है। यहीं घर के बाहर क्लीनिक है। इनके पिता डॉ। मूलचंद शर्मा का भी गांव मोड़ में क्लीनिक है। परिवार में डॉ। दिनेश का एक बेटा सिद्धांत उर्फ मधुर और पत्नी रामवती हैं। बेटा ग्यारहवीं का छात्र है। इनका छोटा भाई विनीत इंजीनियर है।

वारदात का सीन

सुबह करीब दस क्लीनिक में डॉ। दिनेश रोज की तरह मरीजों को देख रहे थे। क्लीनिक में काफी भीड़ थी। तभी एक मारुति कार क्लीनिक के सामने आकर रूकी। कार से उतरे एक बदमाश ने पिस्टल निकाली और डॉ। दिनेशचंद पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। जिसमें डॉक्टर को दो गोलियां लगीं। बदमाश फायरिंग करते हुए फरार हो गए।

वारदात से पहले की रेकी

गंभीर रूप से घायल डॉ। दिनेश को मेरठ लाया गया। लेकिन डॉक्टर ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। अस्पताल में डॉक्टर को मृत घोषित कर दिया। सूचना पर पहुंची सिविल लाइन पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर बॉडी को मोर्चरी भेज दिया। बताया जाता है कि डॉक्टर को दो गोलियां लगीं। जिसमें एक सिर और दूसरी सीने में।

डॉ। दिनेशचंद शर्मा के क्लीनिक पर बदमाश रेकी करने के लिए चोट का बहाना बनाकर आए थे। जब देखा कि क्लीनिक पर मरीज बैठे हैं तो बदमाश बाहर चला गया था। जहां उसने मरीजों के कम होने का इंतजार किया। जब भीड़ कम नहीं हुई तो तीनों बदमाश क्लीनिक के अंदर गए और डॉक्टर पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी।

मांगी गई थी रंगदारी

परिजनों के अनुसार दो अगस्त को मोहम्मदपुर सिसक का रहने वाला एक बदमाश अरुण, जो खुद को योगेश भदौड़ा गैंग का सदस्य बताता है, डॉ। शर्मा के पास आया था। उसने डॉक्टर से पांच लाख रुपये की रंगदारी मांगी थी। रुपये नहीं देने पर जान से मारने की धमकी दी थी। इस बात को लेकर डॉक्टर और आरोपी के बीच हाथापाई हुई। डॉ। शर्मा ने आरोपी को पकडक़र पुलिस के हवाले कर दिया था।

काश पुलिस कार्रवाई करती!

पुलिस ने अपनी आदत के अनुसार आरोपी को थाने ले जाकर छोड़ दिया। यही नहीं पुलिस ने आरोपी से डॉक्टर के खिलाफ तहरीर भी स्वीकार कर ली, जिससे आरोपी की हिम्मत बढ़ गई और उसने डॉक्टर को फोन पर धमकी देनी शुरू कर दी। इसकी तहरीर भी थाने में दी गई। पुलिस ने एक बार फिर मामले को हल्के में लिया। साथ ही डॉक्टर को उल्टे धमकाती रही। इसका कारण ये था कि आरोपी खुद को सत्ताधारी पार्टी से संबंधित बताता था। उसने अपनी मारुति कार पर प्रदेश सचिव, उत्तराखंड की प्लेट भी लगा रखी थी।

दबोचा गया आरोपी

किठौर एरिया में आरोपी अरुण चौधरी को उसकी महिला साथी अनु उर्फ अनुराधा के साथ दबोच लिया गया। जबकि उसके दो साथी फरार हो गए। फरार होने वालों में एक नरेंद्र चौधरी नाम का बदमाश बताया गया है। सभी भदौड़ा गैंग के हैं। यहां प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करते हैं। सीओ किठौर के अनुसार आरोपी अरुण चौधरी पर सदर बाजार, सरधना और अन्य कई थानों में करीब एक दर्जन मामले दर्ज हैं।  

"आरोपी को उसकी कार सहित गिरफ्तार कर लिया गया है। तमंचा और कारतूस भी बरामद कर लिए गए हैं। साथ ही उसकी एक महिला साथी भी पकड़ी गई है। जिससे पूछताछ की जा रही है."

- एमएम बेग, एसपी देहात