यह था सीन
कॉलेज के लॉ डिपार्टमेंट प्रैक्टिकल चल रहे थे। करीब साढ़े ग्यारह बजे डिपार्टमेंट के बाहर भावनपुर के स्याल गांव का रहने वाला पवन पहलवान पुत्र सरदार सिंह अपनी चचेरी बहन के साथ खड़ा हुआ था। वह कॉलेज में बीए सेकंड ईयर का स्टूडेंट है। बीए सेकंड ईयर के अनिरुद्ध उर्फ गौरव निवासी रोहटा से लड़कियों पर छींटाकशी को लेकर पवन से झगड़ा शुरू हो गया। कुछ ही देर में अनिरुद्ध ने अमित उर्फ नीटू स्याल, उसके भाई कालिया गुर्जर, कल्याणपुर का सूरज, रोहित चिंदौड़ी और गुड्डू उर्फ निशांत समेत एक दर्जन युवक बुला लिए।

मारपीट और फिर गोली मारी
बकौल पवन ये युवक हाथों में हथियार लहराते हुए डिपार्टमेंट के समाने पहुंच गए। अमित के भाई कालिया गुर्जर ने उसको दबोच लिया। अमित ने गोली चला दी। जिसमें पहली गोली मिस हो गई। इसके बाद दूसरी गोली पवन के सीने में सटाकर मारी तो वह फिसलकर पेट में लेफ्ट साइड में जा लगी। गोली मारने के बाद ये आरोपी पीछे के गेट से भाग निकले। इनके पीछे पकडऩे को भागे युवकों से बचने के लिए भागते हुए आरोपियों ने दो फायर और किए।

पकड़े गए आरोपी
पवन को गोली मारने के बाद सभी आरोपी थापर नगर में एक घर में गेट कूदकर घुस गए। मकान मालिक ने इनको घर में घुसते देख शोर मचा दी। पीछे से आए युवकों ने इनको दबोच लिया। पकड़े गए इन युवकों को थाने ले जाया गया। जिनमें सूरज, गुड्डू उर्फ निशांत और गौरव उर्फ अनिरुद्ध राठी शामिल हैं। मौजूद लोगों का कहना है कि करीब छह युवकों को दबोचा गया था, लेकिन पुलिस ने तीन को छोड़ दिया और इन तीनों को लालकुर्ती पुलिस के हवाले कर दिया। पवन के चाचा रोहताश सिंह ने आरोपियों के खिलाफ लालकुर्ती थाने में तहरीर दी है।

अपराधियों की कॉलेज में एंट्री
देखा जाए तो अमित स्याल पर कई थानों में केस दर्ज हैं। तीन दिन पहले अमित स्याल और ठाकुर संसार कॉलेज में गोली चलाई थी। यूनिवर्सिटी के अंबेडकर हॉस्टल में गोली चलाने को लेकर अमित नेम्ड है। कुछ दिन पहले सिविल लाइन में एक काली सफारी अमित से बरामद हुई थी, जो आज भी वहां मौजूद है, लेकिन पुलिस ने सेटिंग करके इसको छोड़ दिया था।

वर्चस्व का पंगा
पूरे झगड़े में वर्चस्व का पंगा रहा है। जो चुनाव के टाइम से चल रहा है। अमित स्याल और उसके कई साथी बिना एडमिशन के ही कॉलेज व यूनिवर्सिटी में देखे जा सकते हैं। इन पर केस दर्ज होने के बाद भी कोई रोकटोक नहीं है। मेरठ कॉलेज में वर्चस्व का पंगा लंबा है। कभी बड़े-बड़े लोगो की हत्या इसी वर्चस्व को लेकर मेरठ कॉलेज में हुई हैं। एक बार फिर वही खून खराबा होने की संभावना प्रबल हो रही हैं।

सीसीटीवी कैमरे बंद
प्रिंसीपल के कमरे में सीटीवी कैमरों के अंदर का रिकार्ड देखा जा सकता है, लेकिन आज इनके कंप्यूटर पर वही कैमरा खराब नजर आया जिसके सामने यह घटना हुई। दूसरे सीसीटीवी कैमरे से भागते युवकों की फुटेज निकालने की कोशिश की गई, लेकिन वह भी नहीं निकल पाई। पूरे केस को यहां के प्रोफेसर और कर्मचारी जानते हुए अंजान बन रहे थे। प्रिंसीपल ने फुटेज दिखाने में काफी आनाकानी की। फिलहाल केस दर्ज कर आरोपियों की तलाश जारी है।