मेरठ (ब्यूरो)। महंगाई रोजाना बढ़ रही है। सब्जी, फल, दूध, पेट्रोल और डीजल के बाद अब महंगाई की मार से दवा बाजार भी अछूता नहीं है। जिसका सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ रहा है। आपने गौर किया हो या नहीं मगर आंकड़े बता रहे हैैं कि पिछले कुछ ही दिनों में जुकाम, खांसी और बुखार की साधारण दवाइयों की होलसेल की कीमतों में 15 से 20 प्रतिशत तक का इजाफा हो गया है। एंटी बायोटिक, एलर्जी, इनहेलर और इंसुलिन की बात करें तो इनके दामों में भी 20 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी हो गई है। इसके अलावा गैस, एलर्जी और पेन किलर वाले इंजेक्शन के दाम भी 20 से 25 फीसदी तक इजाफा हो गया है।

डिब्बाबंद दूध भी महंगा
दवाओं की मंहगाई का असर केवल बड़ों की दवाओं तक नही बल्कि बच्चों के डिब्बाबंद दूध पर भी पड़ा है। स्थिति यह है कि छोटे बच्चों के डिब्बाबंद दूध के दामों भी बढ़ोतरी हो गई है। इसके चलते डिब्बाबंद दूध बनाने वाली कंपनियों ने 15 से 20 प्रतिशत दाम बढ़ा दिए गए है। कई ब्रांडेड कंपनियों के डिब्बाबंद दूध के दाम 300 से बढ़कर 400 रुपये तक हो गए हैं।

इन दवाओं की कीमत में हुआ इजाफा
दवा पहले अब
इलेक्ट्राल (पाउच) 21.95 24
बेनाड्रिल (सिरप) 129 141
एरोकार्ट (इनहेलर) 248 273
आईटोन (ड्रॉप) 55 60
गुडसेफ (टेबलेट) 145 164
पैंटाप डीएसआर (गैस) 112 140
मॉक्सीकाइंड (पत्ता) 160 171
लीव-52 (सिरप) 160 170
ब्रोमिडेक्स (सिरप) 142 157
एबी फाइलिन (पत्ता) 148 162
हेप्टाग्लोबिन (सिरप) 227 232
स्क्रीन लाइट (मलहम) 230 255
सुफ्र ामाइसिन (पत्ता) 50 55
रोटोकैप कैपस्यूल (पत्ता) 103 114
बुडिट्राल रोटोकैप (पत्ता) 216 239

हर माह दवाओं के दाम मेें 5 से 10 प्रतिशत का इजाफा हो रहा है। यह इसलिए हो रहा है क्योंकि बाजार में बिना बिल के दवाई और नकली दवाओं का कारोबार लगातार सरकार को नुकसान पहुंचा रहा है। जरुरी है कि ग्राहक बिल समेत दवा लें।
रजनीश कौशल, दवा करोबारी

दवाओं के दाम में लगातार इजाफा जारी है। कई प्रमुख और जरुरी दवाओं के दाम में 20 प्रतिशत से अधिक का इजाफा हो चुका है। जो अभी भी जारी है।
मनोज अग्रवाल, दवा कारोबारी

दवाईयां जरुरत से ज्यादा मंहगी हो चुकी है। दवाओं के दाम पर सरकार का कंट्रोल नही है। कंपनियों की मनमानी के चलते मनमर्जी के दाम बढ़ाए जा रहे हैं। सरकार के वन प्रोडक्ट वन रेट का नियम बनाना चाहिए।
घनश्याम मित्तल, दवा कारोबारी

फल, सब्जी, पेट्रोल और दूध के दाम तो रोजाना बढ़ रहे हैैं। अब खांसी, बुखार की दवाएं भी महंगी होती जा रही है। इस पर लगाम कसनी चाहिए।
सुशील

समझ नहीं आ रहा कि महंगाई कहां जाकर रुकेगी। साधारण जुकाम और गैस की दवाओं के दाम भी बढ़ गए हैैं।
देवेश