- अलग-अलग हत्या के मामले में पेश होने आए थे कैदी

- हवालात के अंदर बैठने को लेकर हो गया था विवाद

- सूचना पर मौके पर पहुंची कई थानों की पुलिस

- कचहरी की सुरक्षा एक बार फिर सवालों के घेरे में

Meerut: कचहरी स्थित सेशन हवालात में उस वक्त खलबली मच गई, जब पेशी पर आए कैदियों में चाकूबाजी होने लगी। एक कैदी को तीन कैदियों ने मिलकर चम्मच से बने चाकुओं से गोद डाला, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। आनन- फानन में उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। सूचना मिलते ही सीओ सिविल लाइन और अन्य थानों की पुलिस मौके पर पहुंची और मामले को संभाला।

अंडर ट्रायल मुजरिम

जानकारी के मुताबिक मंगलवार की सुबह जिला कारागार में अलग-अलग हत्या के मामले में बंद पांच बंदी पेशी के लिए कचहरी पहुंचे। इन सभी को सेशन हवालात में बंद कर दिया गया।

बैठने को लेकर हुआ विवाद

बताया जा रहा है कि हत्यारोपियों में सेशन हवालात में बैठने को लेकर कैदी अर¨वद, अवनीश, राजू और आनंद के बीच विवाद हो गया। पहले आपस में कहासुनी हुई। देखते ही देखते कहासुनी मारपीट में तब्दील हो गई। इसके बाद कैदियों ने चम्मच से बने चाकू निकाल लिए और जमकर चाकूबाजी हुई।

आनंद हुआ लहुलुहान

आनंद तीन के बीच में अकेला पड़ गया और गंभीर रूप से घायल हो गया। आनन-फानन में घायल आनंद पुत्र मित्रसेन निवासी तोहफापुर थाना इंचौली को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका उपचार चल रहा है।

उधर, सूचना मिलते ही सीओ सिविल लाइन विनोद सिंह सिरोही मय फोर्स के मौके पर पहुंचे, और घटना की जानकारी ली। पुलिस के अनुसार आंनद निवासी तोहफापुर इंचौली, अरविंद निवासी दौराला, अमरीश व रॉकी निवासी गांव भटीपुरा किठौर और राजू निवासी मवाना के बीच बैठने को लेकर विवाद हुआ, जिसमें आनंद जख्मी हुआ है।

वर्जन

हवालात में बैठने को लेकर विवाद हुआ था। जिसमें आनंद घायल हो गया। घटना की गंभीरता से जांच चल रही है। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।

-विनोद सिंह सिरोही, सीओ सिविल लाइन

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कोर्ट कैंपस में घटनाएं

19 फरवरी 2015 : भरी कचहरी में रजत वशिष्ठ हत्याकांड के हत्यारोपी देवेश त्यागी को जबरन छुड़ाने का प्रयास किया।

11 नवंबर 2014 : मेरठ कोर्ट से पेशी से लौटते वक्त पुलिस अभिरक्षा में बंदी की हत्या कर दी गई थी।

6 नवंबर 2014 : भरी कचहरी में गवाही के लिए जेल से लाए गए नितिन गंजा को गोलियों से भून डाला था

19 मार्च 2013 : मेरठ कचहरी में पेशी पर आए शातिर उधम सिंह और बदन सिंह आमने सामने आ गए।

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जेल में ही चाकू बनाते हैं कैदी

- कचहरी की सुरक्षा व्यवस्था सुरक्षा के घेरे में

रूद्गद्गह्मह्वह्ल: आखिर चाकू पहुंचे कहां से? इस पर सूत्रों का मानना है कि मेरठ जेल में खूंखार कैदी चम्मचों से चाकू करते हैं। सीओ विनोद सिरोही के अनुसार सभी कैदी जेल से ही चाकू लेकर पेशी पर आए थे।

ऐसे होते हैं चाकू तैयार

बताया जाता है कि कैदी जिन चम्मचों से खाना खाते हैं, उनमें से ही कुछ चम्मच चुरा लेते हैं। चम्मच को पत्थर पर घिसकर नुकीला बनाया जाता है। जेल प्रशासन का मानना है कि जब पेशी पर कैदी जाते हैं तो पुलिस उनकी पूरी तलाशी लेती है। ऐसे में कैदियों के पास चाकू मिलना सवाल खड़े करता है।

चम्मच से चाकू बनाने के बारे में जानकारी नहीं है। यदि जेल से चाकू गए थे, तो पुलिस को तलाशी में क्यों नहीं मिले, यह बड़ा सवाल है।

-संतलाल यादव, वरिष्ठ जेल अधीक्षक