जीआईएस से बिजली चोरों की टोह लेगा ऊर्जा निगम

कस्टमर कोड कंप्यूटर में डालते ही निकल आएगी उसकी लोकेशन

Meerut । शहर के जटिल इलाकों से लेकर दूर-दराज के ग्रामीण अंचलों में अपने कंज्यूमर्स की जानकारी रखने के लिए के लिए पीवीवीएनएल ने नया फार्मूला इजाद किया है। जियोग्राफिक इनफॉरमेशन सिस्टम (जीआईएस) के नाम से इजाद इस फार्मूले से कंज्यूमर की भौतिक जानकारी रखना आसान होगा। एडवांस टेक्नोलॉजी बेस्ड इस सिस्टम से न केवल विभाग समूचे सिस्टम को सेंट्रलाइज्ड किया जाएगा, बल्कि इससे बिजली चोरी पकड़ने में भी विभाग को बड़ी मदद मिलेगी।

जीआईएस प्रणाली

दरअसल जीआईएस सिस्टम के अंतर्गत बिजली विभाग अब किसी भी डिस्ट्रीब्यूशन एरिया में डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर पर एक मीटर लगाएगा इसके अलावा उस डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर पर टोटल कनेक्शन से लेकर यूज होने वाले खंभों पर स्वीकृत लोड की जानकारी भी अपने पास स्टोर रखेगा। विभाग की ओर से प्रत्येक कंज्यूमर के प्राइवेट कोड के साथ बिल्डिंग कोड डिजाइन किया जाएगा। उसके जीआईएस सॉफ्टवेयर में सारे कंज्यूमर और बिल्डिंग कोड्स फीड किए जाएंगे।

ऐसे काम करेगा सॉफ्टवेयर

जीआईएस सॉफ्टवेयर के माध्यम से अब विभाग प्रत्येक कंज्यूमर पैनी नजर रखना आसान होगा। अफसरों की मानें तो कंप्यूटर में कंज्यूमर कोड डालते ही स्क्रीन पर उसकी कनेक्शन संख्या, उसका स्वीकृत लोड और बिल की सारी जानकारी आ जाएंगी, जबकि बिल्डिंग कोड डालने के बाद कंप्यूटर स्क्रीन उसकी पूरी जियोग्राफिक लोकेशन को शो कर देगा।

लगेगी चोरी पर लगाम

इसका सबसे बड़ा फायदा बिजली चोरी पर अंकुश लगाने में होगा। जीआईएस के माध्यम से विभाग किसी एक डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर के कुल लोड से उससे कनेक्टेड कनेक्शन के लोड को मैच करेगा, जिसके बाद पोल टू पोल प्रत्येक कनेक्शन के अलग-अलग लोड को मैच किया जाएगा यदि टोटल लोड डिस्ट्रीब्यूशन के कुल लोड से मैच नहीं करता तो जीआईएस के माध्यम से किस पोल पर बिजली चोरी है। इसका पता आसानी से लगाया जा सकेगा।

जीआईएस सिस्टम से पूरे विभाग को हाईटेक करने का प्लान है। जीआईएस मैंप में पश्चिमांचल के सभी बीस लाख कस्टमर्स को रखा गया है। अब बिजली चोरों की भौतिक लोकेशन आसानी से ट्रेस की जा सकेगी।

-योगेश कुमार, प्रभारी आरएपीडीआरपी योजना