- कॉलेजों में रैगिंग एप बनाने के लिए चल रही है तैयारी

- रैगिंग से बचने के लिए कर रही है तैयारी पहले से ही यूनिवर्सिट

Meerut- अभी कुछ ही दिनों में एडमिशन की प्रक्रिया शुरु होने वाली है। ऐसे में शैक्षणिक संस्थानों में अपने बच्चों को प्रवेश दिलाने से पहले पैंरेंट्स पढ़ाई की क्वालिटी के बारे में जानकारी लेने के साथ-साथ यह भी पूछ रहे हैं कि संस्थान में रैगिंग तो नहीं होती। इतना ही नहीं कॉलेजों में इन दिनों पेरेंट्स पहुंचर कॉलेज के बारे में भी जानकारी जुटा रहे हैं। शहर के विभिन्न प्राइवेट व सरकारी कॉलेजों में पेरेंट्स पहुंचकर कॉलेजों की जानकारी ले रहे हैं।

ऑनलाइन भरे जाएंगे फार्म

इन दिनों प्राइवेट कॉलेजों में प्रवेश की प्रक्रिया शुरु हो चुकी है। कुछ में अभी प्रक्रिया शुरु होने वाली है। वहीं सीसीएस यूनिवर्सिटी के साथ ही संबंधित कॉलेजों में भी प्रवेश की प्रक्रिया जल्द ही शुरु होने वाली है। ऐसे में ऑनलाइन फार्म भरने की प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही पैरेंट्स शिक्षण संस्थाओं के बारे में जानकारी जुटाने के लिए कैंपस पहुंच रहे हैं और वे संस्थान के बारे में पर भूतपूर्व छात्रों या फिर संस्थान के आसपास के दुकानदारों से संस्थान के माहौल के बारे में जानकारी जुटा रहे हैं।

इसलिए बदला ट्रेंड

अब तक पैंरेंट्स शैक्षणिक संस्थाओं में पढ़ाई के स्तर और फैकल्टी के बारे में पूछते थे लेकिन अब वह कैंपस के माहौल और रैगिंग को लेकर भी जानकारी जुटा रहे हैं। ऐसा पिछले दिनों शिक्षण संस्थानों में छात्रों की रैगिंग और विवाद की घटनाएं सामने आने की वजह से हुआ है। यूनिवर्सिटी व संबंधित छोटूराम कॉलेज के छात्रों के बीच विवाद हुआ था और बात पुलिस तक पहुंच गई थी। शुरुआती तौर पर विवाद को रैगिंग से जोड़कर देखा जा रहा था।

- अभी एक मंथ पहले ही यूनिवर्सिटी के लाइब्रेरी के पास गोली चलने का मामला ही समाने आया था। जिसका केस संबंधित क्षेत्र के मेडिकल थाना में गया था।

- इससे पहले भी 200 से अधिक ऐसे केस हो चुके हैं। जिनमें यूनिवर्सिटी में गोली चलना आम बात रही है।

ये जानकारी ले रहे

- संस्थान में पढ़ाई का माहौल कैसा है। यह जानकारी वह कैंपस में मिलने वाले छात्रों और शिक्षकों से ले रहे हैं।

- संस्थान में रैगिंग या छात्रों के बीच विवाद तो नहीं होते। यह पूछताछ अभिभावक संस्थान के आसपास के दुकानदारों और फस्ट ईयर के छात्रों से कर पूछ रहे हैं।

-शिक्षकों से यह जानकारी जुटा रहे हैं कि विवाद या रैगिंग से छात्रों को बचाने के क्या इंतजाम किए गए हैं।

- हॉस्टल में यदि छात्र रहता है तो उसे कोई परेशानी तो नहीं आती।

रैगिंग कट्रोल सेल बनाने की तैयारी

यूनिवर्सिटी ने भी यूजीसी के निर्देशों के अनुसार अब रैगिंग कट्रोल सेल एप बनाने की तैयारी कर ली है। जिसके अनुसार यूनिवर्सिटी ने संबंधित कॉलेजों की मीटिंग करने का विचार किया है। मीटिंग में सभी कॉलेजों के प्रिंसिपल्स को सेल एप की जानकारी दी जाएगी।

प्रो। एनके तनेजा, वीसी, सीसीएस यूनिवर्सिटी