मेरठ ब्यूरो। रोडवेज बसों का ईटीएम हैक होने के कारण लगातार सातवेें दिन भी बसों में मैनुअल टिकट बनाए जा रहे हैं। जबकि दावा किया जा रहा है था गत सप्ताह ही ऑनलाइन सेवा बहाल कर दी जाएगी। लेकिन अभी मुख्यालय स्तर पर थर्ड पार्टी सिक्योरिटी आडिट अधूरा होने से सहमति नहीं बन पा रही है। इस कारण सप्ताह के अंत या अगले सप्ताह तक सभी सेवाएं बहाल होने की उम्मीद है। हालांकि ऑनलाइन सेवा ना चालू होने से रीजन को प्रति दिन 20 से 30 लाख रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है।

प्रतिदिन हो रहा लाखों का नुकसान

गौरतलब है कि विदेशी हैंकर्स ने 25 अप्रैल की मध्यरात्रि में मुंबई में ओरियन प्रो कंपनी का डाटा इनक्रिप्ट कर रोडवेज की पूरी ऑनलाइन व्यवस्था को ठप कर दिया था। इसी के सहारे प्रदेश में परिवहन बसों में टिकट सहित अन्य सेवाएं संचालित होती है। यह व्यवस्था ठप होने से बसों में आनलाइन टिकट बुकिंग से लेकर एमएसटी व काउंटर टिकट भी पिछले छह दिन से नहीं बन पा रहे हैं। ऑनलाइन सेवा बंद होने से प्रतिदिन करीब 20 से 30 लाख रुपए का मेरठ रीजन को नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसमें सबसे प्रमुख ऑनलाइन टिकट बुकिंग, एमएसटी से नुकसान के अलावा ईटीएम ना चालू होने से टिकट बिक्री में काफी कमी आई है। 50 से अधिक बसें पांचों डिपो से संचालित नही हो रही हैं।

अगले सप्ताह की उम्मीद

आला अधिकारियों की मानें तो रोडवेज ने सेवा प्रदाता कंपनी के साथ मिलकर नए सर्वर की टेस्टिंग कर ली है। निगम इसमें सफल रहा लेकिन, 40 करोड़ बिटक्वाइन में मांगने वाले हैकर्स कहीं दोबारा हमला न कर दें इसलिए आनलाइन सेवाओं को बहाल करने में जल्दबाजी नहीं की जा रही। वहीं निगम के अनुसार थर्ड पार्टी सिक्योरिटी आडिट के करीब आठ टेस्ट होने हैं, इनमें से तीन पूरे कर लिए गए हैं और बाकि पांच पूरा होने के बाद ही सेवाएं बहाल हो सकती हैं। ऐसे में ऑनलाइन सेवाएं बहाल होने में पांच से सात दिन लग सकते हैं।

नए सर्वर का थर्ड पार्टी सिक्योरिटी आडिट चल रहा है। मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार इस काम को पूरा होने में अभी और समय लगेगा। लेकिन सभी बसों में मैनुअल टिकट बन रहे हैं, ताकि यात्रियों को परेशानी न हो और अधिकतर बसें अपने रूट पर संचालित हो रही हैं।

- केके शर्मा, आरएम