मेरठ (ब्यूरो)। सीबीएसई स्कूल के प्रॉस्पेक्ट्स में बड़ी-बड़ी एक्टिविटीज को शामिल किया जाता है। मगर स्कूलों में जमीनी स्तर पर एक्टिविटीज के नाम पर महज खानापूर्ति की जाती है। इस खानापूर्ति पर लगाम कसने के लिए सीबीएसई बोर्ड ने शगुन ऐप की शुरुआत की है। इस योजना में केवल कागजी कार्रवाई से काम नहीं चलेगा।

एक्टिविटी की रिपोर्ट
सीबीएसई के अनुसार अब महज किसी एक एक्टिविटी से संबंधित स्टूडेंट की फोटो देने से ही काम नहीं चलेगा। बकायदा स्कूलों को क्लास वाइज इस हर बच्चे की डिटेल इस ऐप पर देनी होगी। इतना ही नहीं, क्लास वाइस बच्चों का एक्टिविटी में भाग लेते हुए फोटो ऐप पर अपलोड करना होगा। साथ ही बच्चे को उस एक्टिविटी में क्या रैैंक मिली है, ये डिटेल भी देनी होगी।

छह माह का रिकॉर्ड
जानकारी के मुताबिक सीबीएसई बोर्ड ने स्कूलों से पिछले छह माह में कराई गई एक्टिविटी का रिकॉर्ड मांगा है। साथ ही बच्चों की भी डिटेल्स मांगी है कि हर मंथ में स्कूल के कितने बच्चों ने क्लास वाइस इन एक्टिविटीज में भाग लिया है।

पेरेंट्स की पहुंची शिकायत
सीबीएसई के अनुसार ऐसे कई पेरेंट्स की शिकायतें पहुंची है, जिनमें बताया गया है कि स्कूल एक्टिविटी के नाम पर मोटा पैसा वसूलते हैं। इनमें कुछ पेरेंट्स ऐसे भी हैं, जिन्होंने शिकायत की है कि उनके बच्चे को सुस्त होने के कारण एक्टिविटीज में भाग ही नहीं दिलाया जाता है।

500 से 800 की वसूली
पेरेंट्स से जब इस बाबत बात की गई तो उनका कहना था कि स्कूल हर मंथ की एक्टिविटी के नाम पर 500 से 800 रुपये वसूल लेते हैं। ऐसे में एक्टिविटी के नाम पर बच्चों को कुछ खास नहीं करवाया जाता है। पेरेंट्स तो यह तक कहते हैं कि उनके बच्चों को एक्टिविटी में पार्टिसिपेट ही नहीं कराया जाता है तो पैसे क्यों लिए जाते हैैं।

स्कूल ग्रेड का नया प्रयोग
सीबीएसई के अनुसार बच्चों के विकास को लेकर कराई जा रही हर एक्टिविटी पर स्कूलों को सीबीएसई द्वारा रैंकिंग दी जाएगी। इसके बाद बोर्ड हर माह स्कूल के लिए ग्रेड तय करेगा। एक साल के बाद इस ग्रेड के आधार पर स्कूल ए, बी, सी स्तर पर बांटे जाएंगे। हर महीने की 15 तारीख तक वेबसाइट पर रिपोर्ट देनी अनिवार्य होगी।

क्या कहते है पेरेंट्स
कभी प्रैक्टिकल के नाम पर कभी किसी टूर तो कभी किसी एक्टिविटी के नाम पर कम से कम पांच सौ रुपये तो स्कूल के पक्के हैं।
सुचिता

स्कूलों में बच्चों की एक्टिविटी और प्रोजेक्ट फाइल आदि के हर माह के अलग-अलग चार्ज पेरेंट्स से वसूले जाते हैैं। ये सब फीस से अलग है।
अभिषेक

हर माह एक्टिविटी के नाम स्कूल पेरेंट्स से वसूली करते हैैं। जबकि जरुरी नहीं कि बच्चा एक्टिविटी में भाग ले या न ले।
स्नेहा

क्या कहते हैं प्रिंसिपल
स्कूल की कोशिश रहती है कि हर बच्चा किसी न किसी एक्टिविटी में भाग ले। मगर हर एक्टिविटी में हर बच्चा शामिल हो संभव नहीं।
अनिता त्रिपाठी, प्रिंसिपल, सिटी वोकेशनल पब्लिक स्कूल

हमारे यहां अधिकतर बच्चों को एक्टिविटी में भाग लेने के लिए प्रेरित किया जाता है। हालांकि कई बार कुछ स्टूडेंट रह जाते हैं।
संजीव अग्रवाल, प्रिंसिपल, बीएनजी पब्लिक स्कूल

सीबीएसई के निर्देशों पर ध्यान दिया जाएगा। कोशिश की जाएगी कि हर बच्चा एक्टिविटीज में भाग ले। हालांकि हमेशा से हमारा प्रयास यही रहा है।
राहुल केसरवानी, प्रिंसिपल, मेरठ सिटी पब्लिक स्कूल