मेरठ (ब्यूरो)। अगर आप रोडवेज बस से सफर करने का मन बना रहे हैं, तो यह भूल जाइए कि आपको बस में कोई सुविधा मिलेगी। हालत यह है कि रोडवेज बस डिपो पर एक आम यात्री को मिलने वाली अधिकतर सुविधाओं का अभाव है। यहां तक कि दैनिक यात्रियों को अपना वाहन खड़ा करने की सुविधा नहीं है। यह हालत बीते 5 साल से ऐसे ही चल रही है। इस बाबत पैसेंजर कई बार सोशल मीडिया के जरिए सवाल उठा चुके हैं। एक बार फिर दैनिक यात्री कुलदीप शर्मा ने ट्वीटर के जरिए सोहराब गेट की अव्यवस्थाओं को उठाया है।

पार्किंग बनी समस्या
कुलदीप शर्मा ने ट्वीटर पर लिखा कि सोहराबगेट बस डिपो पर पार्किंग खत्म हुए छह साल से अधिक समय बीत चुका है। पार्किंग स्थल पर झाडिय़ां उग चुकी हैं, लेकिन जगह होने के बाद भी पार्किंग का ठेका नही जारी किया जा रहा है। इतना ही नही बस डिपो पर आने वाले यात्रियों के लिए सबसे जरुरी है कि उन्हें अपने रूट की बसों की समय से जानकारी मिल जाए। इसके लिए परिसर में ही लगी हुई एलईडी स्क्रीन पिछले दो साल से बंद है। यहां तक की एनाउंसमेंट भी केवल कुछ ही बसों के लिए किया जाता है।

बेसिक सुविधाओं का अभाव
गौरतलब है सोहराब गेट पर रोजाना 20 से 25 हजार यात्रियों की रोजाना आवाजाही होती है। यहां सेकुल 210 बसें संचालित होती है। इसमें बसें 140 निगम की और 70 बसें अनुबंधित हैं। सोहराबगेट बस डिपो से रोजाना लखनऊ रुट से लेकर आगरा, राजस्थान रूट पर चलने वाली मुरादाबाद, बरेली, रामपुर, गढ़, बुलंदशहर, हापुड, अलीगढ़ आदि के लिए बसों का संचालन होता है। यहां से रोजाना हजारों यात्री बसों में सफर करते हैं लेकिन यात्रियों के लिए यहां बेसिक सुविधाओं तक का अभाव है। यात्रियों के लिए निशुल्क शौचालय के नाम पर नगर निगम द्वारा एक पुरुष यूरिनल चार साल पहले बनाया गया था लेकिन उसकी भी यूरिनल सीट चोरी हो चुकी हैं। वहीं महिलाओं के लिए केवल पेड शौचालय बस डिपो पर उपलब्ध है।

सुरक्षित नही परिसर
वहीं रोडवेज परिसर में यात्रियों की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी का जाल तो बिछा हुआ है लेकिन अधिकतर कैमरे या तो टूट चुके हैं या फिर बंद हैं। रोडवेज परिसर में बंदरों के आतंक के कारण अधिकतर कैमरे गायब है और कुछ के तार तक कटे हुए हैं। यात्रियों की सुरक्षा के लिए बस डिपो परिसर के बाहर बनाई गई पुलिस चौकी की तो वहां भी अधिकतर समय पुलिस कर्मचारी नदारद रहते हैं। चौकी पर पुलिस कर्मी ना होने के कारण यात्रियों को परेशानी होने पर डॉयल 100 का सहारा लेना पड़ता है।

कार्यालय की हालत खस्ता
सोहराबगेट बस डिपो का पिछले करीब पांच साल से पीपीपी मॉडल पर नवीनीकरण का मामला चल रहा है लेकिन नवीनीकरण के चक्कर में यहां की मेन बिल्डिंग तक की हालत में सुधार तक नही हो पा रहा है। हालत यह है कि एआरएम मुख्य कार्यालय के लेंटर से लेकर दीवार तक जगह जगह जर्जर होने लगी है। ऐेसे में यात्रियों की सुविधा का दावा करने वाले रोडवेज प्रबंधन के दावे खोखले साबित हो रहे हैं।

बस डिपो पर कम से कम दैनिक यात्रियों के लिए पार्किंग की सुविधा तो होनी चाहिए। दूर दराज से आने वाले दैनिक यात्री रोजाना परेशान रहते हैं। शौचालय तक नही हैं।
कुलदीप शर्मा

बस डिपो में फ्री टायलेट तक की तो व्यवस्था नही है। केवल यूरिनल है वह भी गंदगी से भरा रहता है।
संजय

बस डिपो पर यात्रियों के लिए सबसे जरुरी पार्किंग की व्यवस्था नही है। दैनिक यात्री आसपास की दुकानों पर पैसा देकर वाहन खड़ा करते हैं।
नीरज

सोहराबगेट बस डिपो के लिए शासन स्तर पर योजना बन चुकी है। बस डिपो के लिए बजट मिलने के बाद सुधार किया जाएगा।
केके शर्मा, आरएम