वायु प्रदूषण गुणवत्ता सुधार को 15 अक्टूबर से जिले में लागू किया गया था ग्रेडेड एक्शन रेस्पांस प्लान

निर्माण कार्यो के दौरान नहीं ग्रैप के नियमों का हो रहा उल्लंघन, रियल्टी चेक में हुआ खुलासा

<वायु प्रदूषण गुणवत्ता सुधार को क्भ् अक्टूबर से जिले में लागू किया गया था ग्रेडेड एक्शन रेस्पांस प्लान

निर्माण कार्यो के दौरान नहीं ग्रैप के नियमों का हो रहा उल्लंघन, रियल्टी चेक में हुआ खुलासा

Meerut.Meerut। जिले में वायु प्रदूषण का लगातार बढ़ता स्तर कम करने के लिए क्भ् अक्टूबर से जनपद में ग्रैप यानी ग्रेडेड एक्शन रेस्पांस प्लान लागू तो कर दिया गया लेकिन इसका असर अभी शहर के लोगों पर दिखा नहीं है। सबसे अधिक लापरवाही निर्माण कार्यो के दौरान मानक पूरा करने में दिखाई दे रही है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने शहर में जारी कुछ ऐसे ही निर्माण कार्यो का रियलिटी चेक किया तो जगह-जगह लापरवाही देखने को मिली। कहीं निर्माण सामग्री खुले में पड़ी हुई थी तो कहीं गड़ढा खोदकर मिटटी सड़क किनारे फैलाई हुई थी।

हर तरफ धूल का गुबार

दोपहर क्ख्.फ्0

भैंसाली बस डिपो

थापर नगर एंट्री गेट पर निर्माण कार्य

ग्रैप लागू होने के बाद भी निर्माण एजेंसी द्वारा कोई मानक पूरा नहीं कया जा रहा है। एंट्री गेट के बराबर में ही मिट्टी, सीमेंट, और रोडी का ढेर खुले में पड़ा मिला। वर्कशॉप से निकलने वाली बसें इस मिट्टी के ढेर को धूल के गुबार में बदलकर हर तरफ उड़ाती हुई डिपो में आती-जाती हैं। डिपो में उड़ती धूल की वजह से सांस लेना भी दूभर है। यात्रियों को इससे काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

पुलिया निर्माण में लापरवाही

दोपहर क् बजे

सूरजकुंड डिपो के पास नाली निर्माण

सूरजकुंड डिपो से विक्टोरिया पार्क तक खुले में निर्माण सामग्री फैलाकर सड़क किनारे नाले का निर्माण किया जा रहा है। मानकों के अनुसार निर्माण सामग्री को कवर कर काम करना होता है लेकिन न तो निर्माण सामग्री कवर की जा रही है और न ही इस पर पानी का छिड़काव किया जा रहा है। जिसे आसपास का सारा इलाका और सड़कें धूल के गुबार में ढकी रहती हैं।

भवन निर्माण में लापरवाही

शाम चार बजे

तेजगढ़ी चौराहा

निजी भवन में निर्माण कार्य

भवन के निर्माण में ग्रैप के नियमों का उल्लंघन देखने को मिला। न ही ग्रीन कपडे़ से भवन को पूरी तरह ढका हुआ था और न ही निर्माण सामग्री को कवर किया हुआ था। भवन के लिए जमीन की खुदाई भी खुले में हो रही थी और उड़ती धूल को दबाने के लिए पानी का छिड़काव तक का इंतजाम नहीं था।

खुले में पड़े रोड़ी डस्ट

ग्रैप लागू होने के कारण शहर के अधिकतर रोडी डस्ट विक्रेताओं ने मानकों का पालन शुरू कर दिया। मगर इसके बाद भी सैकड़ों ऐसे होल सेलर्स का माल सड़क पर खुले में बिखरा पड़ा है। टीम ने शहर में कई जगह खुले में रोडी डस्ट का ढेर लगा देखा जिस कारण से गढ़ रोड, बागपत रोड, दिल्ली रोड और हापुड़ रोड पर डस्ट का गुबार छाया रहता है।

निर्माण कार्यो पर नजर रखी जा रही है। ग्रैप के अनुसार निर्देश भी दिए जा चुके है। लगातार चेकिंग कर चालान भी काटे जा रहे हैं। संबंधित विभाग को यह देखना होगा कि उनके विभाग के स्तर पर जारी काम में लापरवाही न हो।

योगेंद्र कुमार, क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी

निगम के काम ग्रैप के मानकों के अनुसार कराए जा रहे हैं। हमने ठेकेदारों को पूरी तरह मानकों के पालन का आदेश दिया है। यदि इसके बाद भी कहीं नियमों का उल्लंघन हो रहा है तो उसके खिलाफ चालान वसूलने की कार्यवाही की जाएगी।

ब्रजपाल सिंह, सहायक नगरायुक्त

बस डिपो में जो काम चल रहा है वह दो माह से जारी है। ग्रैप लागू होने के बाद नियमित रूप से पानी का छिड़काव कराया जा रहा है। साथ ही संबंधित ठेकेदार को निर्देश दे दिए गए हैं कि कवर करके काम किया जाए।

राजेश कुमार, एआरएम, भैंसाली डिपो