मेरठ (ब्यूरो)। शहर की सड़कों से आवारा कुत्तों का आतंक कम करने के उद्देश्य से नगर निगम एक नई कवायद करने जा रहा है। इस योजना के तहत शहर के लोगों को ही स्ट्रीट डॉग्स को पालने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इससे दो फायदे होंगे, पहला स्ट्रीट डॉग्स की केयर हो सकेगी और उनका वैक्सीनेशन भी हो सकेगा। इससे सबसे बड़ा फायदा डॉग बाइट्स के केस में मिलेगा। इसके तहत सरकार की तरफ से सभी 17 नगर निगम में इस प्रक्रिया को लागू कराने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। इस प्रक्रिया के तहत स्ट्रीट डॉग्स को पालने और उनके वैक्सीनेशन का खर्चा नगर निगम देगा।

रजिस्ट्रेशन के बाद सुविधा
इस योजना के तहत शहर के विभिन्न मोहल्लों में अधिक से अधिक स्ट्रीट डॉग्स को चिंहित कर उनको सहारा देने का प्रयास किया जाएगा। इसके तहत शहर का कोई भी नागरिक एक से लेकर अधिकतम पांच कुत्तों को पाल सकेगा। इसके लिए नागरिक को स्ट्रीट डॉग्स को पकडऩे के बाद अपने घर में उनके रहने और खाने की व्यवस्था करनी होगी। इसके साथ ही पशु चिकित्सा विभाग में रजिस्ट्रेशन भी करवाना आवश्यक होगा। फिर विभाग की तरफ से सुविधाएं दी जाएंगी।

मिलेगी मेडिकल फैसिलिटी
इस प्रक्रिया को सफलतापूर्वक शहर में लागू करने के लिए नगर निगम खुद स्ट्रीट डॉग्स को चिकित्सीय सुविधाएं देगा। इसके लिए पालने वाले शख्स पर कोई एक्सट्रा खर्चे का बोझ नहीं बढ़ेगा। स्ट्रीट डॉग के रजिस्ट्रेशन के बाद विभाग की तरफ से पाले हुए डॉगी का मेडिकल किया जाएगा। जांच करने के बाद उनका वैक्सीनेशन होगा और नसबंदी भी की जाएगी।

डॉग्स के हिसाब से पेमेंट
स्ट्रीट डॉग्स को पालने वालों के लिए प्रदेश सरकार की योजना के अनुसार प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इसमें प्रति डॉग्स के हिसाब से प्रति माह 500 रुपये तक मिलेंगे। इसमें स्ट्रीट डॉग्स के खाने-पीने का खर्च शामिल किया गया है। प्रदेश सरकार ने पशु चिकित्सा विभाग को समस्त प्रकार की सुविधा देने के लिए आदेश जारी किया है। इसके लिए पालकों को प्रति डॉग्स के हिसाब से खिलाने का खर्चा भी दिया जाएगा। इसके साथ ही समय-समय पर दिए जाने वाले प्रोटीन और विटामिन के लिए भी खर्च दिया जाएगा।

अभी इस संबंध में आदेश प्राप्त नहीं हुआ है। आदेश के अनुसार व्यवस्थाएं कराई जाएगी।
हरपाल सिंह, पशु चिकित्सा अधिकारी