-बदहाली का दंश झेल रहे लोगों ने डीएम से मिलकर की शिकायत

-एस्टीमेट धांधली के चलते डूडा ने उखाड़ फेंकी थी कॉलोनी की सड़कें

-गड्ढ़ों में तब्दील सड़कों में जमा होने लगा है पानी और फैलने लगा है कीचड़

Meerut: एस्टीमेट धांधली के चलते डूडा की कारगुजारियों का दंश झेल रहे यादव कॉलोनी के लोग एकजुट होकर मंगलवार को डीएम कार्यालय पहुंचे। आक्रोशित लोगों ने डीएम पंकज यादव से मिलकर बताया कि डूडा में गलत तरीके से बना दिए गए एस्टीमेट पर परदा डालने के लिए अधिकारियों ने उनकी कॉलोनी की सड़के उखाड़ फेंकी, जबकि एक माह बीत जाने के बाद भी विभाग उनकी सुध नहीं ले रहा है।

एक माह से काट रहे हैं चक्कर

आक्रोशित लोगों ने डीएम से मिलकर बताया कि इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण कराने का ख्वाब दिखाकर डूडा के लोगों ने उनकी कॉलोनी की सड़कों व नालियों का उखाड़ फेंका था, यहां तक की कांट्रेक्टर के लोगों ने वहां बने मकानों के रैंप तक उखाड़ दिए थे, अब जबकि नए सिरे से निर्माण की बारी आई तो डूडा ने काम को बीच में ही रोक दिया।

फुटबाल बने मासूम लोग

डूडा की कारगुजारी का खामियाजा भुगत रहे मासूम लोगों नगर निगम व डूडा के बीच फुटबॉल बन कर रहे गए हैं। पीडि़त लोगों ने बताया कि मामले की शिकायत करने जब वह डूडा ऑफिस पहुंचे तो डूडा पीओ ने इसको नगर निगम की जिम्मेदारी बताया, जबकि नगर निगम के लोग इसे डूडा की चूक बताकर मामले से पल्ला झाड़ रहे हैं।

कार्रवाई नहीं तो होगा प्रदर्शन

यादव कॉलोनी के लोगों ने डीएम से मिलकर मामले में कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि यदि एक हफ्ते के भीतर वहां की स्थिति ठीक नहीं की जाती तो कॉलोनी के लोग डूडा ऑफिस के सामने धरना-प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।

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ऑफिस में नहीं मिलते पीओ

यादव कॉलोनी के लोगों ने डीएम से मिलकर बताया कि जब वह मामले में प्रोग्रेस जानने के लिए डूडा पीओ आरके कौशिक को फोन करते हैं तो वह फोन नहीं उठाते, जबकि डूडा कार्यालय पहुंचने पर भी वह वहां से नदारद पाए जाते हैं।

क्या था मामला

डूडा की ओर से यादव कॉलोनी की मुख्य सड़क के निर्माण कार्य किया जाना था, जिसके लिए डूडा ने बकायदा सड़क का एस्टीमेट बनाकर अपने कांट्रेक्टर को वर्क आर्डर भी थमा दिया। काम करने गए कांट्रेक्टर ने मौके पर जब सड़क का निर्माण पूर्ण पाया तो उसने इसकी शिकायत पीओ डूडा से की, जिस पर पीओ ने उसको एवज में यादव कॉलोनी की अन्य सड़कों में काम करने की बात कही। कांट्रेक्टर ने नए निर्माण के लिए पुरानी सड़क को उखाड़ फेंका, जिसके बाद वहां कोई निर्माण कार्य नहीं किया गया।

कैसे बना वर्क आर्डर

यादव कालोनी के इस मामले में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जब उस सड़क को नगर निगम बनवा चुका था तो डूडा ने उसी काम का वर्क आर्डर कैसे तैयार कर लिया, जबकि किसी भी कार्य का वर्क आर्डर बनाने से पहले कार्य स्थल का भौतिक सत्यापन कर लिया जाता है। ऐसे में बिना भौतिक सत्यापन किए वर्क आर्डर जारी कर देना पूरे कार्य प्रणाली पर प्रश्न चिह्न लगाता है।

यादव कॉलोनी के लोगों द्वारा मामला संज्ञान में लाया गया है। इस तरह का मामला अपने आप में गंभीर मामला है। सबसे पहले रुके हुए निर्माण कार्य को पूरा कराया जाएगा, जबकि मामले जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।

पंकज यादव, जिलाधिकारी