- यूपी बोर्ड परीक्षा में दो डिफॉल्ट कॉलेजों का दबाव के बाद बनाया परीक्षा केंद्र

- मेरठ में बनाए गए हैं 140 परीक्षा केंद्र, अभी भी चल रही है केंद्र बनाने को लेकर जोड़तोड़

Meerut : बोर्ड परीक्षा में नकल रोकने के दावों को 'सरकार' पलीता लगा रही है। मेरठ के दो ऐसे स्कूलों को परीक्षा केंद्र बना दिया गया, जो पिछली परीक्षा में सामूहिक नकल के आरोप में डिबार घोषित किए गए थे। नाटकीय घटनाक्रम के बाद बनाए इन दो परीक्षा केद्रों के लिए कानून को तोड़ा-मरोड़ा गया। पहले इन केंद्रों को अयोग्य करार देते सूची से हटा दिया, सत्ता के दबाव के बाद गुपचुप तरीके से इन्हें दोबारा लिस्ट में शामिल किया गया है।

सत्ता के दबाव में बने केंद्र

किठौर के स्टार अल फहाज इंटर कॉलेज और ललियाना के मौलाना आजाद इंटर कॉलेज को सत्र 2016 की यूपी बोर्ड की परीक्षा के लिए केंद्र बनाया गया है। ये दोनों ही केंद्रों में गत सत्र में जमकर नकल हुई थी, जिसकी शिकायत ललियाना निवासी ताज मोहम्मद ने डीआईओएस कार्यालय और बोर्ड मुख्यालय को की थी। जांच के बाद दोनों केंद्रों पर आरोप की पुष्टि हुई और एसडीएम मवाना की सहमति पर इन्हें डिबार घोषित कर दिया गया।

हटाया-फिर बनाया केंद्र

27 नवंबर को हुई बैठक में प्रशासनिक अधिकारियों ने दोनों कॉलेजों को सामूहिक नकल का दोषी पाते हुए डिबार घोषित कर दिया और तय किया गया कि इन केंद्रों को परीक्षा केंद्रों की सूची से हटा दिया जाए। विभागीय सूत्रों का कहना है कि सत्ता में रसूख रखने वाले कॉलेज संचालकों के आगे विभागीय कानून ताक के रखे रहे। दबाव के बाद दोनों कॉलेजों को परीक्षा केंद्र की सूची में शामिल कर लिया गया है। सूत्रों ने बताया कि एक बड़े प्रशासनिक अधिकारी ने भी इन कॉलेजों को सूची से हटाने की वजह पूछी थी और सेंटर बनाने के लिए सिफारिश की थी। सूत्रों का यह भी कहना है कि डीआईओएस कार्यालय कुछ और दागियों को परीक्षा कमान सौंपने की तैयारी कर रहा है। गत बैठक में फाइनल 138 परीक्षा केंद्र के बजाय अब 140 केंद्रों पर जनपद में छात्र परीक्षा देंगे।

दागी जो हैं 'चमकदार'

- आदर्श इंटर कालेज, अनूपनगर- लास्ट इयर तीसरी मंजिल पर बैठाकर नकल कराने की शिकायत आई थी। सेंटर पर सामूहिक नकल को सचल दस्ते द्वारा ही पकड़ा गया था।

- दिगम्बर जैन स्कूल और आरजी स्कूल में गत वर्ष परीक्षा केंद्र पर पेपर पहले खुलने की भी शिकायत आई थी। शिकायत की पुष्टि भी हुई थी।

इन दो स्कूलों के बारे में स्थिति स्पष्ट नहीं है। विभाग के स्तर पर यह केंद्र नहीं बनाए गए हैं। यह 'ऊपर' से बने हैं। कोशिश की गई कि दागी को केंद्र न बनाया जाए, एक बार फिर लिस्ट को चेक करा लिया जाएगा।

श्रवण कुमार यादव, डीआईओएस, मेरठ