- केंद्र व्यवस्थापक एग्जाम ड्यूटी से बचने के लिए बना रहे बीमारी का बहाना

डीआईओएस ने दिए हैं सख्त निर्देश, जांच के बाद आए कई केस सामने

- केंद्र व्यवस्थापकों के नाम आ रहे हैं सामने

केस- 1-मवाना स्थित आदर्शनी इंटर कॉलेज की केंद्र व्यवस्थापिका ने बीमारी के बहाने से बोर्ड परीक्षा से छुट्टी ले रखी है। अब निरीक्षण के दौरान सामने आया कि उन्हें ऐसी कोई दिक्कत नहीं है, जिसके लिए छुट्टी ली है।

केस-2 - कंकरखेड़ा स्थित ब्रह्मा इंटर कॉलेज के केंद्र व्यवस्थापक राजीव कुमार सिंह ने हॉस्पिटल में एडमिट होने का बहाना करके बोर्ड परीक्षा से छुट्टी ली है, लेकिन निरीक्षण के दौरान पता लगा कि वह हॉस्पिटल में एडमिट ही नहीं हैं।

Meerut : बोर्ड परीक्षा में केंद्र व्यवस्थापकों की लापरवाही के यह तो महज दो ही केस हैं, लेकिन इसके अलावा ऐसे कई सारे केस हैं, जिनमें केंद्र व्यवस्थापक बीमारी का बहाना कर परीक्षा से मुंह मोड़ रहे हैं। शिक्षा विभाग के निरीक्षण अभियान में यह सामने आया है कि केंद्र व्यवस्थापक बोर्ड परीक्षा में ड्यूटी देने से कतरा रहे हैं।

देना होगा स्पष्टीकरण

यूपी बोर्ड परीक्षा 18 फरवरी से शुरू होने वाली है। डीआईओएस श्रवण कुमार यादव ने बताया कि निरीक्षण में सामने आया है कि कुछ केंद्र व्यवस्थापक अपनी ड्यूटी से पल्ला झाड़ रहे हैं। ऐसे में ड्यूटी में लापरवाही दिखाने वाले केंद्र व्यवस्थापकों से लिखित स्पष्टीकरण मांगा गया है।

एप के चलते झाड़ रहे हैं पल्ला

इस बार शिक्षा विभाग ने अनुपस्थिति दर्ज करने के लिए एब्सेंट एग्जामिनेशन एप लांच किया है। जिले में 70 प्रतिशत केंद्र व्यवस्थापकों के पास स्मार्ट फोन नहीं है और न ही उनको इसकी नॉलेज है। सूत्र बताते हैं कि ऐसे में एब्सेंट एग्जामिनेशन एप को वह कैसे चला पाएंगे यही सोच कर परीक्षा से पल्ला झाड़ रहे हैं। सूत्र बताते हैं केंद्र व्यवस्थापक परीक्षा में इस बड़ी जिम्मेदारी से मुंह फेर रहे हैं।

होगी सख्त कार्रवाई

यूपी बोर्ड की परीक्षा में ड्यूटी से मुंह फेरने वाले सभी केंद्र व्यवस्थापकों का निरीक्षण शिक्षा विभाग कर रहा है। विभाग ने ऐसे केंद्र व्यवस्थापकों के विरुद्ध सख्ती बरतने का फैसला किया है जो बहाने बनाकर अपनी ड्यूटी में लापरवाही कर रहे हैं। ऐसे केंद्र व्यवस्थापकों की सूची बनाकर विभाग संबंध में सख्त कार्रवाई करेगा।

ऐसे केंद्र व्यवस्थापक व शिक्षक जो ड्यूटी में किसी तरह की लापरवाही बरतते हैं। उनकी सूची तैयार कर विभाग संबंधित सख्ती बरतेगा। इस संबंध में वेतन काटने व डिबार करने तक की कार्रवाई भी की जा सकती है।

श्रवण कुमार यादव, डीआईओएस