क्या है मामला

इंजीनियरिंग में ब्रांच चेंज करना अब आसान नहीं होगा। ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्नीकल एजूकेशन ने इसके लिए अपनी नई गाइडलाइन जारी कर दी हैं। जिसके हिसाब से अगर कोई स्टूडेंट अपनी ओरिजनल ब्रांच से दूसरी ब्रांच में जाना चाहता है तो इसके लिए उसे अपनी ओरिजनल ब्रांच में कम से कम पचास परसेंट नंबर लाना जरूरी होगा। साथ ही दूसरी ब्रांच में जाने के लिए पहली ब्रांच के सभी पेपर्स भी पास करने होंगे। किसी भी तरह की बैक के साथ ब्रांच चेंज करने की परमिशन नहीं दी जाएगी।

स्टेट में भी लागू

एआईसीटीई की तरफ से जारी इन गाइड लाइन को स्टेट टेक्निकल यूनिवर्सिटी यानी जीबीटीयू में भी लागू कर दिया गया है। जीबीटीयू  के मुताबिक अगर कोई स्टूडेंट अपनी ब्रांच चेंज करना चाहता है तो उसे फस्र्ट ईयर में एक बार में ही क्लीयर पास होना होगा। क्लियर पास स्टूडेंट को ही ये मौका दिया जाएगा। सिर्फ पास होना ही नहीं उसे मेरिट से भी गुजरना होगा। यानी अगर ब्रांच चेंज करने के लिए ज्यादा आवेदन आते हैं तो तो ऑर्डर ऑफ मेरिट के हिसाब से ही चेंज करना संभव होगा।

मेरिट में लास्ट

इसके साथ ही बीटेक फस्र्ट इयर का कोई भी स्टूडेंट पेपर्स से पहले ब्रांच चेंज करने के लिए इलिजीबल नहीं होगा। साथ ही अगर स्टूडेंट ने बैक पेपर दिए है तो उसे आगे भी ब्रांच चेंज करने का अवसर नहीं दिया जाएगा। स्पेशल परमीशन के बाद ही उसे ये मौका दिया जा सकता है। लेकिन उसमें भी ऐसे स्टूडेंट्स के लिए एक कंडीशन एआईसीटीई ने लगा दी है। इन स्टूडेंट्स को मेरिट में सबसे नीचे रखा जाएगा। यूनिवर्सिटी ने एआईसीटीई की गाइडलाइन जारी कर दी हैं और सभी कॉलेजों को इस बारे में पत्र से भी सूचना दे दी है।

'एआईसीटीई ने ये गाइडलाइन बेहद जरूरी थी। अच्छा है जो देर से ही सही ये गाइडलाइन जारी हो गई। नहीं तो कई बार कम नंबर आने पर स्टूडेंट किसी ईजी गोईंग ब्रांच में अपना एडमिशन ट्रांसफर करा लिया करते थे। जिससे क्लास का भी माहौल खराब होता था.'

डॉ। राजकुमार दलाल, फैकल्टी स्क्राइट

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