मेरठ (ब्यूरो)। प्रत्येक माह की तरह इस माह के प्रथम रविवार को भी केएमसी चिकित्सा संस्थान के हार्ट सेंटर में नि:शुल्क हृदय रोग परामर्श शिविर का आयोजन किया गया। केएमसी मेडिकल एंड एजुकेशन चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में आयोजित इस शिविर में हार्ट सर्जन एवं हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ। तनय गर्ग ने मरीजों की जांच की। इसके साथ ही उन्हें उपचार की जानकारी दी।

युवाओं में बढ़ रहा खतरा
कैम्प में 118 मरीजों का रजिस्ट्रेशन किया गया। इसके साथ ही उनका नि:शुल्क चेकअप किया गया। सभी मरीजों की फ्र ी ईसीजी और शुगर की जांच की गई। इसके साथ ही ईको व टीएमटी भी 50 प्रतिशत छूट के साथ की गई। इस कैंप में आने वाले सभी मरीज मेरठ व आस-पास के क्षेत्रों से थे। इस मौके पर डॉ। तनय गर्ग ने कैम्प में आये सभी हृदय रोगियों को हृदय रोग के लक्षणों व उपचार के विषय में विस्तार से बताया।

भारत में सबसे ज्यादा मरीज
उन्होंने कहा कि हृदय रोग तेजी के साथ पूरे विश्व में फैल रहा है। विश्व भर में सबसे ज्यादा दिल के रोगी हिंदुस्तान में है। पश्चिमी देशों की अपेक्षा भारत में हार्ट अटैक के मरीजों की औसत उम्र 50 वर्ष है। जबकि यह पश्चिमी देशों में 60 वर्ष है। यानी हृदय रोग भारतीयों में 10 वर्ष पूर्व ही आ जाता है। जवान लोगों और औरतों में भी हृदय रोग बढ़ रहा है।

पहला घंटा सबसे निर्णायक
डॉ। तनय गर्ग ने बताया कि आजकल मात्र 30 वर्ष की आयु के लोगों में भी हार्ट अटैक हो जाता है। इसका मुख्य कारण स्मोकिंग, खाने-पीने में अधिक चिकनाई, फास्ट फूड और व्यायाम ना करना आदि है। हार्ट अटैक के बाद पहला घंटा सबसे निर्णायक होता है क्योंकि 50 प्रतिशत मौतें इसी पहले घंटे में ही हो जाती है। यदि पहले ही घंटे में सही उपचार मिल जाये तो दिल को क्षतिग्रस्त होने से पूर्णतया रोका जा सकता है।

नियमित लें दवाइयां
डॉ। तनय गर्ग ने सभी हृदय रोगियों को बताया कि अपने डॉक्टर को तुरंत दिखायें। इसके साथ ही बताई गई दवाइयां भी रोजाना लें। इसके साथ ही बीपी, शुगर, कोलेस्ट्रॉल एवं किडनी आदि की जांच नियमित कराएं। डॉक्टर की सलाह पर टीएमटी, ईको, एंजियोग्राफी आदि कराएं। धूम्रपान/तंबाकू का सेवन पूर्णतया बंद करें।

लक्षणों को जरूर जानें
हार्ट अटैक के लक्षणों को जानना बहुत जरुरी है। आम धारणा यह है कि हार्ट अटैक का दर्द बाईं तरफ होता है लेकिन वास्तविकता में दर्द छाती के बीचों बीच होता है। यह भारीपन, छाती के बीच में घुटन, चलने पर सांस फूलना, वजन, जलन जैसा हो सकता है। साथ ही मरीज को बहुत पसीना आता है। यह दर्द दोनों या एक बाजू में, गले में या जबड़े में भी जा सकता है।

हृदय रोग के मुख्य लक्षण
चलने पर सांस फूलना, तेज चलने पर छाती में दर्द या भारीपन का आना, जोकि आराम करने पर स्वत: ठीक हो जाता है।

डाइबिटिज के मरीजों में अक्सर तेज चलने पर दर्द नहीं होता एवं मरीजों में सांस फूलना ही एन्जाइना का लक्षण है।

कई बार शुगर के मरीजों में और वृद्ध लोगों में हार्ट अटैक के समय पर भी छाती में दर्द नहीं होता केवल सांस ही फूलती है।