45 मिनट का होगा मेरठ से दिल्ली तक का सफर

96 किमी दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य शुरू

2019 मई में निर्माण कार्य पूरा होने का दावा

14 लेन होगा दिल्ली से यूपी गेट तक एक्सप्रेस वे

8 लेन होगा एक्सप्रेस-वे यूपी गेट से डासना तक

6 लेन है डासना से मेरठ और डासना से हापुड़ तक

2014 में पीएम मोदी ने एक्सप्रेस वे का किया था शिलान्यास

7855.87 करोड़ रुपए है इस प्रोजेक्ट की कुल लागत

464 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया चौथे चरण के लिए

8 जगह एक्जिट प्वाइंट बनेंगे एक्सप्रेस-वे पर सराय काले खां से एंट्री के बाद

1.25 रुपए प्रति किमी देना होगा टोल टैक्स

एक्जिट टोलिंग सिस्टम से होगा टोल कलेक्शन

Meerut। मेरठ से दिल्ली तक का सफर अब महज 45 मिनट का रह जाएगा। तो तैयार हो जाइए मई से दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर फर्राटा भरने के लिए। नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने 96 किलोमीटर के दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य मई 2019 तक पूरा करने का दावा किया है। गौरतलब है कि दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के जल्द से जल्द निर्माण के लिए इसे चार पैकेज में बांटा गया था। फिलहाल 3 पैकेज पर वाहनों का आवागमन जारी है जबकि अंतिम पैकेज पर डासना से मेरठ के बीच निर्माण कार्य को पूर्ण कर मई से एक्सप्रेस-वे पर वाहनों का संचालन शुरू हो जाएगा।

सराय काले खां से मेरठ तक

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे की शुरुआत सराय काले खां (दिल्ली) से होगी। गाजियाबाद में डासना और फिर नई ग्रीन फील्ड अलाइनमेंट के एक्सप्रेस-वे मेरठ के परतापुर तक पहुंचेगा। इस एक्सप्रेस-वे की कुल लंबाई 96 किमी है। एक्सप्रेस-वे दिल्ली से यूपी गेट तक 14 लेन, यूपी गेट से डासना तक 8 लेन है जबकि डासना से मेरठ और डासना से हापुड़ तक 6 लेन है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महत्वाकांक्षी एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट का 2014 में शिलान्यास किया था। प्रोजेक्ट की कुल लागत 7855.87 करोड़ रुपए है।

चार पैकेज का प्रोजेक्ट

पहले पैकेज में सराय काले खां से दिल्ली-यूपी बार्डर गाजीपुर तक 8.7 किलोमीटर के 14 लेन एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य पू्रर्ण हो गया है और इस पर वाहनों का संचालन हो रहा है।

19.2 किमी के दूसरे पैकेज में यूपी गेट से डासना तक 14 लेन का एक्सप्रेस-वे बनाया गया है। यहां पर भी वाहनों का संचालन जारी है।

22.2 किमी के तीसरे पैकेज में डासना से हापुड़ तक छह लेन के एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है। केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी ने गत दिनों इस पैकेज का लोकार्पण कर दिया।

46 किमी के चौथे पैकेज के तहत डासना से मेरठ तक ग्रीन फील्ड अलाइनमेंट के साथ छह लेन के एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य अंडर वर्किंग है। जो मई तक पूर्ण कर लिया जाएगा।

ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे डासना से मेरठ के बीच दो शाखाओं में बंट जाएगा, एक शाखा जुर्रानपुर-हापुड़ रोड की तरफ निकल जाएगी। जबकि दूसरी 9 किमी की शाखा जिसपर निर्माण कार्य जारी है वो भूड़बराल (परतापुर) पहुंचेगी।

अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी

एक्सप्रेस-वे के चौथे चरण के लिए गाजियाबाद एवं मेरठ जनपद के 33 गांवों में 464 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया। यहां सर्वाधिक विवाद गाजियाबाद के 4 गांवों की भूमि को अधिग्रहण करने में रहा।

मेरठ में बनेगा टोल प्लाजा

एनएचएआई के परियोजना अधिकारी आरपी सिंह ने बताया कि दिल्ली एक्सप्रेस-वे पर परतापुर के समीप बनाया जाएगा। यहां क्लोज टोलिंग-एक्जिट टोलिंग सिस्टम के तहत टोल कलेक्शन किया जाएगा। मेरठ में टोल प्लाजा का निर्माण दिल्ली-मेरठ रेलवे लाइन को पास करते ही बनाया जाएगा। मेरठ से दिल्ली की ओर जाने वाले वाहन यहां से एंट्री टिकट लेकर एक्सप्रेस-वे पर चढ़ेंगे और जहां उतरेंगे वहां पर टोल अदा करेंगे। एक्सप्रेस-वे पर टोल टैक्स लगभग 1.25 रुपए प्रति किमी होगा।

यह हुए बडे़ निर्माण

परियोजना अधिकारी ने बताया कि गाजियाबाद में खोड़ा पहला पुश्ता के पास वाहन अंडर पास बनाया गया। इससे आधा किमी आगे चलकर दूसरा अंडर पास बनाया गया। फिर हर अंडरपास 400 से छह सौ मीटर की दूरी पर बना है। यानी एक अंडरपास से दूसरे की दूरी आधा किमी से भी कम है। हरनंदी पुल के बाद दो अंडरपास लिंक रोड और नोएडा एक्सटेंशन के पास बने हैं। इसके बाद अगले दो अंडर पास तीन और चार किमी की दूरी पर और उससे आगे के सभी अंडर पास एक किमी की दूरी पर बनाए गए हैं। यूपी बार्डर पर नया ओवरब्रिज बना है। दिल्ली में यमुना सेतु के अलावा अक्षरधाम, गाजीपुर और फ्रेट काम्प्लेक्स (मछली मंडी) ओवरब्रिजों को चौड़ा किया गया है। मेट्रो लाइन व गाजीपुर नाले के निकट छोटे पुल, पटपड़गंज, लक्ष्मीनगर व गाजीपुर के निकट अंडरपास तथा रिंग रोड व अक्षरधाम के निकट ओवरपास भी चौड़े किए गए हैं। सीआईएसएफ (विजयनगर) के बीच और दूसरा लालकुआं के पास, दो नए बड़े ओवरब्रिज बनाए गए हैं। डासना से मेरठ के बीच कई अंडरपास बनाए गए हैं, वहीं परतापुर में इंटरचेंज और रेलवे लाइन के ऊपर आरओबी बड़े निर्माण हैं।

सुविधा मिलेगी भरपूर

एक्सप्रेस-वे पर सराय काले खां से एंट्री के बाद महज 8 जगह लोग बाहर निकल सकते हैं। गाजीपुर, लाल कुआं, इंदिरापुरम, ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे, डासना, पिलखुआ, मेरठ के परतापुर आदि स्थानों पर एक्सप्रेस-वे का एग्जिट है। ऐसे में एक्सप्रेस-वे पर सफर करने के दौरान अगर वाहन चालकों को आराम करना हो तो यह मेरठ जाकर ही रुक सकते थे। अब एनएचएआई ने इन सभी 8 स्थानों और टोल प्लाजा पर होटल, शौचालय, पेट्रोल पंप और कार चेकिंग प्वाइंट बनाए हैं। दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर के पास यमुना पर बने पुल पर इस तरह का एक प्वाइंट का संचालन शुरू हो चुका है। यहां 10-15 गाडि़यां पार्क हो रही हैं। एनएचएआई एक्सप्रेस-वे का काम पूरा होने के बाद सराय काले खां से मेरठ तक पहुंचने में 1 से सवा घंटे का समय लगेगा। इस दौरान लोगों को खाना-खाने रुकने का समय मिलना मुश्किल है। ऐसे में मिनी टी प्वाइंट भी बनाए जाएंगे। जिससे लोग रुककर चाय-पानी और हल्का-फुल्का नाश्ता कर सकें।

यह होंगी खूबियां

दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे पर एनएचएआई बनाएगा मिनी टी प्वाइंट।

चाय की चुस्की के साथ गर्मी में पकौड़े और शिकंजी का मिलेगा आनंद।

एक्सप्रेस वे पर पड़ने वाले पुलों के पास बनाए जाएंगे मिनी टी प्वाइंट।

10-15 गाडि़यों के रुकने की होगी व्यवस्था, यात्रियों को मिलेगा ब्रेक।

घटेगा एनएच-58 से दबाव

दिल्ली के रास्ते मेरठ, देहरादून, सहारनपुर, ऋषिकेश जाने वाले वाहनों को मेरठ रोड (एनएच-58) से जाने की जरूरत नहीं होगी। इस रोड पर वाहनों का दबाव कम हो जाएगा, जाम की समस्या नहीं रहेगी। वहीं एक्सप्रेस-वे पर रोडवेज की बसों के संचालन को लेकर स्थिति साफ नहीं है। हालांकि जानकारी के मुताबिक हरिद्वार, देहरादून से आने वाली बसें एक्सप्रेस-वे से सीधा दिल्ली रवाना होंगी। जबकि लोकल बसें एनएच-58 से होकर निकलेंगी।

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर मई से फर्राटा भर सकेंगे। परतापुर पर इंटरचेंज-अंडरपास, डासना में इंटरचेंज, कुछ अंडरपास और आरओबी (रेलवे ओवर ब्रिज) पर काम चल रहा है। जल्द ही निर्माण कार्यो को पूर्ण कर लिया जाएगा। एक्सप्रेस-वे से मेरठ से दिल्ली की दूरी घटकर 45 मिनट रह जाएगा।

आरपी सिंह, परियोजना अधिकारी, एनएचएआई

अधिकारियों ने परिजनों के नाम से खरीदी जमीन, फिर पाया मुआवजा

दिल्ली एक्सप्रेस-वे के लिए गाजियाबाद के चार गांवों में भूमि अधिग्रहण के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम की धारा-3डी की अधिसूचना जारी होने के बाद जमीन की खरीद-फरोख्त में कई शीर्ष अधिकारियों पर शासन स्तर पर गाज गिरी है। मेरठ मंडल के तत्कालीन कमिश्नर डॉ। प्रभात कुमार ने धारा-3डी की अधिसूचना के बाद प्रतिकर की दर बढ़ाने और बढ़ी दर से मुआवजा बांटने के लिए गाजियाबाद के तत्कालीन जिलाधिकारी विमल कुमार शर्मा और निधि केसरवानी समेत कई अधिकारियों-कर्मचारियों को जांच में दोषी पाया था। दोनों पूर्व डीएम पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्रवाई को मंजूरी दी। तत्कालीन डीएम विमल कुमार शर्मा रिटायर हो चुके हैं जबकि निधि केसरवानी मणिपुर के अपने मूल कैडर वापस जा चुकी हैं।

सीबीआई जांच की सिफारिश

तत्कालीन कमिश्नर डॉ। प्रभात कुमार ने मामले की सीबीआई या किसी अन्य एजेंसी से उच्चस्तरीय जांच कराने की सिफारिश की थी। हालांकि सीबीआई या किसी अन्य एजेंसी से जांच के बारे में सरकार ने अभी कोई निर्णय नहीं किया है, जबकि केस मेरठ की एंटी करप्शन कोर्ट में सुनवाई पर है। बता दें कि एक्सप्रेस-वे का 31.77 किमी हिस्सा गाजियाबाद में है। गाजियाबाद में भूमि अधिग्रहण के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम, 1956 की धारा-3ए की अधिसूचना 8 अगस्त 2011 को जारी हुई। वहीं धारा-3डी के तहत भूमि को अधिगृहीत किए जाने की अधिसूचना 2012 में जारी की गई। अधिगृहीत की जाने वाली भूमि का अवार्ड 2013 में घोषित हुआ था। अवार्ड के विरुद्ध गाजियाबाद के चार गांव कुशलिया, नाहल, डासना और रसूलपुर सिकरोड़ के किसानों ने आर्बिट्रेशन वाद दाखिल किए।

रुका रहा था प्रोजेक्ट

2016 और 2017 में तत्कालीन जिलाधिकारी (आर्बिट्रेटर) ने नए भूमि अधिग्रहण अधिनियम के तहत जमीन के डीएम सर्किल रेट के चार गुना की दर से मुआवजा देने के निर्णय किए। जिसपर मामले की शिकायत तत्कालीन कमिश्नर डॉ। प्रभात कुमार पर पहुंची। उन्होंने इसकी जांच करायी। 29 सितंबर 2017 को शासन को सौंपी अपनी जांच रिपोर्ट में उन्होंने धारा-3डी की अधिसूचना के बाद जमीन खरीदने, आर्बिट्रेटर द्वारा प्रतिकर की दर बढ़ाने और बढ़ी दर से मुआवजा दिए जाने को गलत ठहराया। प्रतिकर की दर बढ़ाए जाने के कारण मुआवजे का वितरण नहीं हो पाया और जमीन का वास्तविक कब्जा नहीं मिल पाया। कब्जा न मिल पाने के कारण प्रोजेक्ट रुका रहा।

ऐसे चला खेल

इस मामले में गाजियाबाद के तत्कालीन अपर जिलाधिकारी (भूमि अध्याप्ति) घनश्याम सिंह ने धारा-3डी की अधिसूचना के बाद नाहल गांव में अपने बेटे के नाम जमीन खरीदी और बाद में बढ़ी दर से मुआवजा हासिल किया। इसी तरह अमीन संतोष ने भी अपनी पत्‍‌नी व अन्य रिश्तेदारों के नाम जमीन खरीद कर ज्यादा मुआवजा हासिल किया। जांच होने पर दोनों को निलंबित किया गया था।

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे बन जाने से दिल्ली नजदीक हो जाएगी। कह सकते हैं कि अब दिल्ली दूर नहीं है। एक्सप्रेस-वे के बनने से न सिर्फ कामकाजी बल्कि डेली पैसेंजर को भी काफी राहत मिलेगी। कारोबार में भी बढ़ोत्तरी होगी।

अनुराग अग्रवाल, अध्यक्ष, आईआईए

एक्सप्रेस-वे और रैपिड रेल के बनने से मेरठ का विकास होगा। रियल एस्टेट सेक्टर समेत विभिन्न औद्योगिक क्लस्टर्स को बूम मिलेगा, एक्सप्रेस-वे के बनने दिल्ली समेत एनसीआर की राह आसान हो जाएगी।

कमल ठाकुर, रियल एस्टेट कारोबारी