और कोर्ट करती रही इंतजार

कैंट बोर्ड अधिकारियों के अनुसार बंगला नंबर 167 के मामले को लेकर लगातार तीसरे दिन सुनवाई होनी थी। ठीक 11:30 बजे का टाइम था। 1:30 बजे तक न तो चीफ जस्टिस एनजी रामन्ना और न ही एडीशनल जज राजीव सहाय एंडला ही कोर्ट में पहुंचे। उसके बाद चीफ जस्टिस से संपर्क करने बाद पूछा गया तो उन्होंने गुरुवार की तारीख तय कर दी।

धरी रह गई कैंट बोर्ड की तैयारी

कैंट बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार हाईकोर्ट ने जो 1925 से अब तक के जितने भी रिकॉर्ड मंगाए थे वो सारे लेकर गए थे। दर्जनों की संख्या में फाइलें  लेकर गए थे। कैंट बोर्ड के अधिकारियों का मानना है कि अगर सोमवार को सुनवाई होती तो कोर्ट अपना तुरंत फैसला सुना देती। कैंट बोर्ड अधिकारियों के अनुसार 1937, 1939, 1947, 1948 में जो बिल्डिंग प्लान सेंक्शन किए गए थे। उन्हें भी कोर्ट के सामने प्रस्तुत करने के लिए लेकर गए थे।

'कोर्ट में जज के आने से सुनवाई नहीं हो पाई है। अब कोर्ट की ओर गुरुवार की तारीख तय की गई है। हमारी केस को लेकर पूरी तैयारी है.'

- डॉ। डीएन यादव, सीईओ, कैंट बोर्ड