Painless occupation

डॉ। कलाम सीसीएस यूनिवर्सिटी के सुभाष चन्द्र बोस ऑडिटोरियम में मेरठ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सौ साल पूरे होने पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने पहले तो लेट होने के लिए सॉरी कहा और और मेडिकल स्टूडेंट्स को फोकस करते हुए अपनी स्पीच को मेडिसन एंड कंपेशन थीम पर बेस्ड रखा। उन्होंने मेडिकल फील्ड को पेनलेस ऑक्यूपेशन बताया।

ये भी थे मौजूद

इस कार्यक्रम में यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर वीसी गोयल, डीएम नवदीप रिणवा, डीआईजी के सत्यनाराण, एसएसपी ओमकार सिंह, आईएमए स्टेट प्रेसीडेंट डॉ। , आईएमए मेरठ के प्रेसीडेंट डॉ। सीएम शर्मा, सेकेट्री डॉ। तनुराज सिरोही मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ। डीपी कटारिया ने किया। इसके बाद आईएमए का सोवेनियर पब्लिश किया गया। इस प्रोग्राम में स्वर सुधा के रूप में डॉ। मनीषा तोमर ने वंदे मातरम्, राष्ट्र गाना और ऐ मेरे वतन के लोगों गाना गाया।

ऐसे हों हमारे हॉस्पिटल

डॉ। एपीजे अब्दुल कलाम ने बताया कि ऐसा होना चाहिए हमारा हॉस्पिटल

1- बाहर की कंट्रीज से टेक्नीकली स्ट्रांग मेडिकल इंक्यूपमेंट्स लाने चाहिए और हॉस्पिटल को टेक्नीकली स्ट्रांग बनाना चाहिए।

2- हॉस्पिटल स्टाफ को पेशेंट का वेलकम स्माइल के साथ करें, क्योंकि स्माइल के लिए कोई खर्चा नहीं होता और मरीज की हीलिंग में ये काफी इफेक्टिव साबित होता है।

3- हॉस्पिटल में फास्ट मूवमेंट होना चाहिए ताकि मरीज को जल्द से जल्द आराम मिल सके।

4- हॉस्पिटल में इस बात का भी पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए बायो मेडिकल वेस्ट से पेशेंट को इंफेक्शन न हो।

5- पहुंच से दूर मौजूद मरीजों तक मेडिकल सुविधाएं मिलें।

आईएमए के सौ साल का सफर

आईएमए मेरठ के सौ सालों का सफर डॉ। विरोत्तम तोमर ने बेहतरीन ढंग से पेश किया। मेरठ मेडिकल एसोसिएशन के नाम से साल 1913 में इसकी स्थापना हुई। शुरुआती दौर में आईएमए की मीटिंग घंटाघर पर हुआ करती थी। साल 1959 में पंडित जवाहर लाल नेहरू ने आईएमए भवन का शुभारंभ किया। जिसकी जमीन डॉ। भोपाल सिंह ने दी इसलिए इस भवन का नाम डॉ। भोपाल सिंह मेमोरियल रखा गया। सबसे पुरानी मानी जाने वाली मेरठ मेडिकल एसोसिएशन को साल 1930 में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के साथ मर्ज कर दिया गया। इन तमाम जानकारियों के बाद डॉ। तोमर ने उस दौरान के फोटोग्राफ और वीडियोज दिखाईं।

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