मेरठ (ब्यूरो)। शहर के स्वच्छता सर्वेक्षण की रैकिंग में हर साल भले ही सुधार हो रहा है, लेकिन हकीकत में स्वच्छता की स्थिति में कुछ खास बदलाव नहीं है। हालत यह है कि कुछ वीआईपी इलाकों को छोड़ दें तो बाकी शहर की सड़कों से लेकर गली मोहल्लों, बाजार सभी की सड़कों और पार्कों में कूड़े का ढेर जगह-जगह दिखाई देता है। वहीं, निगम का दावा है कि शहर के 73 वार्डों से निगम द्वारा अधिकृत कंपनी बीबीजी और बाकी वार्डों से निगम द्वारा डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन किया जा रहा है। अब ऐेसे में सवाल यह है कि यदि 90 वार्डों से कूड़ा कलेक्शन हो रहा है तो शहर की सड़कों से लेकर बाजारों में यह कूड़ा कहां से आ रहा है। नाले कूड़े से क्यों अटे हुए हैं।

निजी कंपनी के हवाले सफाई
निगम के आंकडों की बात करें तो साल 2018 में शुरु हुई डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन की कवायद शुरु हुई थी। जिसे 2021 में बीबीजी इंडिया कंपनी को दे दिया गया था। 2021 में फरवरी माह से बीबीजी इंडिया कंपनी शहर के 73 वार्डों से कूड़ा कलेक्शन कर रही है लेकिन इसके बाद भी शहर की सड़कों पर कूड़ा अलग ही कहानी बयां कर रहा है।

यह है स्थिति
73 वार्डों में जारी है डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन
17 वार्ड से डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन करता है निगम
2.83 लाख घरों से कूड़ा कलेक्शन का टारगेट
2.06 लाख घरों से अभी तक हो रहा डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन
77 हजार घरों से अभी भी नही हो पा रहा डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन
40 प्रतिशत घरों से रोजाना हो रहा डोर टू डोर कलेक्शन
28 प्रतिशत घरों से अभी नही हो रहा कूड़ा कलेक्शन
1200 टन कूड़ा उत्सर्जन का अनुमान है शहर में रोजाना
450- 500 टन हो रहा डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन
2019 में 93 के करीब कूड़ा कलेक्शन गाडिय़ों को कूड़ा उठाने के लिए लगाया गया था
190 से अधिक कूड़ा कलेक्शन गाडिय़ां हैं बीवीजी कंपनी के पास

कूड़ा कलेक्शन गाडिय़ों की भरमार
वहीं, निगम के पास कूड़ा कलेक्शन के लिए गाडिय़ों की भरमार है। 2019 में 93 के करीब कूड़ा कलेक्शन गाडिय़ों को कूड़ा एकत्र करने के लिए रवाना किया गया था। लेकिन इसके बाद से कूड़ा कलेक्शन का काफिला जस का तस बना है। जबकि बीवीजी कंपनी के पास 190 से अधिक कूड़ा कलेक्शन गाडिय़ां हैं। इसके बाद भी शहर में जगह जगह बिखरा कूड़ा इस कवायद को अधूरा दिखा रहा है।

कूड़ा खुद निगम की गाडिय़ां ही गलियों के बाहर या खुले मैदान में फेंक जाती है इनकी निगरानी होनी चाहिए।
तनवी बंसल

प्रमुख बाजारों की बात छोड़ दें तो अधिकतर पुराने शहर के बाजार व गलियों में कूड़ा कलेक्शन नही होता है। इसलिए रोजाना बाजार का सारा कूड़ा सड़क पर इधर उधर दिखाई देता है।
अजीत शर्मा

ओडियन नाला चलता फिरता कूड़ेदान बना हुआ है। पूरा नाला कूड़े से अटा रहता है। यदि कूड़ा कलेक्शन सही से हो रहा होता तो यह स्थिति नही होती।
जैद

कूड़ा कलेक्शन शत प्रतिशत करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। जिन वार्ड में कूड़ा कलेक्शन गाडिय़ां नही हो रही हैं वहां नए ई रिक्शा व हाथ गाडिय़ां खरीदने की प्रक्रिया जारी है। क्योंकि अधिकतर समस्या संकरी गलियों वाले वार्डों में है।
डॉ। हरपाल सिंह, प्रभारी नगर स्वास्थ्य अधिकारी