मेरठ ब्यूरो। डिफेंस मिनिस्ट्री ने कैंट बोर्ड को अधिक से अधिक ट्रेड लाइसेंस बनवाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही इसके लिए जागरुकता अभियान के निर्देश दिए हैं। उधर, व्यापारी लगातार इसका विरोध कर रहे हैं।
कई बार हो चुका है विरोध
गौरतलब है कि बीते एक साल पहले कैंट बोर्ड की मीटिंग में व्यापारियों को ट्रेड लाइसेंस जारी रखने का फैसला लिया गया था। साथ ही इसको अनिवार्य भी किया गया था। इसमें व्यापार को 50 वर्गों में बांटा गया था। कैंट बोर्ड ने कैटेगरी के हिसाब से टैक्स का भी निर्धारण किया था।

विरोध में उतरे व्यापारी
हालांकि, इस मुद्दे पर व्यापारियों ने विरोध जताया था। उनका कहना है कि वो पहले से ही कई तरह से टैक्स दे रहे हैं। व्यापारियों के अनुसार इस समय बिजनेस भी मंदा ही चल रहा है, ऐसे में ये एक नया टैक्स व्यापारियों पर थोपना किसी मुसीबत से कम नहीं है।

फिर गर्माया मुद्दा
कैंट बोर्ड और व्यापारियों के बीच ट्रेड लाइसेंस का मुद्दा एक बार फिर गर्माता दिख रहा है। दरअसल, 12 जुलाई 2021 को ही कैंट बोर्ड के सभी सदस्यों की सदस्यता समाप्त हो चुकी है। नए पार्षदों का चयन अभी हुआ नहीं है। बीते साल 2022 में कैंट बोर्ड ने टे्रड लाइसेंस के लिए सख्त रवैया अपनाया था।
जारी किया नोटिस
अब बोर्ड ने वेबसाइट पर फिर से ऑनलाइन ट्रेड लाइसेंस के लिए व्यापारियों को नोटिस जारी कर दिया है। बोर्ड के मुताबिक ऑनलाइन लाइसेंस के लिए व्यापारी आवेदन करे। इधर व्यापारियों ने भी इस लाइसेंस का विरोध शुरू कर दिया है।कैंट बोर्ड सीईओ के ज्योति कुमार के अनुसार लाइसेंस का नियम रक्षा मंत्रालय का है। इसलिए सभी व्यापारियों को लाइसेंस लेना होगा।

22 हजार व्यापारियों से जुड़ा मामला
कैंट के आठ वार्ड में कुल 22 हजार व्यापारी है। उनको 50 कैटगरी में बांटा गया है। इस लाइसेंस में अप्लाई करने के लिए कैंट ने 21 में सर्कुलर निकाला था, जो जुलाई में आया था। इन पचास कैटगरी में सबसे छोटे व्यापारी को 15 सौ रुपए सालाना और सबसे अधिक 66 हजार रुपए सालाना देने हैं। इसके लिए 350 रुपए अप्लाई करने की फीस है। बोर्ड ने अब इन व्यापारियों को अप्लाई करने के लिए 25 दिन का समय दिया है।


सभी व्यापारियों ने डीएम के सामने ये मुद्दा उठाया गया था। ट्रेड लाइसेंस प्रक्रिया के विरोध में सारेे व्यापारी हैं। कैंट बोर्ड की ओर नए नियम थोपे जा रहे हैं, जोकि गलत है।
विनेश जैन, मंडल प्रभारी फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया व्यापार मंडल

केंद्र सरकार जीएसटी कलेक्शन का कुछ हिस्सा कैंट को दे ताकि कैंट बोर्ड व्यापारियों से या निवासियों से फालतू पैसा न वसूले। अपने क्षेत्र के व्यापारियों पर कोई नया नियम न थोपे। बोर्ड लगातार नए नियमों से व्यापारियों को परेशानी में डाल रहा है, जो गलत है।
डॉ।संजय जैन, सीए, सदर

कैंट बोर्ड हमेशा कोई न कोई नया नियम बनाकर व्यापारियों को लूटने में लगा रहता है।ङ लगातार व्यापारियों पर चार्ज लगाना अच्छी बात नहीं है। व्यापारियों ने ट्रेड लाइसेंस का पहले भी विरोध किया था और अब भी कर रहे हैं।
अमित बंसल, महामंत्री, सदर व्यापार मंडल

ट्रेड लाइसेंस के विरोध में पहले भी व्यापारियों ने विरोध किया था। पहले से ही व्यापारी काफी सारे टैक्स दे रहे हैं।अब ऊपर से ये ट्रेड लाइसेंस गलत है।सभी व्यापारी इसके विरोध में हैं।
नवीन गुप्ता, अध्यक्ष, संयुक्त व्यापार संघ

ट्रेड लाइसेंस वाले नियम का व्यापारियों द्वारा पहले भी विरोध किया गया था। व्यापारी तो पहले से ही कई तरह के टैक्सों के घेरों में घिरा है।नए नियम के माध्यम से कैंट बोर्ड दवाब बना रहा है, जो गलत है।
सुनील दुआ, अध्यक्ष, सदर व्यापार मंडल