-शहर के पुराने हिस्सों में पेयजल समस्या से जूझ रहे लोग
-नगर निगम के पानी से नहीं होती प्रॉपर सप्लाई
-हैंडपंप से करते है आवश्यकताओं की पूर्ति
Meerut : मेरठ में पानी को लेकर गर्मी में ज्यादा परेशानी होती है। मांग की अपेक्षा लोगों को पानी की पूर्ति नहीं की जाती है। नगर निगम का पानी पीने लायक नहीं है। तभी तो हजारों लोग पीने का पानी बाहर से खरीद कर पीते हैं। शहर में आबादी तो दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। पर आबादी की हिसाब से पानी के साधन नहीं बढ़ रहे हैं।
वार्ड- 36
मोहल्ले- पुरानी मोहनपुरी, नई मोहनपुरी, पुलिस लाइन
दस साल पहले आबादी- 9 हजार
वर्तमान में आबादी- 16 हजार
पानी की समस्या तो है। नगर निगम के पानी से रोजमर्रा के घर के कार्य पूरे नहीं होते। इसीलिए मोटर लगा रखी है। बिजली नहीं आती जब तब ज्यादा समस्या होती है।
-धीरज, स्थानीय निवासी
वार्ड में पानी की समस्या को दूर करने के लिए दो दर्जन से अधिक हैंडपंप तो लगवाए हैं। लेकिन उनसे पूर्ति नहीं होती। नगर निगम को अनेक बार पानी की आपूर्ति बढ़ाने के लिए बोला है। कोई सुनवाई नहीं होती।
-सुधीर पुंडीर, पार्षद वार्ड 36
वार्ड- 45
मोहल्ले- सूरजकुंड, आर्य नगर, देवी नगर, स्पोर्टस कालोनी
दस साल पहले आबादी- 12 हजार
वर्तमान में आबादी- 20 हजार
पानी की समस्या से तो रोज जूझना पड़ता है। मोटर चलाकर पानी की जरूरत पूरी करते हैं। नगर निगम की ओर से हो रही पानी की आपूर्ति से काम नहीं चलता। साफ पानी नहीं आता है।
-राधेश्याम गोयल, स्थानीय निवासी
नगर निगम को पानी की समस्या पर सोचना चाहिए। सबमर्सिबल पर रोक लगानी चाहिए। इससे पानी को जरूरत से ज्यादा बहाया जाता है। ऐसे ही चलता रहा तो आने वाले समय में पानी का संकट हो जाएगा।
-सुबोध, स्थानीय निवासी
वार्ड में पानी की कोई समस्या नहीं है। वार्ड में पानी की आपूर्ति के लिए दो सबमर्सिबल लगे हुए हैं। साथ में एक टंकी भी लगी हुई है।
राजकुमार मुन्ना पार्षद वार्ड 45
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वार्ड- 52
मोहल्ले- फूलबाग कालोनी, नेहरू नगर, पंचशील कालोनी
दस साल पहले आबादी- 11 हजार
वर्तमान मे आबादी- 20 हजार
यहां पानी की कोई खास समस्या नहीं है। नगर निगम का पानी ठीक आता है। नगर निगम का पानी पीने लायक तो नहीं होता। आरओ लगवा रखा है। हैंडपंप भी लगे हुए है। बिजली न आने पर उससे जरूरत पूरी कर लेते हैं।
-महेश शर्मा, स्थानीय निवासी
पहले पानी की समस्या थी। लेकिन दो साल पहले मोहल्ले में नगर निगम ने एक सबमर्सिबल लगवाया है। जिससे पानी का फ्लो बढ़ गया है। अब ठीक पानी आता है। पीने का पानी बिना आरओ से संभव नहीं होता है।
-चंद्रशेखर त्यागी, स्थानीय निवासी
वार्ड में पानी की पूर्ति के लिए दो सबमर्सिबल लगाए हुए हैं। लगभग हर गली में हैंडपंप भी लगा हुआ है। वार्ड 52 में कोई पानी की कोई समस्या नहीं है।
-ज्योति वर्मा, पार्षद वार्ड 52
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वार्ड- 64
मोहल्ला- बुढाना गेट, स्वामी पाड़ा, फुटा कुआं, भाटवाड़ा, शीश महल
दस साल पहले आबादी- 13 हजार
वर्तमान में आबादी - 24 हजार
यहां पर बिना मोटर चलाए पानी नहीं आता है। बिजली न आने पर बहुत ही समस्या हो जाती है। हैंडपंप लगे हुए वो भी चलते नहीं है। पार्षद को कई बार लिख कर दे चुके हैं। पर कोई सुनवाई नहीं होती
गौतम, स्थानीय निवासी
पानी क्या यहां तो समस्याओं का अंबार है। पानी तो आता ही नहीं हैॅ साथ में गंदगी भी बहुत रहती है। नगर निगम का पानी आता है पर फ्लो नहीं है। बूंद-बूंद पानी आता है। उससे जरूरत पूरी नहीं होती।
नीरज, स्थानीय निवासी
वार्ड में पानी की समस्या तो है। नगर निगम से सबमर्सिबल लगाने के लिए कहा है। जल्द ही पानी की समस्या को दूर कर दिया जाएगा।
गौरव, पार्षद वार्ड 64
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पानी का दुरूपयोग होता है
शहर में जितने भी दुपहिया और चार पहिया के सर्विस सेंटर हैं। लगभग सभी के यहां सबमर्सिबल लगा हुआ है। वाहनों को धोने के लिए बेतहाशा पानी बहाया जाता है। इसकी रोकथाम के लिए कोई कार्रवाई नहीं होती।
बोरिंग पर है बैन
मेरठ मंडल को शासन ने डार्क जोन में घोषित कर रखा है। बोरिंग करने पर शासन ने रोक लगा रखी है। बावजूद इसके शहर में खुलेआम सबमर्सिबल की बिक्री होती है।
शहर में पानी की आपूर्ति के लिए 157 टयूबवैल और 54 टंकी है। शहर में 8500 हजार हैंडपंप भी लगे हुए हैं, जिससे मांग की अपेक्षा पानी की पूर्ति हो रही है। हर वार्ड में भी सबमर्सिबल लगवा रखे हैं।
-हरिकांत अहलूवालिया
पानी को लेकर शहर में कोई समस्या नहीं है। पानी की आपूर्ति के लिए नगर निगम की ओर से पर्याप्त व्यवस्था है। जहां समस्या है वहां पर हैंडपंप लगाए जा रहे हैं। शहर में लोगों ने भी अपने स्तर से बोरिंग करा रखे हैं।
-उमेश प्रताप सिंह, नगर आयुक्त
शहर में घर। 3 लाख
कुल टयूबवेल- 157
टंकी- 54
हैंडपंप- 8500
निजी बोरिंग- लगभग 30 हजार