- शहर में हर साल बढ़ रहे 20 हजार बिजली कंज्यूमर्स
- बिजली विभाग के इंतजाम आज भी 30 साल पुराने
- लगातार बढ़ रही ओवर लोडिंग, समस्या जस की तस
Meerut: शहर में बिजली कंज्यूमर्स की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। इसके बावजूद विभाग के इंतजाम आज भी तीस साल पुराने हैं। नतीजा यह है कि शहर में बिजली की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। पुराने डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम के कारण ओवरलोडिंग व अनशेड्यूल्ड पॉवरकट शहरवासियों के लिए नासूर बन गया है।
नहीं बढ़ रहे इंतजाम
पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के कंज्यूमर्स की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। पिछले कुछ सालों का रिकॉर्ड चेक करें तो शहर में हर साल औसतन 20 हजार कंज्यूमर्स की बढ़ोतरी हुई है। इसके विपरीत पीवीवीएनएल का डिस्ट्रीब्यूशन ढांचा आज भी 30 साल पुराना है, जो वर्तमान इलेक्ट्रीसिटी लोड को झेलने में सक्षम नहीं है। दरअसल, तीस साल पूर्व विभाग ने जिन क्षेत्रों में तत्कालीन आबादी और कंज्यूमर्स के हिसाब से डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम इंस्टॉल किया था। वहां कंज्यूमर्स की संख्या पांच गुणा बढ़ चुकी है। बावजूद इसके सिस्टम की क्षमता आज भी जस की तस है। परिणाम यह है कि अधिक लोड की मार झेल रहे कम क्षमता के सिस्टम ओवरलोडिंग से दम तोड़ रहे हैं।
तेजी से बढ़ रहे उपभोक्ता
जनपद में बढ़ रही जनसंख्या के साथ ही बिजली उपभोक्ताओं में भी तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। यदि विभागीय आंकड़ों पर गौर करें तो हर साल 20 हजार उपभोक्ता विभाग से कनेक्शन प्राप्त कर रहे हैं।
उपभोक्ताओं की बढ़ती तदाद
साल शहर ग्रामीण
2007 2,02,355 1,34,584
2008 2,12,233 1,54,584
2009 2,32,435 2,16,668
2010 2,38,328 2,28,577
2011 2,44,578 2,38,925
2012 2,51,592 2,47,988
2013 2,92,594 2,54,694
2014 3,13,443 2,71,475
2015 3,29,154 2,92,342
सभी आंकडे़ बिजली विभाग से लिए गए हैं
300 मेगावाट बिजली की कमी
विभागीय आंकड़ों पर गौर करें तो इस समय शहर में बिजली की मांग के सापेक्ष आपूर्ति में भारी कमी है। इसके चलते शहर में बिजली का संकट बना हुआ है। मौजूद समय में शहर में बिजली की मांग 700 सौ मेगावाट है, जबकि इसके सापेक्ष शहर को केवल 400 मेगावाट बिजली ही मुहैया कराई जा रही है। इस हिसाब से देखें तो शहर 300 मेगावाट बिजली की किल्लत झेल रहा है।
आरएपीडीआरपी योजना के अंतर्गत डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम की क्षमता बढ़ाई जा रही है। इसके अलावा कुछ पॉवर स्टेशन लगाए जाने भी प्रस्तावित हैं। पॉवर स्टेशन के लिए जगह मिलने में देरी हुई है।
-आरके राणा, एसई विद्युत वितरण नगरीय