- बाजारों में लेडीज टॉयलेट को लेकर है बड़ी समस्या

- बड़े बाजारों में भी लेडीज टॉयलेट की व्यवस्था नहीं

रूद्गद्गह्मह्वह्ल: पीएम नरेंद्र मोदी ने बच्चों के साथ अपनी पाठशाला में लेडीज टॉयलेट को लेकर चिंता व्यक्त की थी। उनकी यह चिंता वास्तव जायज है। सरकारी कॉलेज और स्कूलों की बात छोडि़ए, यहां बड़े बाजारों में भी लेडीज टॉयलेट तक नहीं है। नगर निगम के बाजारों में यह व्यवस्था निगम की होनी चाहिए, जबकि किसी भी बाजार में निगम ने कोई व्यवस्था नहीं की है। क्योंकि जनता की मूलभूत सुविधाओं में आने वाली इस व्यवस्था का जिम्मा नगर निगम का होता है। अब देखना है मोदी जी के भाषण का कितना असर नगर निगम पर पड़ता है।

सेंट्रल मार्केट

सेक्टर दो शास्त्री नगर स्थित सेंट्रल मार्केट में ढाई से तीन सौ दुकानें हैं। आबूलेन मार्केट के बाद इसका नंबर आता है। इसे मिनी आबूलेन भी कहते हैं। इस मार्केट में हजारों लोग रोज खरीदारी करने आते हैं। इनमें महिलाओं की संख्या अधिक होती है। हर तरह का सामान यहां मिलता है। इसके बाद भी इस पूरे मार्केट में महिलाओं के लिए टॉयलेट की व्यवस्था नहीं है। दुकानदार खुद कहते हैं कि महिलाएं हमसे पूछती हैं, पर हम कोई व्यवस्था नहीं करा पाते। यह व्यवस्था नगर निगम को करनी चाहिए, लेकिन आजतक कुछ नहीं किया गया।

सेंट्रल मार्केट में लेडीज की टॉयलेट को लेकर हम भी परेशान रहते हैं। नगर निगम कोई व्यवस्था नहीं कर रहा है। जबकि यह काम नगर निगम का है, यहां महिलाएं आती हैं और उनको परेशानी होती है, इस समस्या का समाधान होना चाहिए। हमने कई बार नगर निगम से बातचीत की है, फिर भी कुछ नहीं हुआ।

- जितेंद्र अग्रवाल, सेंट्रल मार्केट व्यापार संघ महामंत्री

इस पूरे मार्केट में ढाई सौ से तीन सौ दुकानें हैं। यह मिनी आबूलेन है। महिलाओं के लिए टॉयलेट की व्यवस्था नहीं होना एक मेजर प्रॉब्लम है। बाजार में महिलाओं के लिए सरकारी टॉयलेट होना चाहिए, लेकिन ऐसी कोई व्यवस्था पूरे बाजार में नहीं है। लेडीज कस्टमर हमसे पूछती हैं तो हम कोई जवाब नहीं दे पाते।

- गोपाल सूदन, सेंट्रल मार्केट व्यापार संघ मीडिया प्रभारी

इस मार्केट में एक तो जगह की कमी है। ऊपर से नगर निगम कोई व्यवस्था करता नहीं है। व्यापारी भी कहां करें। नगर निगम अपनी जगह में तो बना सकता है। जिसका कोई विरोध भी नहीं करेगा। लेडीज के लिए टॉयलेट का नहीं होना एक बड़ी समस्या है। हजारों महिलाएं बाजार में आती हैं।

- विनीत गुप्ता, व्यापारी

पूरे मार्केट में कहीं भी लेडीज के लिए कोई टॉयलेट नहीं है। यह एक ऐसी समस्या है जिसका समाधान नहीं हो पा रहा है। नगर निगम को कई बार व्यापारी लिखकर दे चुके हैं। इसके बाद भी आजतक कुछ नहीं हुआ। एक टॉयलेट है, जो खुली हुई है। वहां महिलाएं जा ही नहीं सकतीं।

- राजीव विश्नोई, व्यापारी

भगत सिंह मार्केट

यह मार्केट दुकानों के हिसाब से काफी बड़ा है। जिसमें 170 दुकानें नगर निगम की हैं, जिनका किराया नगर निगम वसूलती है। यहां इस पूरे मार्केट में करीब चार सौ दुकानें हैं। महिलाओं के लिए टॉयलेट की व्यवस्था ही नहीं है। नगर निगम के कई और बाजार हैं, जैसे मीना बाजार घंटाघर, पीएल शर्मा मार्केट। इनमें नगर निगम की दुकानें होने के बाद भी टॉयलेट की व्यवस्था बिल्कुल नहीं है। अगर किसी महिला को समस्या होती है तो उसको अपने घर ही जाना पड़ता है।

टॉयलेट की व्यवस्था मूलभूत सुविधाओं में आती है। जिसका जिम्मा नगर निगम का है। इस पूरे बाजार में चार सौ दुकानें होने के बाजवूद आजतक कोई महिला टॉयलेट नहीं बना। हजारों महिलाएं बाजार में आती है, लेकिन महिला टॉलयेट की कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण परेशानी होती है। इसके लिए आरटीआई भी लगाई गई है। जिसका जवाब मांगा जा रहा है।

- लोकेश खुराना, व्यापारी

इस मार्केट में एक भी टॉयलेट नहीं है। यहां हजारों महिलाएं सामान खरीदने आती हैं। सबको समस्या होती है, पर क्या करें। नगर निगम वाले इस ओर कोई ध्यान नहीं देते। जबकि इस बाजार में नगर निगम अपनी दुकानों से किराया पूरा वसूलता है। इसके बाद भी टॉयलेट की समस्या जस की तस है।

- मनोज, व्यापारी

आबूलेन

यूं तो आबूलेन हार्ट ऑफ कहा जाता है। कपड़े, ज्वैलरी से लेकर स्पो‌र्ट्स और गिफ्ट आइटम के ब्रांडेड शोरूम, रेस्टोरेंट, बैंक और सिनेमा हॉल सब यहां मौजूद हैं। सिटी और आसपास के इलाकों से लोग यहां खरीददारी के लिए आते हैं, लेकिन कमी है तो पब्लिक कन्वीनयंस की। आबूलेन बाजार में 300 से भी अधिक दुकानों की मार्केट में केवल एक ही लेडीज वॉश रूम है और वो भी ऐसी जगह है जिसके बारे में आधे से ज्यादा महिलाएं जानती तक नहीं है। फव्वारा चौक पर अंडर ग्राउंड बने इस लेडिज टॉयलेट के बारे में काफी महिलाओं को तो जानकारी तक नहीं है।

मार्केट में लेडिज वॉश रूम के लिए कई दुकानदारों ने अपनी पर्सनल व्यवस्था कर रखी है। हां इतना जरुर है कि महिलाओं को काफी परेशानी होती है।

गगन सिंह, ज्वाइंट सेकेट्री, आबूलेन व्यापार संघ

बाजार की तरफ से मोती कॉम्पलेक्स में एक अलग से वॉशरूम की व्यवस्था की गई है। जो कोई पूछता है तो उसे बता दिया जाता है, लेकिन वैसे यहां केवल एक ही वॉशरुम है।

नरेंद्र सिंह, अध्यक्ष, आबूलेन व्यापार संघ

सदर बाजार में नहीं है टॉयलेट

सिटी की बेहद फेमस माने जाने वाली सदर मार्केट जहां बॉम्बे बाजार से लेकर चौक बाजार तक लगभग एक हजार शॉप है। व्यापार एसोसिएशन मेंबर संदीप के अनुसार यहां तो लेडीज छोडि़ए जेंट्स को लिए भी वॉश रूम भी नहीं है।

सदर बाजार में वॉश रूम ही नहीं है, लेडिज न जेंट्स, यहां आठ सौ से भी ऊपर दुकाने हैं, पर वॉश रूम नहीं है। जिससे काफी दिक्कत होती है।

मोन, व्यापारी सदर

वॉश रूम की समस्या तो यहां बहुत ही बड़ी है। यहां तो कस्टमर को तो छोडि़ए हमें खुद ही दिक्कत होती है। जिसके घर पास है उनको तो फिर भी राहत है।

सौरभ गुप्ता, व्यापारी सदर

15 यूनियन का है ये लालकुर्ती बाजार

लालकुर्ती पैंठ और लालकुर्ती बाजार अपने आप में ही बहुत बड़ा बाजार है। यहां की अगर हम व्यापार संघ की बात करें तो यहां पूरी 15 यूनियन बनी हुई हैं। इनमें एक यूनियन में कम से कम 35 शॉप तो है ही। बाजार में दूर-दूर तक यहां लेडीज और जेंट्स वॉश रूम नहीं है। लगभग 10 हजार की फुटफॉल में महिलाओं को यहां वॉश रूम न होने पर काफी परेशानी होती है। जबकि इतनी बड़ी मार्केट में एक लेडीज वॉश रूम तो होना ही चाहिए।

यहां लेडीज जेंट्स कोई भी टॉयलेट नही है। कस्टमर तो परेशान होते ही हैं। दुकानदारों को भी काफी परेशानी होती है। 15 यूनियन की इस मार्केट में एक भी वॉश रूम नहीं है।

हरिश राजपाल, सेकेट्री, लालकुर्ती व्यापार संघ

पीएल शर्मा रोड

पीएल शर्मा रोड जो कम्प्यूटर रिपेयरिंग और कम्प्यूटर एक्सल्यूजिव मार्केट मानी जाती है। वहां हनुमान मंदिर तक लगभग 160 दुकानें और उससे आगे कचहरी रोड तक लगभग 500 दुकानें हैं। मार्केट में एक भी लेडीज वॉश रूम नहीं है। यहां भी महिलाओं को वॉश रूम की परेशानी का सामना करना पड़ता है।

यहां लेडीज वॉश रूम नहीं है। यह काफी दिक्कत वाली बात है। कस्टमर पूछते हैं तो हमें यह बोलने में हिचक होती है कि यहां लेडीज के लिए वॉश रूम नहीं है।

प्रमोद सिंह, व्यापारी

यहां व्यापारियों की तरफ से एक कॉम्पलेक्स में बनवाने की बात की जा रही हैं, लेकिन यहां अभी फिलहाल लेडीज वॉश रूम नहीं है।

विजय गुप्ता, अध्यक्ष, पीएल शर्मा मार्केट व्यापार संघ

मार्केट घुमते समय सबसे बड़ी परेशानी होती है, पानी और टॉयलेट मगर दोनों की ही सुविधाएं मार्केट में नही है।

नीतू, आबूलेन निवासी

कभी-कभी तो इतनी परेशानी होती है, फिर बस आधी अधूरी शॉपिंग छोड़कर घर लौट जाना पड़ता है। कम से कम लेडीज वॉश रूम तो होना ही चाहिए।

स्नेहा, बेगम बाग निवासी

यही तो दिक्कत है आखिर महिलाओं के लिए वॉश रूम क्यों नहीं है। बाजार में टॉयलेट की बड़ी समस्या होती है।

संगीता, शास्त्रीनगर

अब दिक्कत तो है, ऐसे में हमें परेशान होकर शॉपिंग छोड़कर घर ही लौटना पड़ता है।

मधु गुसाई, पीएल शर्मा रोड

महिलाओं के लिए हर मार्केट में कम से कम दो वॉश रूम तो होने ही चाहिए। मगर यहां तो एक भी नहीं है।

बबली, पीएल शर्मा रोड