मेरठ (ब्यूरो)। बैठक में 1 अक्टूबर से 10 करोड़ टर्न ओवर वाले व्यापारियों के लिए ई इन्वाइसिंग आवश्यक होने के कारण समेत व्यापारियों को इस प्रक्रिया के बारे में जानकारी प्रदान की गई। बैठक की शुरुआत में संस्था के अध्यक्ष विनेश जैन के जन्मदिन पर संस्था की ओर से केक काटकर शुभकामनाएं प्रेषित की गई़। इसके बाद सभा में आए अतिथियों का शाल पहनाकर स्वाागत किया गया।

सही इंप्लीमेंटेशन की आवश्यकता
सभा को संबोधित करते हुए विभाग ग्रेड वन अधिकारी एम पी सिंह ने कहा कि जीएसटी की जटिलताओं को देखकर इससे होने वाले फायदों पर विचार कर इसे सही इंप्लीमेंटेशन की आवश्यकता है। पूर्व में जो लोग फर्जी बिलों के माध्यम से न केवल सरकार को वरन अन्य व्यापारियों को धोखा दे रहे थे, ई-इन्वाइसिंग के आरंभ होने के बाद उसमें अप्रत्याशित रूप से कमी आई है।

अधिक सजग रहने की आवश्यकता
उन्होंने कहा कि सभी व्यापारियों को अपने व्यापार को करते समय अधिक सजग रहने की आवश्यकता है क्योंकि क्रेता को सरकार से आईटीसी का लाभ तभी मिलेगा जब विक्रेता ने अपने बेचे हुए माल पर कर का भुगतान खरीद करने वाले व्यापारी के नाम से विभाग में जमा कराया होगा।

समय से जानकारी जरुरी
कर अधिवक्ता मनु ऋ षि ने कहा कि चूंकि यह एक कठिन विषय है और इसमें अभी तक अनेकों बदलाव किए जा चुके हैं तो इसके लिए सभी व्यापारियों को निरंतर इसके बारे मे जानकारी जुटाते रहने की आवश्यकता है।

ये रहे मौजूद
बैठक में जीएसटी विभाग के एडिशनल कमिश्नर एमपी सिंह अपने अन्य अधिकारियों ज्वाइंट कमिश्नर आर पी सिंह, सुजीत जायसवाल, डिप्टी कमिश्नर मृत्युंजय राय, अनमोल कपूर, संजय सिंह, वरिष्ठ कर अधिवक्ता मनु ऋषि समत संस्था के सरंक्षक विपिन कंसल, महामंत्री सुधांशु गुप्ता, कोषाध्यक्ष नवीन बंसल, प्रदीप सिंहल, यतेंद्र रस्तोगी, प्रतीक रस्तोगी, प्रफुल्ल जैन, सूरज गुप्ता, विकास कंसल, अनुराग रस्तोगी, विधय शर्मा आदि उपस्थित रहे।