- यूनिवर्सिटी ने तैयार कराया नया सॉफ्टवेयर, फीड होगा तीन वर्ष का बोर्ड रिजल्ट

- दाखिले में नहीं कर सकेंगे मार्कशीट में फर्जीवाड़ा, तीनों बोर्ड ने मांगा डाटा

Meerut । सीसीएस यूनिवर्सिटी ने इस बार एडमिशन को लेकर नया प्रयोग किया है। इसके अनुसार आवेदन करने वाले स्टूडेंट्स को अपने पूरे विवरण फार्म में नहीं भरने होंगे। स्टूडेंट्स के बोर्ड एग्जाम के रोल नंबर डालते ही उनकी पूरी जानकारी सामने उपलब्ध होगी। इस संबंध में यूनिवर्सिटी ने एक नया सॉफ्टवेयर डेवलप किया है। इस सॉफ्टवेयर के लिए यूनिवर्सिटी की ओर से यूपी बोर्ड, सीबीएसई और सीआइएससीई से तीन वर्षो के बोर्ड रिजल्ट का डाटा मांगा जा रहा है। यह डाटा यूनिवर्सिटी के एडमिशन सॉफ्टवेयर में फीड किया जाएगा। डाटा को दाखिले के आवेदन लिंक से जोड़ा जाएगा। ताकि यूनिवर्सिटी के पास स्टूडेंट्स का डाटा पहले से ही हो।

नहीं होगी कोई गड़बड़ी

अक्सर स्टूडेंट्स आवेदन फार्म भरते समय जल्दबाजी में जरूरी जानकारियों में भी गलती कर देते हैं। ऐसे में आवेदन में या तो छात्र छूट जाते हैं या फिर बाद में उन्हें संशोधन के आवेदन करने पड़ते हैं। अब इस सॉफ्टवेयर के जरिए छात्रों के आवेदन में वही जानकारियों स्वयं अपलोड हो जाएंगी जो उन्होंने संबंधित बोर्ड परीक्षा के आवेदन फार्म में भरे होंगे। इसके बाद गलती में सुधार के लिए पहले संबंधित बोर्ड को आवेदन करना होगा।

फर्जीवाड़े पर लगेगी रोक

यूनिवर्सिटी के सामने ऐसे कई मामले आए हैं जिनमें छात्रों ने अधिक प्रतिशत पाने वालों के रोल नंबर पर अपने नाम बदल कर दाखिले कराए हैं। विगत वर्षो में खास तौर पर यूपी बोर्ड के डाटा में वेबसाइट से महज रोल नंबर या रजिस्ट्रेशन नंबर की वैधता जांची जाती थी। अब पूरा विवरण सामने होने से उसमें फेरबदल करना संभव नहीं होगा।

मांगा है डाटा

यूनिवर्सिटी की ओर से यूपी बोर्ड से पिछले तीन वर्षो के बोर्ड परीक्षा परिणाम का डाटा मांगा गया है। इसके साथ ही सीबीएसई एवं सीआइएससीई को भी आवेदन भेजे गए हैं। करीब एक सप्ताह के भीतर विवि के पास तीनों बोर्ड के डाटा उपलब्ध होंगे।

यूनिवर्सिटी में दाखिले की प्रक्रिया देख रही पुरानी कंपनी को बोर्ड का डाटा मुहैया कराया गया था लेकिन कंपनी की ओर से वह डाटा यूनिवर्सिटी को वापस नहीं किया गया। इससे विवि को पिछले तीन वर्षो का डाटा मांगना पड़ा रहा है।

प्रोफेसर एनके तनेजा, वीसी