यूनिवर्सिटी के कूलर 'मौत' भी देते हैं

- वाटर कूलर से पानी पीने गए मासूम को लगा करंट, हंगामा

- पब्लिक और स्टूडेंट्स ने लगाया जाम, आश्वासन पर हटे

<यूनिवर्सिटी के कूलर 'मौत' भी देते हैं

- वाटर कूलर से पानी पीने गए मासूम को लगा करंट, हंगामा

- पब्लिक और स्टूडेंट्स ने लगाया जाम, आश्वासन पर हटे

Meerut:Meerut: सीसीएस यूनिवर्सिटी के गेट पर लगा वाटर कूलर एक मासूम की जान का दुश्मन बन गया। वो प्यास बुझाने के लिए वहां गया था, लेकिन उसे मिली मौत। कूलर में करंट आ रहा था, जिसने मासूम साहिल को मौत की नींद सुला दिया। इस मौत के लिए असली गुनाहगार हैं यूनिवर्सिटी के अधिकारी। कूलर की देखभाल का काम यूनिवर्सिटी का इलेक्ट्रिक डिपार्टमेंट करता है, जिसमें कर्मचारियों की लंबी-चौड़ी फौज है। ये कर्मचारी ठीक ढंग से अपना काम करते हैं या नहीं, ये देखना अफसरों की जिम्मेदारी है। अगर कूलर की रेगुलर सही ढंग से देखभाल होती तो शायद आज मासूम की मौत न होती।

पानी के साथ चिपका

यूनिवर्सिटी के बाहर सड़क किनारे झुग्गी झोपड़ी में गुजर बसर करने वाले सत्ते उर्फ सतीश का छह साल का बेटा साहिल रविवार की शाम को खेलते हुए पानी पीने यूनिवर्सिटी के गेट पर गया था। जहां वाटर कूलर लगा हुआ हुआ है। उसके साथ कई और मासूम बच्चे भी थे। जैसे ही वह पानी पीने के लिए वाटर कूलर के पास गया और पानी के लिए टंकी चलाई तो वह उसके साथ ही चिपक गया। उसकी चींख निकली और फिर वह नहीं उठ सका। उसके साथ वाले बच्चे यह देखकर भागे और अपने घर जाकर बताया।

मौत के बदले मांग

साहिल का पिता सतीश और उसकी मां दौड़कर यूनिवर्सिटी के गेट पर पहुंचे। जब तक वे पहुंचे वाटर कूलर का करंट साहिल की जान ले चुका था। साहिल को किसी तरह उठाकर आनंद हॉस्पिटल ले जाया गया। जहां उसको मृत घोषित कर दिया गया। इस दौरान स्टूडेंट्स लीडर दुष्यंत तोमर अपने साथियों संग यूनिवर्सिटी के गेट पर पहुंच गया। वहीं बच्चे की बॉडी को लेकर उसके परिजन भी इकट्ठा हो गए। स्टूडेंट्स ने मृतक बच्चे के परिजनों संग मिलकर यूनिवर्सिटी के मेन गेट के सामने जाम लगा दिया।

मुआवजे के आश्वासन पर शांति

जहां काफी देर तक जाम लगा रहा और मुआवजे की मांग रखी गई। स्टूडेंट्स ने वीसी को बुलवाने की मांग रखी। साथ ही प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस भी मौके पर पहुंच गए। एसडीएम, सीओ और कई थानों की पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मामले की जानकारी की। साथ ही हंगामा कर रहे लोगों को शांत करने की कोशिश की। वहीं काफी देर तक स्टूडेंट्स ने सड़क पर बैठकर वीसी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए मुकदमा कायम करने की मांग रखी। इसके साथ ही यूनिवर्सिटी के बाहर एक नल लगाने की मांग भी रखी गई।

यूनिवर्सिटी के खिलाफ मुकदमा

काफी देर बाद यूनिवर्सिटी के प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। जिनमें प्रो वीसी एचएस सिंह, चीफ प्रोक्टर जितेंद्र सिंह ढाका और अन्य अधिकारियों ने जानकारी ली। मौके पर मौजूद प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा बच्चे की मौत पर शासन से मुआवजे का आश्वासन दिया गया। इसके बाद लोग शांत हुए और बॉडी पीएम के लिए भेज दी गई। वहीं स्टूडेंट्स लीडर दुष्यंत तोमर ने थाने पहुंचकर यूनिवर्सिटी प्रशासन और वीसी के खिलाफ मुकदमा कायम कराया। जिसमें पुलिस से कार्रवाई की मांग की।

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हालात भी हुई घटनाएं

खैरनगर में एक मासूम बच्चे को बारिश से बचने के लिए एटीएम का सहारा लेना भारी पड़ गया था। बारिश का पानी एटीएम में आया और वहां करंट ने उस मासूम की जान ले ली थी। इसके बाद खैरनगर से वह एटीएम ही हटवा दिया गया गया। ऐसा ही कुछ यूनिवर्सिटी में भी हुआ है। मासूम साहिल पानी ही पीने गया था। लेकिन उसको पानी पीने का खामियाजा जान देकर चुकाना पड़ा। साहिल की मौत के बाद मासूम के परिवार में मातम छा गया है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

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ढाई हजार बच्चे

यूनिवर्सिटी में ढाई हजार बच्चे हैं। करीब आठ हॉस्टल हैं, जिनमें करीब पचास से अधिक वाटर कूलर हैं। इनमें अधिकतर की हालत काफी खराब होती है। जबकि यूनिवर्सिटी मेंटीनेंस के लिए लाखों रुपए का टेंडर ठेकेदार को देती है। इसके बावजूद पानी की सही व्यवस्था स्टूडेंट्स के लिए नहीं होती। शुक्र रहा कि यह कैंपस का कोई स्टूडेंट्स नहीं था। अगर यूनिवर्सिटी कैंपस कोई स्टूडेंट्स होता तो समस्या गंभीर होती। सड़क पर जाम के साथ बवाल भी तगड़ा होता।

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ये बोले

हमे मासूम बच्चे की मौत का दुख है। यह एक्सीडेंट है, जो वाटर कूलर में करंट उतर आया। इसमें कोई भी हो सकता था। अब मेरे और यूनिवर्सिटी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा रही है। इसमें यूनिवर्सिटी की कोई गलती नहीं है। हम बच्चे के परिजनों को मुआवजा तो नहीं दे सकते लेकिन शासन को इसके लिए लिख सकते हैं। - प्रोफेसर एचएस सिंह, प्रो वीसी, सीसीएसयू

यह एक हादसा है। पानी में करंट कैसे उतर आया इसको देखा जाएगा। यह हादसा किसी के साथ भी हो सकता था। यूनिवर्सिटी के खिलाफ मुकदमा होगा तो यूनिवर्सिटी खुद जवाब देगी। लेकिन इसमें यूनिवर्सिटी का कोई दोष नहीं है।

- प्रोफेसर जितेंद्र ढाका, चीफ प्रोक्टर

इस मामले में हमने वीसी और यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ मुकदमे की तहरीर दी है। साथ ही यूनिवर्सिटी के बाहर एक नल लगाने की मांग और बच्चे को मुआवजा दिलाए जाने की मांग रखी गई है। प्रशासन ने तुरंत मुआवजे के लिए शासन को लिखने का आश्वासन दिया है।

- दुष्यंत तोमर, स्टूडेंट्स लीडर